वक़्त
एक बार वक़्त मेरे सामने आया और बोला मैने तेरा क्या बिगाड़ा है जो तू मुझे बदनाम करता है धोखा खाता है दूसरो से और मेरे ऊपर इल्ज़ाम रखता है।
मैंने भी उससे कहा कि तू ही तो है जो मुझे परेशान करता है मेरे अपने ही मेरे खिलाफ हो जाते है तू ऎसे काम करता है।
तो वक़्त बोला अरे पगले तू न समझ है मै तो तुझे अपनो की पहचान कराता हूँ जब मै तेरे काम बिगाड़ता हूँ तो तुझे लोगो के मतलबी होने का एहसास कराता हूँ।
मैंने उससे कहा जो मुझे पसंद थे वो ही मुझसे दूर हो गये ऎसी क्या हुई खता मुझसे जो सब मुझसे नाखुश हो गए।
वक़्त ने कहा ठीक है मै तेरे मन की करता हूँ और तेरा वक़्त बदल कर फिर से उनको तेरे संग करता हूँ।
मैंने कहा रहने दे अब इसका कोई फायदा नहीं जो इस दिल को तोड़ गया उसे वापस रखने का इरादा नहीं।।
amit07
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