तुम्हारा क्या है, तुम्हे सिर्फ "ज्ञान" देना है,
हमारी सोचो, हमे "इम्तेहान" देना है।
©bechain_ruh
bechain_ruh
खुश हूं मैं, खुद में
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bechain_ruh 11w
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bechain_ruh 11w
ये मेरी जिंदगी का वो दौर है
जहां मैं
अपनों में छिपे गैरों से रूबरू हो रही हूं
©bechain_ruh -
bechain_ruh 11w
मेरे अपने,
मेरे जिंदा रहने से खुश नहीं है
और मेरे मरने से भी खुश नहीं होंगे
©bechain_ruh -
bechain_ruh 11w
सब कुछ बहुत खूबसूरत चल रहा था
ना जाने क्यों,
मैंने जिंदगी को एक रिश्ते में उलझा दिया था
छुप सकता था जो एहसास,
ना जाने फिर क्यों,
मैने उसे बता दिया था ।।।
©bechain_ruh -
bechain_ruh 12w
हम मिडिल क्लास के लोग भी कितने इज्जतदार होते है
इज्जत बचाने के खातिर.....
"मरी हुई बेटी देख सकते है
मगर तलाक शुदा नहीं"
©bechain_ruh -
bechain_ruh 18w
ज्यादा "अच्छा" होना भी,
बहुत "खराब" होता है !
©bechain_ruh -
bechain_ruh 18w
खुद को इतना सवारना है कि..
पाने वाले को क़दर हो,
और खोने वाले को अफ़सोस ..!
©bechain_ruh -
bechain_ruh 18w
"बात" करने में और "बातें" करने में वही फर्क होता है,
जो रात भर जागने में और नींद न आने में होता है
©bechain_ruh -
bechain_ruh 18w
बदली नही मैं, मेरी भी एक कहानी है,
बुरी बन गई मैं, मेरे अपनों की मेहरबानी है !!
©bechain_ruh -
bechain_ruh 18w
जिंदगी
तू "बिखर" चुकी है,
मैं जानती हूं....
मगर थोड़ा सा "वक्त" दे बस,
यकीनन मैं "समेट" लूंगी तुम्हें !!
©bechain_ruh
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psyadav 19w
Replica
It is hard to deal with a person who is exact replica of your own older version.
©psyadav -
बेशक है मुझको, मुकद्दर से गिले
अकेला हूं सफ़र में कोई तो मिले!
©mai_shayar_to_nahi_ -
_desaiagraja 19w
अब वही गाना फिरसे सुनने से डरती हूं
याद हैं, तुमने कहा था,
"मानले के इस गाने से
में तुम्हे इज़हार कर रहा हूं"
मैंने अब वो गाना प्लेलिस्ट से हटा दिया हैं,
पर कल टेरेस पे वॉक करने गई,
तो कही, यही गाना बजरहा था,
तो चांद को बिना देखे ही वापस आ गई,
इस डर से की,
वो वादे, तुम्हारी यादें, और हमारी बाते
मुझे उस पल में खीच ना लेजाए,
जहा से वापस आना मुस्किल था,
क्योंकि में वही ठहरना चाहती थी।
में तो चाहती थी की,
हम वही रेह जाए,
तुम भी थोड़ा रुक जाओ,
और थोड़ा वक्त भी ठहर जाए,
और वो अधूरी बाते
हमारी मुलाकाते पूरी हो जाए।
पर ठीक ही हैं,
जो गाना कानो तक पहुंच गया,
तो उससे दिलसे निकालना मुश्किल है,
बिलकुल तुम्हारी तरह।
Brief and kinda related write-up - hues of blue
Give it a read ✨
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(continuation of caption)
पता हैं, तुम अगर ये पढ़ते,
तो हस पड़ते,
और तुम्हारी नाव रूपी मुस्कान देख
में आपने आप को कही डूबता पाति।
में डूब भी जाती तो मुझे कोई गम नही था,
क्योंकि डूबने का डर तो तुम्हे था,
तुम्हे पानी की गहराइया पसंद नही थी,
तुम्हे तो बस किनारे पे खड़े रह के
डूबते हुवे सूरज को देखने का आनंद था।
छोड़ो कहा बातो में फस गई।
हां, तो मैंने सोचा,
चलो यादों के सफर में
थोड़ी सैर कर आते हैं,
ईयर बड् लगाए,
और आंखे बंध करी
और लगा की जैसे
फिरसे डूबनेको चली।
तुम्हारी वो प्यारी हंसी,
मेरी आखों को दो पल
सुकून से देखने की
तुम्हारी ख्वाइश,
मेरे हाथ पकड़ने पर,
तुम्हारा थोड़ा शर्माना,
तुम्हारा गाली बोलके
मुंह छिपाना,
और मुझसे माफी मांगना,
तुम्हारा मेरे चेहरे से
जुल्फे हटाना,
मेरे होठपे लगी चॉकलेट को
अपने हाथ से पोछना,
जाते वक्त मुझे मूड कर देखना,
अभी भी याद हैं मुझे।
ये सब केसे भूलती यार,
इसी लिए तो कहती थी,
नही भूल सकती,
बस प्यार की लहर में
डूब जो गई थी,
क्योंकि डूबने का डर तो
सिर्फ तुम्हे था।
नही, यह कोई मूवी नही था,
नाही कोई सपना,
हां, शायद सपने की तरह
तुम भी कही खो गई,
जैसे इक दिन उठी,
तो सब गायब।
क्या डर गई थी में,
पर तुम्हे केसे पता होगा
तुमने तो पानी में,
पैर भी नही भिगोया था।
पर वो सपना...
या हकीकत...
जो भी तुम ठीक समझो,
वो जैसे घर बन गया था मेरा।
तुम नही थे उस घर में,
पर जबभी तुम्हारी याद सताती थी,
में वहा अक्सर चली जाती थी।
नही...
अब कहा,
कही अरसो से,
वहा से गुजरना भी
वाकिफ नहीं था मुझे,
पर आज....
मत पूछना आज केसे आना हूवा।
क्युकी,
प्यार की लहरोंमें
मे डूब जो गई थी,
गहराइयों में डूबने का डरतो
सिर्फ तुम्हे था।
~अgraja
©_desaiagraja -
लफ्ज़ पूरे ढाई ही थे,
कभी 'प्यार' बन गए तो कभी 'ख़्वाब' -
इश्क़ उसका जब चरम सीमा पर पहुंचा
तो जाहिर सी बात थी कि
इस इश्क़ का पतन होना लाज़मी था!!
©nidhi04 -
nidhi_bhavya 94w
रिश्ते बचाने की मजबूरी थी साहब
वरना बहुत कुछ कहने के काबिल हम भी थे!!
©nidhi04 -
nidhi_bhavya 92w
... ❤️...
ख्वाबों में मिला था या हकीकत की बात थी
उनसे इश्क़ करना किस्मत में लिखा था, मगर
हाथों की लकीरों में बिछड़ने की बात थी.....
©nidhi04 -
nidhi_bhavya 71w
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nidhi_bhavya 66w
लिखने का शौक है
अल्फाज़ लिखती हूँ,
पढ़ने का हुनर रखते हैं,
तो ज़ज्बात समझ लिया कीजिए!!
©nidhi_bhavya -
nidhi_bhavya 63w
अजीब कशमकश का आलम है
दिमाग मंजिल ढूंढ रहा.... दिल सुकून का घरौंदा!!
©nidhi_bhavya
