महक
महक उठा मेरा जीवन इक तुम्हारे आने से,
सफ़र हुआ आसां तुझे हमसफ़र बनाने से।
तू जो रुठे तो रुठ जाती है हर खुशी मुझसे,
डरती हूं तसव्वुर में भी तुझसे दूर जाने से।।
©archanatiwari