मुस्कान
कुछ ऐसा कर के चेहरे पे खिले मुस्कान,
दिल के तारों से छेड़ सरगम यूं दें तू तान।
न कर तू फिकर किसी की जी भर जी ले,
यहां जीने को चाहिए मुट्ठी भर आसमान।
सुख-दु:ख तो आनी जानी धूप-छांव जैसे,
कदम-कदम पे लेंगे तेरे धैर्य का इम्तिहान।
इक बार जरा शिद्दत से मुस्कुरा के तो देख,
खिलखिला के हॅंस पड़ेगा संग सारा जहान।
कुछ ऐसा करो हर चेहरे की मुस्कान बनो,
जैसे महकता हुआ कोई खूबसूरत गुलदान।
हर दिल अज़ीज़ बनने का हुनर ला खुद में,
चर्चें हो नेक दिली के तेरी हो ऐसी दास्तान,
उदासियों को घर न बनाने दो खुद के भीतर,
वरना हो जायेगी राह-ए-ज़िन्दगी में थकान।
बातों में मिठास हो घुली जो दिल तक उतरें,
अदब से भरी हुई ऐसी होनी चाहिए ज़ुबान।
अर्चना तिवारी तनुजा
©archanatiwari