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#ayuspiritual
209 posts-
ayush_tanharaahi 127w
निकला था मैं भी मांगने को उस खुदा से तमाम ऐशो-आराम जिन्दगी के,
मगर जब मिला , तो छोड के सारे ऐशो-आराम जीवन के हर क्षण मे हर पल साथ उन्ही का माँग आया।
मोह छूट गया संसार से उसी क्षण,
जब सामने मेरे उभर कर प्रतिबिंब से उस मुरत की,
जलती हुई ज्योत सा पवित्र एक रूप उभर आया।
मैं असमंजस मे उस पल मे सांसारिक सबकुछ झुठला बैठा ,
जब उस शक्ती के एहसास को जाना बस तबसे उसका हो बैठा।
मोह-माया की भाषा का वहां कोई तौल नही होता,
मन के भाव से बढ़कर वहां पर कोई और मौल नही होता।
सब कुछ भूल जाओगे जब उस मूल से ऊपर आओगे,
दुनिया के इस मायावी प्रपंच से मुक्त ही होना चाहोगे।
जब एहसास हो जायेगा झुठ हैं सबकुछ जो देखा , सुना और जाना हैं,
एक सत्य इस मिथ्या जीवन के मायावी संसार का बस अपने आप को पाना हैं।
पहले यात्रा खुद को पाने की , फ़िर असीम कल्पनाओ का विस्तृत यह ब्रह्मांड हैं,
एक खण्ड मे कही किसी चीटी सा हम रहते हैं, ऐसे ही 84 ब्रह्मांडो का सोच से भी परे एक विस्तृत यह वैदिक सार हैं।
मगर यात्रा सबसे पहले खुद को पाने की करनी होगी,
जब पा लिया खुद को तो, फ़िर हर यात्रा बहुत छोटी होगी।
शायद योगियों के जीवन का यही विस्तृत सार हैं,
कुछ भी नही हैं हम उसके आगे, जिसने रचा यह सारा मायाजाल हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch11 0 2ayush_tanharaahi 127w
तलाश खुदा की, करने की जरुरत कभी ना पढ़ती तुम्हे....
गर जो किसी की हँसी मे छुपे दर्द और आंखो की गहराई के राज समझ पाते तुम.......!!!!!
खैर छोड़ो.....
तुम तलाश लो कही खुद को भी....
क्या पता खुदा तुम्हे तुम्हारी खुद की ही तलाश मे कही मिल जायें....!!!
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch #ayuspiritual.
10 1 1ayush_tanharaahi 128w
जो शुद्ध हैं वही सिद्ध हैं....!!!!
शुद्ध अर्थात्,
मन से, विचारों से, प्रकृती से, आचरण से, और खुद के अहं से...
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch.
22 4 6ayush_tanharaahi 138w
आस्था को कभी किसी तर्क की जरुरत नही होती, वह मन से और आत्मा से होती हैं, और यकीन मानिये जहां आस्था हैं, वहां धर्म, कर्म और मोक्ष का सामन्जस्य सदैव मिलता रहेगा।
जय श्री राम ।
जय श्री महांकाल ।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritualआस्था को कभी किसी तर्क की जरुरत नही होती, वह मन से और आत्मा से होती हैं, और यकीन मानिये जहां आस्था हैं, वहां धर्म, कर्म और मोक्ष का सामन्जस्य सदैव मिलता रहेगा।
जय श्री राम ।
जय श्री महांकाल ।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual23 5 8ayush_tanharaahi 149w
मेरी औकात मेरे दाता के सामने बस इतनी ही हैं यारों,
मैं बस उसकी नैमत मे सदा सर झुका दिया करता हूँ ।
क्या दूंगा मे उसे, जिसने मुझे यह संसार दिया हैं,
मैं उसके सामने बस दिल खोलकर अपनी सब उसे सुना दिया करता हूँ......!!
कुछ देनें की हैसियत रखता नही,
अपने मन और तन को ही समर्पित कर देता हूं।
कुछ ज्ञात नही मुझे , मैं अपनी हर खुशी का उसे शुक्रिया आद कर देता हूं।
हाँ मेरी औकात इतनी ही हैं ,मेरे दाता के आगे.......!!
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch.
23 1 5ayush_tanharaahi 149w
33 प्रकार के देवता जो भिन्न रूपो मे पूजित हैं।
1- जो प्रथम बीज हैं।
2- शिव - जो शुन्य और का मूल हैं।
3- विष्णु - जो का आकार हैं।
4 -शक्ती - जो की गती हैं।
5- ब्रह्मा - सृष्टि के रचियता।
6- तत्व - अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश।
7 -सूर्य - ऊर्जा के कारक।
8 -चंद्र - शीतलता के कारक।
9 -ग्रह - जिनसे सबकुछ चल रहा हैं।
10 -नक्षत्र - जो गतिमान ग्रहो की शक्ती हैं।
11- इन्द्र - देवो के जो ईश हैं।
12- गन्धर्व - जो कला के कारक हैं।
13 -यक्ष - जो सकारात्मकता और नकरात्मक्ता दोनो के कारक और परीक्षक हैं।
14- गणेश - जो सभी प्रकार के गणो के कारक हैं।
15- यम - जो मृत्यू के कारक हैं।
16 -नाग - जो सृष्टि का भार उठाये हैं।
17 -मरुद्गन - जो कार्य का प्रभार बांटते हैं।
18- क्षेत्रपाल - जो क्षेत्र मे किसका प्रवेश होगा यह निश्चित करते हैं।
19- पित्र - जो ब्रह्मा के बाद और देवो के ऊपर हैं।
20 -विश्वकर्मा - जो श्रष्टी के कारीगर हैं।
21- रुद्र - जो संहारक हैं।
22- काल - जो निरन्तर गतिमान हैं।
23- प्रजापती - जो हर आयाम मे बदल जाते हैं।
24 -मनु- जो कार्य और वर्ण के अनुसार निर्धारण करते हैं।
25 -वास्तुदेव - पुर्ण भूमि पुरुष।
26 -नद , नदियाँ और सागर - जो जीव उत्पति का प्रथम स्थान हैं।
27- कुल देव - जो कुल के रक्षक हैं।
28 -कुल देवी - जो कुल की प्रगती हैं।
29- वनस्पति - जो जीवन यापन का मूल साधन हैं।
30- जीवात्मा - जिसमे जीव(जान) हैंं।
31 -युग - जो अन्त के बाद फिर उतपन्न होते हैं।
32 -शास्त्र - जो सम्पुर्ण ज्ञान का साधन हैं।
33 -संस्कार - जो जीवन से मृत्यू पर्यन्त चलते हैं , जिनमे जीवन और मृत्यू भी एक हैं।
यहाँ कुछ महत्मा 10 दिक्पालो को भी लेते हैं।
यह कुल 33 प्रकार से विभाजित हैं। जो अलग अलग रूपों मे पूजित हैं, जिनकी संख्या 33 करोड़ हो जाती हैं। मगर शिव, विष्णु और शक्ती यही तीन मुख्य हैं, जिनसे सबकुछ हैं। और वह सबकुछ ही हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch33 प्रकार के देवता जो भिन्न रूपो मे पूजित हैं।
1- जो प्रथम बीज हैं।
2- शिव - जो शुन्य और का मूल हैं।
3- विष्णु - जो का आकार हैं।
4 -शक्ती - जो की गती हैं।
5- ब्रह्मा - सृष्टि के रचियता।
6- तत्व - अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश।
7 -सूर्य - ऊर्जा के कारक।
8 -चंद्र - शीतलता के कारक।
9 -ग्रह - जिनसे सबकुछ चल रहा हैं।
10 -नक्षत्र - जो गतिमान ग्रहो की शक्ती हैं।
11- इन्द्र - देवो के जो ईश हैं।
12- गन्धर्व - जो कला के कारक हैं।
13 -यक्ष - जो सकारात्मकता और नकरात्मक्ता दोनो के कारक और परीक्षक हैं।
14- गणेश - जो सभी प्रकार के गणो के कारक हैं।
15- यम - जो मृत्यू के कारक हैं।
16 -नाग - जो सृष्टि का भार उठाये हैं।
17 -मरुद्गन - जो कार्य का प्रभार बांटते हैं।
18- क्षेत्रपाल - जो क्षेत्र मे किसका प्रवेश होगा यह निश्चित करते हैं।
19- पित्र - जो ब्रह्मा के बाद और देवो के ऊपर हैं।
20 -विश्वकर्मा - जो श्रष्टी के कारीगर हैं।
21- रुद्र - जो संहारक हैं।
22- काल - जो निरन्तर गतिमान हैं।
23- प्रजापती - जो हर आयाम मे बदल जाते हैं।
24 -मनु- जो कार्य और वर्ण के अनुसार निर्धारण करते हैं।
25 -वास्तुदेव - पुर्ण भूमि पुरुष।
26 -नद , नदियाँ और सागर - जो जीव उत्पति का प्रथम स्थान हैं।
27- कुल देव - जो कुल के रक्षक हैं।
28 -कुल देवी - जो कुल की प्रगती हैं।
29- वनस्पति - जो जीवन यापन का मूल साधन हैं।
30- जीवात्मा - जिसमे जीव(जान) हैंं।
31 -युग - जो अन्त के बाद फिर उतपन्न होते हैं।
32 -शास्त्र - जो सम्पुर्ण ज्ञान का साधन हैं।
33 -संस्कार - जो जीवन से मृत्यू पर्यन्त चलते हैं , जिनमे जीवन और मृत्यू भी एक हैं।
यहाँ पर कुछ महात्मा 10 दिक्पाल को भी लेते हैं।
यह कुल 33 प्रकार से विभाजित हैं। जो अलग अलग रूपों मे पूजित हैं, जिनकी संख्या 33 करोड़ हो जाती हैं। मगर शिव, विष्णु और शक्ती यही तीन मुख्य हैं, जिनसे सबकुछ हैं। और वह सबकुछ ही हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch38 3 9ayush_tanharaahi 149w
का आधार सदाशिव,
आकार विष्णु,
और गती शक्ती हैं।
और यही काल की गणना का मूल भी हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch
का आधार सदाशिव,
आकार विष्णु,
और गती शक्ती हैं।
और यही काल की गणना का मूल भी हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi27 1 7ayush_tanharaahi 152w
अब इसमे जिस जगह का नाम आया हैं शम्भल उसके बारे मे लोगो मे धारणा हैं की वह स्थान उड़ीसा के तट पर कही स्थित होगा। कुछ इसे उत्तर प्रदेश और कुछ उत्तराखंड मे भी मानते हैं। मगर कल्की पुराण के अनुसार यह जगह वहां रहेगी जहां 68 तीर्थ स्थान उपस्थित रहेंगे। और मेरे मतानुसार यह जगह कर्नाटक के समुद्री तट के आसपास कही स्थित होनी चाहिये। क्योकी अगर देखा जाये तो, भगवान कृष्ण भी द्वारका जाकर ही बस गये थे। और जहां उन्होने प्राण त्यागे वह स्थान भी सौराष्ट्र मे ही कही हैं। और कलयुग मे कर्नाटक ही ऐसा राज्य हैं, जहाँ कुछ जगह आज भी बोलचाल की भाषा संस्कृत हैं वहां और वेदो के अनुसार ही जीवन यापन हो रहा हैं। और यह भगवान कृष्ण की जलमग्न नगरी द्वारका के समीप भी हैं। कल्पना की जा सकती हैं। मगर शम्भल वही स्थान होगा जहाँ कल्की अवतार होगा।
अब यह हमारे ऋषियों की कल्पना मात्र हैं, या कुछ और इसके बारे मे कहना उचित नही हैं, मगर यह तो सत्य हैं की कलयुग के बारे मे जो बातें पुराणो मे वर्णित हैं, वे सभी की सभी उसी रूप मे सत्य साबित हो रही हैं। और इस बात को विज्ञान भी मान चुका हैं की 3 से 4 लाख वर्षो मे पृथ्वी इतनी प्रदूषित हो जायेगी की यहां कौई जीव नही बचेगा। और अत्यधिक तापमान होने की वजह से सारे ग्लेशियर और पृथ्वी पर उपस्थित सम्पुर्ण बर्फ पिघल कर पानी हो जायेगी, जिससे पृथ्वी पर जल प्रलय आ जायेगी और सबकुछ समाप्त हो जायेगा।
पता नही आने वाला समय कैसा होगा। मगर यह तो सत्य हैं, कलयुग अधर्मी लोगो का ही हैं। और यहां अब पाप बडेंगे ही।
यह जानकारी पुर्ण रूप से पुराणो पर आधारित हैं। और मैं मानता हूं की 4 लाख साल तो बहुत ज्यादा हो गये हैं, यह सबकुछ आने वाले कुछ हजार साल मे ही घटित होने वाला हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch #dashavtaarकलयुग का अन्त और कल्की अवतार
(5)36 9 13- agrawal_diary Bht khoob .... Sateek jankari mili ....
- jignaa Kalyug m paap badega sath sath aap jeetna prabhu smaran kroge uska punya bhi adhik matra me milega...Jo hona hai wo to ghatit hoga hi ...Hme apna rasta chunna hoga...Bahut hi umda lekhni...Sare part aapne adbhut likhe hai bhaiya
- surbhisharma_2_mar sir again you did a wonderful job here. apne roots se bahut gahre jude hain aap. aur dharm aur grantho ka kaafi knowledge hain aapko. aur Hume to bhagwaan ka dhyaan 2 min. karne me hi neend aane lagti hain. you have something in you that, is directly connected to that divine power. hats off to you sir.
ayush_tanharaahi 152w
कल्की अवतार के बारे मे जो बात आगे बताई गई हैं, अर्थात उनके जन्म, शिक्षा और विवाह के समबन्ध मे वो कुछ इस प्रकार हैं।
शम्भल नाम के ग्राम मे विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर उनके तीसरे पुत्र के रूप मे भगवान स्वयं अवतरित होंगे। उनकी माता का नाम सुमती होगा। वे वेदो और शास्त्रो का अध्ययन कर कम उम्र मे ही महापँडित की उपाधि गृहण करेंगे। व उनके गुरु स्वयं भगवान परशुराम ही होंगे। भगवान कल्की महादेव की उपासना कर अस्त्र शस्त्र विद्या को गृहण कर, बृहदृथ की पुत्री पद्मादेवी से विवाह कर अपने अस्तित्व की पहचान कर, देवदत नामक अश्व पर सवार हो, अपनी करवाल से सभी दुष्टों का संहार करते हुएँ, आगे बड़ते जायेंगे। और अन्त मे वैष्णोदेवी स्थित माता के धाम पहुंचकर उन्हे पीन्डी रूप से आजाद कर वापीस शक्ती मे विलिन करेंगे। अन्त मे भगवान एक स्त्री से विवाह और करेंगे जिसका वर्णन रामचरितमानस के किष्किन्धाकांड मे मिलता हैं, जिन्होने वानरो को गुफ़ा सर निकलने का मार्ग बताया था , और उन्हे जल और फल दिये थे। यह देवी स्वयंप्रभा हैं। जिन्हे कुछ जगह वैष्णवी भी कहां गया हैं। इन्ही से भगवान का दुसरा विवाह होगा। उनके पुत्र जय, विजय, मेघमाल तथा बलाहक होंगे। जिसमे जय और विजय दोनो विष्णु लोक के द्वार पाल हैं। साथ ही साथ हनुमान जी भी उनके इस कार्य मे उनके साथ रहेंगे। इस प्रकार कलयुग से पापियों का अन्त कर भगवान कल्की पृथ्वी को भार मुक्त करदेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे। उसके लगभग 1000 साल बाद पृथ्वी जल प्रलय मे पुर्ण रूप से जलमग्न हो जायेगी। और लगभग 32000 हजार वर्षो तक जल मे ही रहेगी। उसके बाद एक साथ 12 सूर्य उदित होकर पृथ्वी के पुर्ण जल को वाष्प मे परिवर्तित कर देंगे। फ़िर आरंभ होगा नये युग का, जो की सतयुग के नाम से जाना जायेगा।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch #dashavtaarकलयुग का अन्त और कल्की अवतार
(4)33 4 12- shriradhey_apt
-
agrawal_diary
sch m...Bht acha likha aapne ....ek ek wrd ....pdhkr bht khushi hui...
Jitna aaj pta chla is topic p...kbhi info nhi mil payi thi.... Shukriya bhai - raaj_kalam_ka रचना पढ़कर अत्यंत सुख की अनुभूति हुई वाकई ऐसा लगा कि मैंने अथाह सागर में डुबकी लगा ली हो।।यह विषय ऐसे हैं जो तुम्हारे अंदर बसते हैं साक्षात ईश्वर के दर्शन हो जाते हैं जितनी भी तारीफ की जाए कम है और जितना भी ज्ञान आज प्राप्त हुआ उसके लिए दिल से शुक्रिया
ayush_tanharaahi 152w
ऐसा ही वृत्तांत ब्रह्म वैवर्त पुराण और कल्की पुराण मे भी मिलता हैं।
अब बात आती हैं, की आखिर यह सब होगा तो कब होगा। तो जो बात कलयुग मे घटित हो रही हैं, अह तो इन पुराणो मे पहले ही लिखी जा चुकी हैं, अब बात आती हैं की, भगवान का अवतार कब होगा।
तो उसका जो जिक्र मिलता हैं, उसके अनुसार भगवान कल्की का अवतार कलयुग के अन्त मे होगा। और उन्ही पुराणो के अनुसार कलयुग की आयु 4 लाख 32000 वर्ष बताई गई हैं। और अभी तक कलयुग के लगभग 5100 वर्ष बीत चुके हैं। वहां बताया गया हैं, कलयुग मे अत्याचार इतना चरम पर होगा की कलयुग के अन्त के बत्तिस हजार वर्ष तक पृथ्वी सिर्फ जलमग्न रहेगी। भगवान अवतार लेकर दुष्टो का संहार कर पृथ्वी को भार मुक्त कर देंगे। और फिर जल प्रलय से पृथ्वी के समस्त जीव अपने प्राण त्याग देंगे। और लगभग बत्तिस हजार वर्ष तक पृथ्वी जल मे ही रहेगी, उसके बाद फ़िर नया सतयुग शुरु होगा।
हालांकी ब्रह्म वैवर्त पुराण मे कलयुग की आयु कम बताई गई हैं। बाकी सब कुछ वही हैं, जो भागवत पुराण मे और कल्की पुराण मे बताया गया हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch #dashavtaarकलयुग का अन्त और कल्की अवतार
(3)23 3 10- agrawal_diary Bht achi jankari diii aapne ....Bht lmba time period h ye to....abhi to bht km tym nikla h
- saknim24 Janam nahi lena Aise Kalyug mein...pta nai karm ka bandhan kab mukt karega
- raaj_kalam_ka अभी तो ना जाने कितने साल और इस कलयुग जीवन में बिताने हैं कब मुक्ति मिलेगी
ayush_tanharaahi 152w
जब माता और पुत्र मे कोई मान सम्मान नही होगा।
बहन-भाई, माँ-बेटे और पिता-बेटी के रिश्ते अपनी पवित्रता को खो देंगे।
मनुष्य सिर्फ सम्भोग के लिये ही जीयेगा ।
अज्ञानी का हर पल सम्मान होगा और ज्ञानी का हर पल अपमान किया जायेगा।
जब मनुष्य अपने लोभ और लालच मे सबकुछ भुल जायेगा।
जब एक कन्या 9 वर्ष की उम्र मे गर्भवती हो, सन्तान को जन्म देकर। 12 साल की अवस्था मे वृद्ध हो, 16 वर्ष मे देह त्याग देगी।
जब मनुष देह की औसत आयु मात्र 16 से 20 वर्ष रह जायेगी।
जब इन्सान की ऊंचाई मात्र 2 से 2.5 हाथ रह जायेगी।
जब छोटे जीवो का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा, और बड़े जीव छोटे हो जायेंगे।
जब गंगा बेकुंठ लोक को वापस लौट जायेगी।
जब स्त्री पतिव्रता धर्म को त्याग देगी।
जब देह पर वस्त्रो का नही होना ही नारी को सम्माननीय लगेगा।
प्रदूषण जब देह को ही नही, मनुष्य की सोच और विचारो का भी अन्त कर देगा।
जब ईश्वर को मानने वालों को यहां मूर्ख समझा जायेगा।
जब ब्राह्मण माँस मदिरा को अपना कर, अपना पथ भृष्ट कर बेठेगा ।
तब कलयुग अपने चरम पर होगा। तब नारायण स्वयं पृथ्वी पर अवतरित होकर पृथ्वी को दुष्टो के भार से मुक्त करेंगे। और वही होगा कलयुग के अन्त का आरम्भ।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch #dashavtaarकलयुग का अन्त और कल्की अवतार
(2)30 5 13- shriradhey_apt Satya hai ....
- agrawal_diary ganga ji bhi chle jaengi
- saknim24 Sach....Kalki avtaar ki Pratiksha
- rjmanjeri Great
ayush_tanharaahi 152w
जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बारे मे , आने वाले कल के बारे मे कैसे जाना जायें इसका कोई विकल्प विज्ञान के पास मौजूद नही हैं। मगर आध्यात्म ध्यान और योग के माध्यम से भविष्य को जानने का उदाहरण कई बार पेश कर चुका हैं। अब अगर उसे कल्पना भी माने तो भी एक प्रकार से वही काल्पनिक सोच जब तक तथ्योके साथ घटित होती हुई दिखती हैं, तो फिर उस आध्यात्म के उस शोध पर विश्वास होने लगता हैं की हाँ, शायद ऐसा हो सकता हैं, या ऐसा ही होगा।
ऐसा ही एक विषय हैं, कलयुग का अन्त और कल्की अवतार।
कलयुग का अन्त और भगवान विष्णु का इस आयाम के अन्तिम अवतार कल्की अवतार का सम्बंध आपस मे जुडा हैं। कहाँ जाता हैं की जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर पहुँच जायेगा तब भगवान खुद अवतार लेकर कलयुग के पापियों का संहार करेंगे और उसके बाद इस कलयुग का अन्त हो जायेगा। साथ ही साथ इस ब्रह्माण्ड का एक आयाम और पुर्ण हो जायेगा।
कल्की अवतार के बारे मे भागवत पुराण, कल्की पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण मे विस्तार पूर्वक बताया गया हैं।
भागवत पुराण मे जब राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से पूछा की कलयुग का अन्त कैसे होगा तो उन्होने कहाँ था, कलयुग सिर्फ अनेतिकता का युग हैं। यहां जो भी होगा वह अनेतिक ही होगा। और जब कलयुग अपने चरम पर पहुँच जायेगा, अर्थात्
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #mereprashnmerisoch #dashavtaar
@meenuagg
बहन आपके कहने पर कुछ लिखने की कोशिश की हैं।कलयुग का अन्त और कल्की अवतार
(1)27 7 12- agrawal_diary Shukriya bhai... M sare part padhungi.....intresting h ye bht
- raaj_kalam_ka @meenuagg अत्यंत आभार कि तुमने इस रचना के विषय में भाई को बोला हमें भी पढ़ने के लिए मिल जाएगा
- raaj_kalam_ka ,
- agrawal_diary @raaj_kalam_ka aisa likhne k liye sirf bhai ko hi kh skte h...wo isme nipun h
ayush_tanharaahi 152w
#kuchaisehi - यहां अभी तक मेरे द्वारा लिखी गयी हर पोस्ट हैं।
#ayuspiritual - यहां धार्मिक रचनायें उपस्थित हैं।
#sanatandharm - यहां कुछ सनातानधर्म और उससे जुड़ी ही रचनायें उपस्थित हैं।
#mereprashnmerisoch - यहाँ उन प्रश्नो के जवाब हैं, जो सदेव मेरे मन मे चलते रहते थे।
#meremahankaal - यहां सिर्फ मेरे शिव से जुड़ी रचनायें हैं।
#farknahipadta - यहां कुछ ऐसा जो बस कहना था, कह दिया।
#aadishakti - यहां आदिशाक्ती से जुड़ी कुछ रचनाये हैं।
#ayusoc - यहां कुछ ऐसे विषय हैं, जिन्हे और जिनके बारे मे मनुष्य का सोचना जरुरी हैं।
#dashavtaar - यह तो नाम से हो स्पष्ठ हैं, यहां क्या होगा। अभी यह पुर्ण नही हैं, पर पुर्ण जरुर होगा।
#sonayu - यहां मेरे जीवन का वह राज हैं, जिसने मेरा जीवन बदल दिया।
कुछ लोग जो सच मे मेरी रचनायें पढना चाहते हैं। अपने अनुसार इन hashtag से जो आपको पढना हो वह पढ़ सकते हैं।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahiयह कुछ hashtag हैं, जहां मेरे द्वारा अभी तक लिखी सभी रचनायें उपस्थित हैं। हर hashtag मे कुछ अलग तरह की रचना हैं। जिसे जो पसंद आये वह पढ़ सकता हैं। जिसे नही उससे कोई गिला नही।
©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi26 10 12- agrawal_diary shukriya ....
- surbhisharma_2_mar thank you so much sir, yah bahut achcha kiya aapne. kuch post baar baar padhne ka mann karta hain, to isse aasaani hogi. aur alag alag hone se mujhe to prashno ke uttar bhi mil jaayenge.
- reetism_ कलयुग का अंत और कल्कि अवतार आपकी खुद की रचना है या फिर किसी पुरान या ग्रंथ से प्रेरित???
- raaj_kalam_ka बेहद शुक्रिया आपने अपनी रचनाओं के विषय में यह जानकारी दी जरूर
-
raaj_kalam_ka
यह हैशटैग तुम कैप्शन में भी लिख देते तो ज्यादा अच्छा था क्योंकि इससे हम सेव करके रख लेंगे जब मन हुआ वहां से आपकी रचना तक पहुंच गए
अगर आपको सही लगे तो
ayush_tanharaahi 177w
भगवान ब्रह्मा के पाँच शीश थे, शिव के उग्र रूप और रुद्र अवतार काल भैरव ने ब्रह्मा जी का एक शीश, अपने नाखून से काट दिया था। जिसके बाद उन्ह्र ब्रह्म हत्या का दोष लगा था। वो कौन मनुष्य था जिसने काल भैरव को ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति दिलाई थी?
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 4
35 27 11- vishalprabtani @rangkarmi_anuj Ji Bhaijj Meri Bhi jankari itni hi hai
- _bahetiankita Chakravati Raja vikramaditya
- raaj_kalam_ka दिमाग की दही बना दी @bahetiankita मुझे इनका जवाब सही लगता है
ayush_tanharaahi 177w
प्रश्न-
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का वध कर उन्हें मोक्ष प्राप्ति किस शक्ती ने दिलाई। उस अवतार का क्या नाम था?
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 3 - उत्तर
भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार ले हिरन्कश्यपू का वध कर, अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। भगवान का यह रूप नर, और शेर का मिश्रित रूप था। जिसमे सर शेर का व धड़ नर का था।
हिरन्कश्यपू के वध के पश्चात नरसिंह भगवान अत्यधिक क्रोधित हो गये थे, जो भी उनके मार्ग मे आ रहा था, वे उस पर प्रहार कर रहे थे। यह उग्र रूप देख सभी लोग अत्यधिक भयभीत हो गये थे। तथा कोई भी उनके सामने आने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था। तब सभी देवता मिलकर शिवजी के पास पहुचें ।
तब शिवजी ने सर्वेश्वर अवतार धारण किया जो चील, मनुष्य और सिंह का एक मिश्रित रूप था। जब नरसिंह और सर्वेश्वर अवतार का युद्ध हुआ तो सर्वेश्वर अवतार ने नरसिंह अवतार को पराजित कर दिया। उसके बाद नरसिंह अवतार को अपनी भूल का आभास हुआ तो उन्होने सर्वेश्वर अवतार से विनती की हैं, महादेव आप मेरे इस अवतार को मुक्ति प्रदान कर, इसकी चर्म को अपने आसान के रूप मे धारण करें।
महादेव मान गये। और उन्होने कहा, आपका नरसिंह और मेर सर्वेश्वर रूप एक ही समान एक ही शक्ती का संचालक हैं। और सदा रहेगा। इस प्रकार भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का वध शिवजी ने सर्वेश्वर अवतार धारण कर किया। और नरसिंह अवतार की चर्म को अपने आसान के रूप मे स्वीकार कर, उन्हे मोक्ष प्रदान किया।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi38 13 16- deepajoshidhawan वाह। धन्यवाद आज पता चला यह
- deepajoshidhawan आपके उत्तर में अपने परिवार से share करती हूँ
- raaj_kalam_ka great post bhaiii... ye hui na baat kuch alag
ayush_tanharaahi 177w
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का वध कर उन्हें मोक्ष प्राप्ति किस शक्ती ने दिलाई। उस अवतार का क्या नाम था?
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 3
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48 13 14ayush_tanharaahi 177w
प्रश्न-
महाभारत मे युद्ध आरम्भ होने से पहले पंडवो ने अपने जिस पुत्र की बली दी युद्घदेवता को दी थी, उसका नाम क्या था। तथा वो पाण्डवो मे से किसका पुत्र था?
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 2 - उत्तर
महाभारत मे युद्ध शुरु होने के पहले युद्ध देवता को, पाण्डवो द्वारा अपने जिस पुत्र की बली दी गई थी। वह नाग कन्या उलुपी तथा श्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन का पुत्र था। जिसका नाम इरावन था।
इरावन के अलावा अर्जुन के दो पुत्र और थे जिनमे से अर्जुन को श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा से अभिमन्यु तथा चित्रांग्दा से बभ्रुवाहन नामक पुत्र प्राप्त हुए थे।
अभिमन्यु महाभारत युद्ध मे कौरवों द्वारा रचित चक्रव्यूह मे वीरगति को प्राप्त हुए और बभ्रुवाहन ने अर्जुन को पितृ हत्या के श्राप से मुक्त करा, महाराज चित्रांगद के बाद मणिपुर का राज सम्भाला । महाराज चित्रांगद बभ्रुवाहन के मामा थे।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi53 18 17- mishra_priyaanka Or hame google ki zaroorat nahi (Mahabharata) ke liye (hamara bachpan) Inni kahaniyoo ko sunkar bada hua hai
- mishra_priyaanka Anyway... Post Bht acchi h
- deepajoshidhawan बहुत खूब। यह प्रश्नोत्तरी बहुत ज्ञानवर्धक है।
ayush_tanharaahi 177w
महाभारत मे युद्ध आरम्भ होने से पहले पंडवो ने अपने जिस पुत्र की बली दी युद्घदेवता को दी थी, उसका नाम क्या था। तथा वो पाण्डवो मे से किसका पुत्र था?
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 2
51 14 17- naushadtm @rangkarmi_anuj Haan Bhai
- rangkarmi_anuj @bejubaanshayar bhai abhimanyu chakravyuh mein mara tha mahabharat yudh ke doran yahan yudh arambh ke pehle ki baat ho rahi hai
ayush_tanharaahi 177w
प्रश्न- रामायण और रामचरितमानस मे मूल अन्तर क्या हैं।
आप सभी लोगो का प्रश्न का जवाब देने के लिये तहे दिल से धन्यवाद।
@vishalprabtani
रामायण सम्पुर्ण हैं, जबकी रामचरितमानस सिर्फ प्रभू श्री राम के बारे मे।
@rangkarmi_anuj
रामायण वाल्मिकी जी व रामचरितमानस तुलसीदास जी द्वारा रचित हैं। रामायण पुरा जीवन हैं, राम के जन्म से लेकर चीर सागर तक का वर्णन,और रामचरितमानस राम की पूरी जीवनी उनके आदर्श की कहानी ।
@naushadtm
रामायण संस्कृत मे हैं,तो रामचरितमानस अवधी मे। रामायण वाल्मिकी जी की सम्पूर्ण रचना हैं,जबकी रामचरितमानस तुलसीदास जी ने अवधी मे दोहराई हैं।
@naimishawasthi
रामचरामचरितमानस तुलसीदासजी द्वारा रचित हैं, जिसमे लवकुश कांड नही हैं। रामायण वाल्मिकी द्वारा रचित हैं,जो की संस्कृत मे हैं।
@vineetapundhir
रामचरितमानस अवधी भाषा मे हैं, जिसमे चौपाई के माध्यम से राम चारित्र का वर्णन हैं। रामायण संस्कृत मे हैं तथा उसमे सम्पुर्ण राम कथा का वर्णन हैं।
@yenksingh
रामायण की रचना वाल्मिकी जी ने ,जबकि रामचरितमानस की रचना तुलसीदास जी ने की हैं।
@rajni_pant
वाल्मिकी जी कृत रामायण संस्कृत भाषा मे, रामजन्म के पहले लिखी गई । गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण 15 वी शताब्दी मे राम जन्म के कई वर्षों बाद लिखी गई ।
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 1- उत्तर
रामायण वाल्मिकी द्वारा संस्कृत भाषा मे रचित एक महाकाव्य हैं। जो की सम्पूर्ण हैं। राम के जन्म के पहले से, उनके सरयू मे विलिन होने तक उनके साथ व उनसे त्रैतायुग मे जुड़े सभी जीवों के चरित्र के वर्णन के साथ। जिसमे असुर और उनके पुर्व जन्म के कार्य तथा उन्हे जो मोक्षप्राप्ती हुई उसका उसका सम्पूर्ण वर्णन हैं ।जो की त्रैतायुग मे ही लिखा गया हैं, 8 काण्ड मे। रामायण के सभी कांडो की रचना वाल्मिकी जी ने अपने योग ज्ञान से ध्यान के माध्यम से प्राप्त कर,घटित होने से पहले ही करदी थी। अन्य कुछ विद्वानो के मतानुसार ऋषी वाल्मिकी दस्यू से ऋषी बने, और ज्ञान प्राप्ती के बाद उन्होने , रामायण की रचना की। जैसा की रामायण नाम से ही स्पष्ट हैं,
राम+अयन (राम के जीवन वर्ष) ।
रामचरितमानस तुलसीदास जी द्वारा अवधी भाषा मे छन्द, सोरठा,दोहा, और चौपाई के माध्यम से लिखा गया, कलयुग का महाकाव्य हैं। जिसमे राम के चरित्र का वर्णन ही उसका मूल हैं। इसकी रचना सन 1630 से 1633 के समय गोस्वामी तुलसीदास जी ने की। रामचरितमानस मे 7 सात कांड हैं, जिनमे लवकुश कांड को स्थान नही दिया गया हैं। रामचरित मानस मे वर्णित सुन्दरकांड , कलयुग मे पूजित रामचरितमानस का सबसे अहम भाग हैं। जिसमे हनुमान जी द्वारा लंका मे जाकर, सीता माता की खबर व उन्हे रामजी द्वारा दी गई भेंट प्रदान करने व, हनुमान जी द्वारा अक्षय कुमार वध का व लंका दहन का, बहुत सुन्दर वर्णन व चित्रण मिलता हैं।
अगर देखा जायें तो यह कहाँ जा सकता हैं, की रामायण आधार हैं, तो रामचरितमानस उसका सार हैं।
जय श्री राम
हर हर महादेव
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi50 16 19- saknim24 ❤️❤️
- raaj_kalam_ka हिंदू धर्म के एक पवित्र ग्रंथ से सभी को परिचय कराने का मेहर आभार वाकई आज की पीढ़ी इन सब चीजों को भूल ही बैठी है जिन्हें आप फिर से याद दिलाने में बहुत अच्छी पहल कर रहे हैं तहे दिल से आपका शुक्रिया
- alwidaa
ayush_tanharaahi 177w
@rangkarmi_anuj भाई जी आपके कहे अनुसार आज से शुरु प्रश्न काल।
रामायण और रामचरितमानस मे मूल अन्तर क्या हैं?
कृपया गूगल ना करें।
#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ekprashn #ayuspiritualप्रश्न 1
45 23 14- yenksingh रामायण के रचयिता वाल्मीकि जी है जबकि रामचरित मानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है
- rajni_pant वाल्मीकि जी कृत रामायण संस्कृत भाषा में व रामजन्म से पूर्व लिखी गई, गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस अवधी भाषा में रामजन्म के कई वर्षों बाद पन्द्रहवी शताब्दी मे लिखी गई ।