मज़दूर।
यहाँ सब मज़दूर हैं बस मानते नहीं
तन्मय
हर काम की अपनी बोली हैं सबका अपना मेहनताना हैं।
©tanmaypandya
#dhokha
887 posts-
tanmaypandya 2w
2 0ginni6 3w
मेरे पास ऐसा दिल नहीं
जो एक तोड़े और दूसरा जोड़ दे
मैं उन मे से नहीं
जिसकी रूह पल भर में किसी और की हो जाए
मैं वो लड़की नहीं जो खुद का सौदा करदे
और ऐसा मेरा प्यार नही जो इश्क को बदनाम कर जाए।।
kavya_rana
©ginni622 9 5- kp_singh @ginni6 Sahi kaha. Jinko pata hai unko bhool nahi rahi or baki seekh ni pa rahe.
- ginni6 @kp_singh pyaar k naam p zindagi se khelte h
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kp_singh
@ginni6 kabhi kabhi aise logon se ho jata hai mel,
Pyar jinke liye hai bas ek khel! - ginni6 @kp_singh sahi kaha aapne aur dukh khud ko milta h
- kp_singh @ginni6 Ji mohtarma
tanmaypandya 6w
धीरे-धीरे
धुआं उठता है पहले फ़िर चिंगारी उठती हैं
फ़िर कहीं उस पर कुछ पकता हैं धीरे-धीरे
घसीटते घसीटते लड़खड़ाते हुए उठता हैं
फ़िर कहीं आदमी होता है बच्चा धीरे-धीरे
विचार ढुलते हैं कैनवास पर पहले
फ़िर कहीं कलम गढ़़ती हैं चेहरा धीरे-धीरे
कुछ दूर भुख़ चलती हैं कुछ दूर ख्वाब चलते हैं
फ़िर कहीं कटता है रस्ता धीरे-धीरे
किसी को मोहब्बत मिलती हैं किसी को मिलते हैं फलसफे
बोहोत कुछ मिलता है जहाँ में मगर धीरे-धीरे
तन्मय
©tanmaypandya8 2 2- uttamky Bahot hi shandar ❣️
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uttamky
Ek pal me tanha chhor jate h wo
Magar zindagi me aate h dheere dheere
tanmaypandya 9w
बदलाव।
वो जो दुनिया बदलने के लिये निकले थे
तन्मय
सुना है नौकरी में शहर तक नहीं बदल पा रहे हैं।
©tanmaypandya11 3 1- methass Sahi ha
- uttamky Kya khoob kaha apne ,,ekdm sahi baat❣️
- tanmaypandya @methass @uttamky Thanku
dilipfan 11w
Naseeb
धोखा मुझे तुं नहीं नसीब दे गया
तुं ज़िन्दगी मेरी थी तुझे कोई ओर ले गया
©dilipfan6 0dilipfan 11w
Meri Zindgi
धोखा मुझे प्यार में किसी ने नहीं दिया
बस ज़िन्दगी ने ही मुझे जीने नहीं दिया
©dilipfan3 0dilipfan 11w
Hum shayar hai Janaab
ठोकर लगा कर जो हमें दिल सें निकाल देते है
हम तो उन्हे भी इज़्ज़त दे कर
शब्दों में ढाल देते है
©dilipfan2 0dilipfan 12w
Wo Mohan Murliwala
गौ माता की रक्षा करने बन कर आया था ग्वाला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
गली गली में मची हुई है लूंट मार छीना झपटी
तेरे नाम की माला जपते ढोंगी पाखण्डी कपटी
बुरी नज़र रखते है सब पर औरत हो या हो बाला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
गोचर की भूमी क्या बेची चारा खा गये गैयों का
बस चंद रूपियों की खातिर वो खून चूस रहे कईयों का
आज नशे मे झूम रहे है पी कर मदीरा का प्याला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
मालिक तेरे नाम का अब तो ना डर ना संकोच रहा
आज दरिंदा बन कर मानव तन सें चमड़ी नोच रहा
उजले उजले कपड़े पहने धंधा करते है काला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
देख कन्हेया तेरे देश में वक़्त ये आया कैसा है
आज यहाँ पर हर नारी का हाल द्रोपती जैसा है
चीर हरण करते है सारे कोई नहीं है रखवाला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
सज़ा मिलेगी हर पापी को वक्त वो फिर सें आयेगा
भारत की पावन धरती पर मोहन मुरली बजयेगा
गा गा कर कहता हूँ सब से झूठ का होगा मुह काला
देख रहा करतूते सब की वो मोहन मुरलीवाला
©dilipfan6 0dilipfan 12w
Yaar
आवारा बादल ना सु घड़ी घड़ी बरसन आला
यार सु सुदामा भरगा वो भी श्री कृष्ण आला
©dilipfan8 0Fan
क्या तेरे शहर की वादियों में घटायें नहीं छाती..?
क्या तेरे शहर के बागों में कोयल नहीं गाती...?
क्या तेरे शहर की दीवारे इतनी ऊँची है...?
जो तुझको कभी भी मेरी याद नहीं आती
©dilipfan6 0जाने कितनी के दिल तोड़ती है ये फरवरी
यूं ही थोड़ी किसी ने इस के दिन घटाए है।6 0Mard.. dokha
Tujhse bepanah mohbat kri thi mene
Mgr tere fareb ne mujhe narfat se rubaroo kra dia
Ja kr dia dafan mene apne jazbaaton ko
Tere dhokhe ne mere mom k dil ko pathar ka jo bna dia..
©vashishtaisha_Photo By Bence BallaSchottner on Unsplash5 1vashishtaisha_ 18w
Ashru
©vashishtaisha_Photo By Mockup Graphics on Unsplash10 0 1Humse dur jaate hi tune to apna rutba hi badl liya,
Tera ye rutba mujhe bhut Kuch sikhayega..
Jab tu lautkar aayega to Mujhe bhi badla hua payega.
©georgian44574 0tanmaypandya 20w
इतवार
बोहोत मसरूफ़ हो जाते हैं इन काग़ज़ों मे हम कभी कभी
आशी
हम तुमसे इश्क़ के लिये भी इतवार (Sunday) ढूंढ़ते हैं।
तन्मय।
©tanmaypandya6 1tanmaypandya 20w
शब्द।
सोचा कुछ नया लिखते तो सुनाते तुम्हें
कोई बात एसी जो पसंद आये तुम्हें
वहाँ जहाँ जिस्मों का जाना सम्भव नहीं शायद
शब्दों से वहीं ले चलते हैं तुम्हें।
तन्मय
©tanmaypandya10 1मुलाक़ात
वो नज़रों से क्या गिरे
नज़रें चुराने लगे
माहिर थे अपने फ़न के
माहिरी दिखाने लगे
©मेघना
©haare_huye_lashkarPhoto By Simon Berger on Unsplash6 0tanmaypandya 25w
क्या जानता हैं।
बे रूखी, बे दिली, बगैरत या झिल्लत सब जानता है
इश्क़ को इश्क़ नहीं जानता तु फ़िर क्या जानता हैं ।
फलक, जन्नतें, ये चाँद - तारों की बिखरन सब जानता है
उसकी ठोड़ी पर तिल नहीं जानता तु फ़िर क्या जानता हैं ।
नखरे, गुस्सा, ज़िद और नाराज़गीयां सब जानता है
रूठे को मनाना नहीं जानता तु फ़िर क्या जानता हैं ।
देश-विदेश घूमता हैं, गली गलीचे सब जानता है
उसके घर का पता नहीं जानता तु फ़िर क्या जानता हैं।
औऱ महफिले, जश्न, शराबे और शरारे सब जानता है
बर्बादी को तु मुकाम नहीं जानता तु फ़िर क्या जानता हैं ।
तन्मय
©tanmaypandya7 3 1-
nisargwrites
Nice writeup
Would you like to be a co-author of a *FREE ANTHOLOGY*
MAYANK RAMANI PRESENTS
*साल भी बदलेगा और जिंदगी भी*
✨Compiler : Gaurav More & Nisarg Patil
✨Language : Hindi
✨Theme : नएं साल में आप क्या परिवर्तन करना चाहते हैं, किस मुकाम तक पहुँचना चाहते हैं या इस साल आपने जो कार्य किया और उससे आपको समाधान नहीं मिला तो आप क्या बेहतर करना चाहते हो आप उस विषय पर लिख सकते हैं।
(You have to write about what changes you want to make, what you want to achieve in the new year, or describe what you want to make better than before in the new year.)
✨Genre : Poems
✨Slots : 50
Your benefits as a co-author:
2 pages in anthology, 1 for pic (pic will be black and white) and bio,1 for writeup.
E- certificate
Book will be internationally published on Notionpress
Book will also be available on Amazon and Flipkart
If you are interested,
Please Dm me on whatsApp on
9834924739
Have a nice day - uttamky Waah ni waah,, shandar ❣️❣️
- tanmaypandya @uttamky Thanku
tanmaypandya 27w
आबाद।
कोई करे अब ऐसा भी इश्क़
हमे भी यक़ीं हो जो किताबी बोहोत हैं
कोई तो तोड़ लाए तारे आसमाँ से
हमे भी यक़ीं हो जो बात ज़ुबानी बोहोत हैं
और कोई तो कहें कि सिर्फ बर्बादी नहीं हैं इश्क़
हमें भी यक़ीं हो कि इश्क़ में लोग आबाद बोहोत हैं।
तन्मय
©tanmaypandya6 0tanmaypandya 28w
नए ख़्वाब।
रात के महीन सन्नाटों में
कल्पनाओं के उड़न खटोले पर सवार
उतरती है कविता
परीलोक की किसी अप्सरा की तरह
जो मेरे मन के उमगते आँगन की और देखती रहती है
एकटक, कुछ पल, कुछ देर तलक, स्निग्ध भाव से
और फिर बहती है मेरी रगों में रक्त की तरह
किसी नहर सी मेरे विचारों के मरुस्थल को जीवंत करती हुईं
और कभी बज उठती है वीणा के तारो में झंकार सी
अचानक ही मुझे मेरी निद्रा और तन्द्रा से झंझोट कर
और फिर से बुनने लगती है
"मेरी कलम"
कागज़ पर कविताओं के नए ख्वाब।
तन्मय
©tanmaypandya