प्यार के लिये मैने हाथ भी जोड़े थे,
जानबूझ कर अपने रुमाल भी कितने छोडे थे।
छोटी सी गलती पर तू इस तरह रुठा हैं,
जैसे कबसे चाहत मे था तू मेरे एक गलती की,
मना लूंगी खुद को,दिल मेरा हैं
खैर पता तो चला की तू भी झुठा हैं।
©the_sonam
प्यार के लिये मैने हाथ भी जोड़े थे,
जानबूझ कर अपने रुमाल भी कितने छोडे थे।
छोटी सी गलती पर तू इस तरह रुठा हैं,
जैसे कबसे चाहत मे था तू मेरे एक गलती की,
मना लूंगी खुद को,दिल मेरा हैं
खैर पता तो चला की तू भी झुठा हैं।
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