चाय और सुट्टा
तुम अंग्रेज़ी Whiskey का खंबा हो,
मैं देसी ठर्रे की बोतल हूँ,
तुम DU की शहज़ादी हो,
मैं विद्यापीठ का लोकल हूँ,
तुम घाट इस पार की भीड़ हो,
मैं उस पार का सन्नाटा हूँ,
तुम लक्ष्मी चाय की चुस्की हो,
मैं तलब लगा एक सुट्टा हूँ।
तुम Girls Squad की leader हो,
मैं लौंडों में भौकाली हूँ,
तुम रात की प्यारी चाँदनी हो,
मैं ढ़लते सूरज की लाली हूँ,
तुम Domino's में लगती Tax हो,
मैं कपड़ों पर मिलता बट्टा हूँ,
तुम लक्ष्मी चाय की चुस्की हो,
मैं तलब लगा एक सुट्टा हूँ।
तुम बड़े Restaurants की Chilli Potato,
मैं सड़क पर बिकता समोसा हूँ,
तुम McDonald's की burger हो,
मैं Kerala Café का डोसा हूँ,
तुम राजभोग सी मीठी हो,
मैं इमली जैसा खट्टा हूँ,
तुम लक्ष्मी चाय की चुस्की हो,
मैं तलब लगा एक सुट्टा हूँ।
तुम Zara की Shopping हो,
मैं Sale में मिलता कपड़ा हूँ,
तुम आपस में होते समझौते सी,
मैं लौंडों में होता लफड़ा हूँ,
तुम James Bond की Pistol सी,
मैं मिर्ज़ापुर का कट्टा हूँ,
तुम लक्ष्मी चाय की चुस्की हो,
मैं तलब लगा एक सुट्टा हूँ।
तुम बहती गंगा सी शीतल हो,
मैं एक झरने का पानी हूँ,
तुम किसी लेखक की उपन्यास हो,
मैं ख़ुद की लिखी कहानी हूँ,
तुम हरिश्चंद्र सी सच्ची हो,
मैं भोला सा एक झूठा हूँ,
तुम लक्ष्मी चाय की चुस्की हो,
मैं तलब लगा एक सुट्टा हूँ।
~वैभव
#merekhyal
9 posts-
iam_vaibhav07 28w
5 2 1- priyanshipandeyy Meri favourite hai yeh!
- iam_vaibhav07 Aur tmhare writeups mere favourite
iam_vaibhav07 28w
"एक शब्द"
एक शब्द से शुरुआत करते हैं,
कविता में कुछ जगह छोड़ देते हैं,
और उन जगहों को तेरे नाम से भरते हैं।
आगे हो या पीछे, प्रेम तेरे नाम के साथ रहेगा,
तू जैसे जैसे कविता पढ़ती जाएगी,
अश्रु हर पंक्ति के साथ बहेगा।
कविता में लिखे हर शब्द तुझे कुछ और सुनाई देंगे,
मुझे प्रेम तुझसे आज भी है, हर शब्द तुझसे यही कहेंगे।
मेरे यार दोस्त सब तुझे भूल जाने को कहते हैं,
अरे वही, जो मेरे हर ऊंच-नीच में मेरे साथ रहते हैं।
और सच बताऊँ तो तुझे भूलना तो मैं भी चाहता हूँ,
मग़र तू मेरे कविताओं की पंक्तियाँ बन गयी है,
तेरी सारी बातें और यादें मेरे कलम की स्याही बन गयी है।
अक्सर तेरा ज़िक्र महफ़िल में मेरे यार कर देते हैं,
मैं मना भी करूँ तो मेरी ग्लास जाम से भर देते हैं,
यहाँ भी मैं अपनी कविता तेरे नाम से पढ़ता हूँ,
फ़िर बोतल उठा कर जाम अपने हाथ से भरता हूँ।
-वैभव8 2 2मेरे ख़याल
एक वक़्त था जब मैं इस मोह माया की नदी को पार कर उस पार जाना चाहता था, जहाँ मुझे कोई नहीं जानता होगा, जिसके लिए मैंने तेरे प्यार की कश्ती का सहारा लिया इस बात से बिल्कुल अनजान की उस कश्ती में छेद था। नतीजा मैं गिर गया और आजतक उसी मोह माया की नदी में गोते खा रहा हूँ। तैरना तो आता है मग़र किस ओर जाना है कुछ पता नहीं। सोचता हूँ धीरे धीरे उस तारे की ओर चलूँ जिसे हम दोनों छत पर साथ बैठ कर देखते थे, मग़र रास्ते से अनजान हूँ तो इस बात से डर लगता है कि कहीं दुबारा उसी छोर पर ना पहुँच जाऊँ जहाँ से मैंने अपना सफ़र शुरू किया था।
कहते हैं कि, "डूबते के लिए तिनके का सहारा भी बहुत है", पर सोचने वाली बात ये है कि मुझे तो तेरे प्यार का तिनका भी नसीब नहीं हुआ। प्यार करना तो बहुत दूर की बात है, मेरे हिस्से तेरी नफ़रत भी नहीं आयी, अगर आती तो कम से कम उसी बहाने तू मुझे याद तो करती। ख़ैर जो हुआ सो हुआ, अब तो किसी को अपना हाल-ऐ-दिल सुनाता हूँ तो मुझे शायर बोल दिया जाता है, महफ़िलों में मेरी शायरीयों की फर्माइश होने लगी है, अगर कोई पूछता है कि, "कौन है वो " तो जवाब में मैं बस मुस्कराता और समझने वाले समझ जाते हैं कि, 'वो मेरी इसी मुस्कान की सबसे ख़ूबसूरत वज़ह थी '। अब उम्मीद दूसरी कश्ती के आने की है जो मुझे निकाले मग़र लेकर कहाँ जाए, कोई अंदाज़ा नहीं। और दुआ यही है कि इस बार कश्ती खाली रहे मग़र खोखली नहीं।
-वैभव
©iam_vaibhav078 2 1ये प्यार मोहब्बत की बातें अकेले में हो जायें तो ठीक है,
शोर शराबे में इज़हार की ख़नक ग़ुम हो जाती है।
-वैभव14 2 1विलोम और पर्याय
आज फिर जज़्बातों की स्याही से पन्ना भरने चला हूँ।
काफी जज़्बात भरे हुए हैं अंदर, सम्भल नहीं रहे मगर सम्भाल रहा हूँ।
अंदर से टूट कर टुकड़ों में बिखर गया हूँ, धीरे धीरे हर एक टुकड़े को समेटने की कोशिश कर रहा हूँ, कभी कभी हाथ कट जाते हैं, मगर दर्द का एहसास नहीं होता, आदत जो पड़ गयी है। या यूँ कहूँ कि हालातों ने इतना मज़बूत बना दिया है कि इन छोटी मोटी खरोंच से फर्क़ नहीं पड़ता। विडंबना देखो कि एक हाथ को पकड़ने की होड़ में मैंने ना जाने कितने हाथों को ठुकरा दिया, यह सोच कर की कम से कम वो हाथ तो मिलेगा जिसे मैं पकड़ना चाहता था।
मगर जिंदगी जनाब ! जिंदगी! यहीं पर अपना दाँव खेलती है, अंत में हमारा मनचाहा हाथ भी नहीं मिलता, और बाकी हाथों को तो आपने छोड़ ही दिया था।
कैसा मेहसूस होता है अकेले रहकर, साथ रहने के सपने देखते देखते सोने पर। पर कौन जानता है उस नमी की वज़ह क्या है, हो सकता है आप खुद हो।
जो गलती मैंने की ही नहीं, उसकी सजा काटना आसान नहीं होता। पर मोहब्बत की यही तो खास बात है।मोहब्बत आपका वक़्त, जज़्बात, स्वाभिमान, सब कुछ लेकर खाली हाथ छोड़ देती है। और यहां हम एक गलती कर बैठते हैं, हम एक जगह रुक जाते हैं, इस फ़िराक़ में की वो वापिस आयेगा, और इस इंतजार में वक़्त हाथ से निकल जाता है।
तो अब फैसला हमे खुद करना चाहिए कि वही एक चीज चाहिए या उससे बेहतर।
दुनिया में अगर किसी चीज़ का 'विलोम' है तो यकीनन उसका 'पर्याय' भी होगा। और ये फैसला आपको खुद करना होगा कि आपको विलोम चाहिए या पर्याय।
-वैभव9 1शायर और शायरीयाँ
शायरीयाँ ऐसी चीज़ हैं जो किसी के अंदर के जज़्बाती इंसान को बाहर सबके सामने लाकर खड़ी कर देती है, दिल टूटने पर कोई कबीर सिंह बनता है और कोई सत्येंद्र IAS बनता है, मग़र जो शायर बनता है दरअसल उसने टूट कर प्यार किया होता है। कबीर अपना दुःख कम करने के लिए शराब पीता है, IAS अपने दुःख को गुस्से में बदल कर जीवन संवार लेता है, मग़र शायर कहीं का नहीं होता, वो रुक जाता है, वहीं पर जहाँ उसका दिल टूट कर गिरा होता है, टुकड़ों को बटोरता नहीं, सिर्फ़ देख कर मुस्कुराता है, वो अपना दर्द पन्ने पर उतारता है, पन्ना भी एक समय पर पलट कर हल पूछने लगता है कि, "क्या बात है जनाब, आज आपकी लिखावट ख़ूबसूरत है बहुत, लगता है मोहब्बत भी ख़ूबसूरत थी, मग़र अधूरी रह गई", तब शायर के पास जवाब में सिर्फ़ शब्द रहते है मग़र बोलने का साहस नहीं रहता, तो वहाँ कलम अपनी वफ़ादारी दिखा कर उस शायरी को मुकम्मल कर देती है।
जनाब टूटे हुए लोग पागल नहीं होते, और ना भटके हुए होते है, दरअसल वो धोखेबाज़ होते हैं, अपनी मुस्कान से धोखा दे देते है, वो कहते हैं ना, "जो इंसान जितना टूटा होता है उसकी मुस्कान उतनी प्यारी होती है"...एक शायर पहले दर्द को शब्दों में तब्दील करता है, फ़िर उन शब्दों की माला पिरोकर कोरे कागज़ पर इठलाता है।
-वैभव7 2 2gauravkasture 218w
Woh bhi
Meri Kismat ki tarah thi
Agle hi Pal me Palat gayi.
©gauravkasture8 0Har-jeet
Jeet ho ya har raste apne hai toh akhir apne hi raston se kyu katarana, akhir kyu darna
Bus ye samajne ki deri hai ki agar kuch galat hoga toh mera rasta main khud nahi
©miss_kalakari10 0मुझे मंज़िल से प्यार है,
और रास्ते मेरा शौक हैं।
मेरे ख्याल27 5 2- shobha_29 @akash_rajendra thank you keep supporting
- writersnetwork Welcome to Mirakee!?
- pallavibenajir Bahut khub
- shobha_29 @pallavibenajir बहुत शुक्रिया