ख्वाब
तू घूमें पंचरंग चोला पहन,
न जाने कितने भेस धरे,
कहीं क्रोध तेरा कहीं प्रेम तेरा,
कहीं बनकर सखी ठिठोल करे।
अंजान समझ जो क्रोध किया तो,
धीरे से नयन मिला जाना,
तेरा नाम जो भूली, तो कलम से,
तेरे हुस्न की छाया दिखा जाना।
तू मुझे खिलाये मैं तुझे खिलाऊँ,
भर भर पकवान परथन में,
जब आऊं मैं तेरे देस प्यारे,
जब आऊं मैं तेरे देस में।
©rukmini_vasudev_yadav
#muralidhar
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ख्वाब
तू दिखे जहाँ भी जिधर मैं देखूं,
कहीं बछड़ा कहीं गोपाल बने,
तेरा पता बताये हर पत्ता पत्ता,
जब भी दिल दिल से बात करे।
मेरा पाँव जो हारे भूले तुझे,
बस एक आवाज़ लगा देना,
तेरे प्रेम की खुशबू साथ लिये,
वाहक वायु को बना देना।
लट सुलझाये ,तू खेल करे,
हृदय से लगा कर बाहों में,
जब आऊं मैं तेरे देस प्यारे,
जब आऊं मैं तेरे देस में।
©rukmini_vasudev_yadav7 0 1ख्वाब
जो कदम पड़े भूमि पर वासु,
अश्रु-अण की धार बहे,
मांग तिलक कर चरण धूल का,
आत्मा सोलह सिंगार करे।
और तू फिर धीरे से आकर,
मुस्कन की खिलकन सुनवा जाना,
बंसी के स्वर की माला पिरोकर,
घट घट कंठन पहना जाना।
तू पास न हो पर साथ सही,
मेरा हाथ हो थामा हाथ में,
जब आऊं मैं तेरे देस प्यारे,
जब आऊं मैं तेरे देस में।
©rukmini_vasudev_yadav6 1 1ख़ुशी
होठों का मधुरस पिया नहीं,
पर स्वाद जिह्वा पर ताज़ा है,
तेरे दिल की धड़कन सुनी नहीं,
पर महक अंग में ताज़ा है।
तू बाकी जैसा नहीं है वासु,
कि प्रेम के मीठे बोल सुनाये,
पर मेरे अनहद संवरते इश्क़ में,
तेरी मुस्कन ताज़ा है।
तेरा हाथ कभी भी छुआ नहीं।
©rukmini_vasudev_yadav12 0 1क्षमा
क्षमा करो ओ स्वामी मेरे,
तेरे ज़ख्मों की कैसे भरपाई करूँ,
मैं अधम और मूर्ख अति पापिन,
पल भी कैसे रुस्वाई सहूँ।
तू लाख जतन करवा मैं,
बिन बोले करती जाऊँगी,
पर माफ़ी देदे कसम तेरी,
न फ़िर से ये दोहराई करूँ।
क्षमा करो ओ स्वामी मेरे।
©rukmini_vasudev_yadav26 1 3प्रेम
तू सहज ही हो स्वभाव मेरा,
तेरा नाम ही हो अभिमान मेरा,
तेरी याद में आँसू बहे दिन रैन,
आँसू का दरिया धाम मेरा।
बस तू ही हो, सिर्फ तू ही हो,
हर राह की मंज़िल, साध्य मेरा,
तेरा नाम रटत कुंजन में फिरूं,
हो चन्दन मांग सिंगार मेरा।
©rukmini_vasudev_yadav16 0 2वफ़ा
अनंत जन्म के फासले हैं और,
अनंत दूर तू बैठा है,
हर एक मेरी आह पे तू पर,
मुतियन आँसू रोया है।
तू पास बढ़ा, मैं दूर गयी,
मेरी हर चालाकी जीत गयी।
तू हार गया , मैं हार गयी,
उस हार से कैसे खफ़ा करूँ,
तेरी चाहत हूँ मैं जानती हूँ,
पर तुझसे कैसे वफ़ा करूँ।
©rukmini_vasudev_yadav9 1 1बारिश
मेघ बन तेरा साथ निभाना,
बूंदे बन कन्धा सहराना,
उड़ा के छतरी दौड़ पड़ी मैं,
ये तुझसे मिलने का मेरा बहाना।
©rukmini_vasudev_yadav