#prayasss 26
संचालक _@sparkling_
©kanchanjha
#prayasss25
11 posts-
kanchanjha 91w
आप सभी की रचनाएँ अनुपम हैं। पढ़कर मन गदगद हो गया। विजेता तो सभी हैं। सभी के लिए जोरदार
अगली कड़ी के संचालन के लिए मैं आमत्रिंत करती हूँ @sparkling_ji को।
#prayasss25
#prayasss2614 10 4- misty_2004 @sparkling_ congratulations
- misty_2004 Safal sanchalan ki badhaiya
- kanchanjha @sparkling_ shukriya ji shukriya
- kanchanjha @sparkling_ bahut bahut badhai aglikadi k sanchalan ki
- kanchanjha @misty_2004 thanks dear
neha_ek_leher 92w
फूल
फूलों की खूबसूरत सी है कहानी
बस पल दो पल की उनकी जिंदगानी
सफर उनका हसीन है
कभी चढ़े सिर ईश के
कभी चरणों की धूल से
कभी वीर शहीद पे
कभी प्रेम प्रतीक से
कहीं खुशियों का आगमन लिए
कहीं ग़म की श्वेत चादर चढ़े
टूट के खुद बिखर गए
समाप्त स्वयं को कर गए
दे मुस्कान होठों पर
खुद में ही सुख गए।
©neha_ek_leher43 13 17- mamtapoet बहुत सुंदर
- the_innocent_girls_voice Wow it's amazing .
- kanchanjha Bahut Sundar
- likhahuakuch_14 Waah dear
- greenpeace767
गुलदस्ता फूलों
दुनियां में अनेक तरह के लोग सब होते एक साथ
लगते ऐसे जैसे हो फूलों का गुलदस्ता
खुदा के लिए ये दुनियां एक खिलता हुआ चमन
हम रंग बिरंगे फूल गुलशन के महेकता पृथ्बी का ये आँगन
©goldenwrites_jakir28 7 8फूल
वैजयंती फूलों की माला,
राधा रहीं बनाएँ,
नटवर नागर गिरधर के,
कंठन रहीं सजाएँ।
चरणों में मोहन माधव के,
अर्पण करती पुष्प,
राधा मन भक्ति भर के,
चित अपना करती शुद्ध।
नयनों में छवि गोपीनाथ की,
हर दम रही बसाए,
विरह से कातर राधा बस,
नयना नीर बहाएँ।
प्रेम भाव रख कृष्ण कन्हैया,
यमुना तट पर आएँ,
वेणी में राधा रानी के,
सुंदर सुमन सजाएँ।
©loveneetm17 6 5- parle_g Waaw...उत्कृष्ट रचना❤️
-
goldenwrites_jakir
निशब्द
जल्द ही एक आसमां खुदका ही जमीं पर बनाने बाले हो
ना लगे कभी किसी की नजर वो चाँद सूरज होने वाले हो
है दुआ छोटे भाई की एक सफल लजाबाब suparstar writer के टॉप 10 में शामिल होने वाले हो ✍️✍️ - loveneetm @goldenwrites_jakir भाई जी आपका अथाह प्रेम और प्रोत्साहन ही मेरे लिए सर्वोच्च पुरुस्कार है।आपकी उत्कृष्ट लेखनी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।अतः सदैव अपना सहयोग बनाएँ रखे।हृदय से धन्यवाद आपका।
- loveneetm सहृदय धन्यवाद आपका @jiya_khan जी।
- loveneetm सहृदय धन्यवाद आपका @kanchanjha जी।
#av ume praya
आज के दौर में वो पुरानी फिल्मो की याद आती है
जहां डाकुओं का आतंक रहता था ज़ब चाहे जिसे वो लूट लेते हर तरफ इंसानों की खामोशियों का बलात्कार होता था
बही दौर आज भी है सब के सब खामोश है कुछ करने के लिए कुछ बदल ने के लिए किसी के पास समय ही नहीं है
सब अपनी दुनियां में मस्त मोला है
फिर बदलाब केसे आएगा ये सबाल बेकार है इसका जबाब सोइ हुई आत्माओ के पास नहीं है
ये सब वो पुतले है जिनमे जान है पर ज़मीर नहीं
तभी ये सब अपने कदम को पीछे की और बढ़ाते हैं
कोई नहीं चाहता इसे बदलना और ना खुदको बदलने का ये प्रयास करते है इन सबको इन सब की आदत हो गई है ,,
ये एक फ़िल्म की तरह है यहाँ कुछ ही हीरो है बाक़ी सब गांव की वो भीड़ जो सिर्फ तमाशा देखती है हीरो अकेले ही लड़ता है और जनता खामोश रहती है बही खामोशियाँ आज mirakee पर abhivyakti umeed prayasss की पाठशाला पर नजर आता है जहाँ कुछ लोग लड़ रहे है वाकई सब तमाशा देख रहे हैं
मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता वो क्या मेरे बारे में और मेरे साथी लोगो के बारे में क्या सोचतें हैं हम सब मिलकर कुछ करना चाहते है जो आप लोवो के बिना अधूरा है उम्मीद है एक दिन सबेरा जरूर आएगा उसी प्रयास में अभिव्यक्ति की मशाल उज्वल है .. कल ये मशाल सूरज की तरह सबके दिलो में रोशन होगी उसी इंतजार में हम सब साथ खड़े हैं
©goldenwrites_jakir23 11 4- goldenwrites_jakir @rinki_writes जिक्र किया हूँ उन सब का जो साथ साथ चल रहे है
- go_win_the_hearts Wah bhai ji sahi kaha Aapne
- rinki_writes हां जी @goldenwrites_jakir
- royal_poem_queen Ekdam sahi
- goldenwrites_jakir @thesurajsingh @aryaverma12
kanchanjha 92w
सर्वप्रथम मैं बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ आदरणीय @rnsharma65 जी का,अगली कड़ी के संचालन का कार्य भार मुझे सौंपने के लिए। साथ ही मैं सभी विद्वानों, गुणीजनों, कवि मित्रों का हार्दिक वंदन अभिनंदन करती हूँ।
अगली कड़ी #prayasss25 का विषय है "फूल "
रंग बिरंगे फूल, तितलियाँ, बाग -बगीचा किसे आकर्षित करता। तो आप सभी अपने भाव व्यक्त कीजिए अपनी रचना के माध्यम से।
,@piu_writes, @goldenwrites_jakir, @neha_ek_leher, @loveneetm
#prayasss24विषय-फूल
©kanchanjha21 4 4- kanchanjha @maakinidhi, @sanjay_kumr, @vaishally
- butterfly97
-
goldenwrites_jakir
संचालन की लख लख बधाई
और अभी देखा ये सन्देश आपका माफ़ी के लिए छमा चाहता हूँ - rnsharma65 खूब सुन्दर शीर्षक
rnsharma65 92w
Prayasss25
आप सब बहुत सुंदर वर्णन किए हैं । सब के रचना एक से एक बढ़कर सराहनीय हैं । #Prayasss25 का संचालन दायित्व लेने के लिए मैं @kanchanjha .. जी को अनुरोध कर रहा हूं ।
©rnsharma6534 4 8- kanchanjha बहुत शुक्रिया सर
- kanchanjha @sanjay_kumr_ शुक्रिया भाई
- parle_g @kanchanjha बधाई हो दीदी❤️
- kanchanjha @jiya_khan shukriya dear
Prayasss25
प्रिय सज्जनों सप्रेम नमस्कार । हमें संचालन दायित्व सौंपने का बहुत समस्या होता है इसीलिए की बहुत कम साहित्यिक अपने अपने रचना पोस्ट करते हैं और प्राय सभी बार बार दायित्व निभाएं हैं । अतः आप सभी से अनुरोध अपने तरफ़ से दायित्व निभाने के लिए मुझे कॉमेंट कीजिए ।
बहुत बहुत धन्यवाद ।
©rnsharma6538 9 11- maakinidhi Sir aap jab chahe mujhe sanchaalan de sakte hain par Mai ye bhi chahti huin ki jyada se jyada naye lekhak is series se judein
-
goldenwrites_jakir
@maakinidhi
नय लोग जुड़ते ही नहीं बस हम छन ही लोग है बाक़ी सब तमाशा देखते है किसी के पास समय ही नहीं है
फिर भी हम उदाश नहीं हमारी जंग जारी है - mamtapoet Kuch hi shakhs post padhte hai aur suggestions dete hai.
- maakinidhi @goldenwrites_jakir ...Haan bhaijaan...hope for better response
- rnsharma65 @noor67noor बहुत बहुत धन्यवाद । मुझे अगर शीर्षक देंगे तो कोशिश करूंगा । फ़िर भेजने का माध्यम भी ।
कांटो की उम्र बड़ी लम्बी, पल भर के लिये गुल का जीवन।
कांटे देते हैं जख्म सदा,सुरभि सुमन आह्लादित मन।
कांटे रह गए सदा द्रुम पर,और फूल ईश शृंगार बना।
कांटों को सराहा कब किसने, हाँ फूल गले का हार बना।
दीघार्यु शूल से उत्तम है,फूलों के सदृश क्षणिक जीवन।
कांटा कब वंश बढ़ाता है,फल सदा फूल पर आता है।
देता जो दर्द सदा सबको,सर्वदा पृथक रह जाता है।
मत बनो क्रूर कांटों के सम,फूलों से सीखो प्यार अमन।
अपने आकर्षण से ही,सुमन सभी को भाता है।
कोमल स्वभाव के कारण ही,यह प्रेम प्रतीक कहाता है।
चाहेगा कौन भ्रमण करना, बिन सुमन,शूल से सज्जित वन।
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©kanchanjha22 7 6- ishanvisingh ☺️☺️☺️☺️
- ishanvisingh ☺️☺️☺️☺️
- kanchanjha @anandsardar @wordcasanova @ishanvisingh bahut bahut shukriya aap sabhi ka
- maakinidhi Waaah
- goldenwrites_jakir लजाबाब कमाल है
rnsharma65 108w
फूल
कर रहा था उपवन की सैर,
कुसुम पौधों से था भरपूर,
सुवासित फूल खिले थे हज़ार,
मिलता था आनंद असीम अपार,
उस समय मन में आया अद्भुत विचार,
लग गया हृदय एक ही सुमन पर ,
जो था अनोखा सुन्दर,
भुल गया मैं सारा संसार
और कर बैठा उससे अतुलित प्यार ।
उस दिन से खुल गया मेरा मोहब्बत का द्वार ।
©rnsharma6564 21 19- rnsharma65 @mamtapoet @rk_raju @uttamky @sanjay_kumr_ अन्तर्मन से सप्रेम बहुत बहुत धन्यवाद जी
- rnsharma65 @neha_ek_leher @monadeep @ra_shree @angeljohn अन्तर्मन से सप्रेम बहुत बहुत धन्यवाद जी
- yusuf_meester Khoobsurat rachna
- anantsharma_ उम्दा रचना
- rnsharma65 @yusuf_meester @anantsharma_ saprem bahut bahut dhanyawad Ji