आगे संचालन के लिए में @kshatrani_wordsजी को आमंत्रित करती हूँ, वो आगे इस श्रृंखला का मार्गदर्शन करे, आप सभी से उनके सहयोग की प्रार्थना के साथ धन्यवाद ।
©mamtapoet
#rachanaprati125
14 posts-
mamtapoet 29w
#rachanaprati125
#rachanaprati126
आप सभी का हार्दिक आभार, जिन्होंने भी इस श्रृंखला में अपना योगदान दिया।
आप सभी की रचनाएँ एक से बढ़कर एक थी। @jigna_a didi की देशप्रेम भरी गाथा,@goldenwrites_jakir भाई जी की खूबसूरत रचनाएँ, @loveneetam जी की विरह के डर से भरी अभिव्यक्ति, @anandbarun sir जी की अनुपम कृतियाँ,@amateur_skm, भाई की अनुपम कृति,@psprem जी की और@kshatrani_words जी की प्रेरणादायक रचना,@anonymous_143जी की डॉक्टर के डर की अभिव्यक्ति,@anusugandh didi जी की प्रेम में डर से भरी सुंदर रचना। सभी में से सर्वश्रेष्ठ का चुनाव करना मुश्किल ही प्रतीत होता है।31 11 8कि डर है गर
कि डर है गर कल से
तो आज से लड़,
है रात गर काली
तो प्रकाश बन,
है खो गया कहीं
तो खुद की तलाश कर।
है ज़ुबाँ गर थक चुकी
तो फिर आवाज़ बुलंद कर,
है गम ही मिल रहा
तो खुद ही खुद की ख़ुशी बन,
है टूटकर बिखर चुके
तो फिर खुद को इकट्ठा कर।
कि सुकूं की है गर आरजू
तो ख़ुद के अंदर शोध कर,
है मर चुकी जो जीने की लालसा
तो उसका आवाह्न कर,
है जो भी बाधाएं,
तो समझकर, निकाल दूर फेक।
है खत्म हो गयी क़िताब गर, सीख ले
आगे तो निकल,
है ज़िंदगी बड़ी, हो सकती है ख़ुशनुमा
मौत से पहले तो न कर खत्म,
डर है गर कल से
तो आज से लड़ ।
- अनुश्रुति /43 10 13- _do_lafj_ @mamtapoet
- mamtapoet Bahut shandaar, motivational
- mamtapoet @_do_lafj_ thank you❤
- goldenwrites_jakir बहुत सशक्त सुन्दर अभिव्यक्ति
- dopedserene Lajawaab
डर
देशप्रेम का जज़्बा उनके सीने में धड़कता है,
जाँबाज़ सिपाही देश पे आफ़त आए तो तड़पता है।
भारत माता की चरणधूलि उनका चरणामृत जैसे,
मान, सम्मान मिटे कभी ना सर रहे हिमालय खड़ा वैसे,
संकट देश पे आए तो उन्हें खुद की साँसों का बोझ लगता है,
जाँबाज़ सिपाही देश पे आफ़त आए तो तड़पता है।
थलसेना हमारी धूरी तो जलसेना आधार है,
वायुसेना बाहुबली सी महिमा अपरंपार है,
इनकी हिम्मत देख काँपता ड़र भी इनसे ही ड़रता है,
जाँबाज़ सिपाही देश पे आफ़त आए तो तड़पता है।
देशप्रेम का जज़्बा-------------------
©jigna_a24 9 10- anusugandh Bahut Shandar Rachna likhi aapane ✍️✍️✍️✍️✍️❤️❤️❤️❤️
- vishalprabtani Gazab
- anandbarun वाह, बहुत खूब
- _tajraba बहुत बहुत बहुत जानदार रचना di
- _do_lafj_ Bahut khoob dii
डर के साये
सत्य है, 'एक साधे सब सधे'
तो फिर क्या है समझ से परे
थका है सब अथक भटकते
न जाने जग क्या ढूँढता फिरे
भ्रमित मानस विकल सिहरे
भूला अंतर मन दिवास्वप्न में
किस रिक्त को भरने को मिटे
न जाने जग क्या ढूँढता फिरे
आखिर किस सत्य के पीछे
जीवन का हर लम्हा खो रहे
सना है सब मिथ के मर्त्य मे
न जाने जग क्या ढूँढता फिरे
इक अंजाने से डर के साये में
घिरा रहे मन, किस अंदेशे से
कारण-परिस्थितियों से सहमे
न जाने जग क्या ढूँढता फिरे
जब आनन्द के फूल खिलते
फल प्रेम के जीवन में लगते
मूल अंतर्निहित शाश्वत सबमें
न जाने जग क्या ढूँढता फिरे
©anandbarun24 14 9-
anandbarun
@alkatripathi79 @abhi_mishra_ @miral_parveen @anita_sudhir
बहुत-बहुत आभार -
_tajraba
Sir hm aapse bahut dino se bolna chah rhe the , aaj socha bol de. Sir aapko apni rchna book me print krwani chahiye. Ya phir khud hi aapko ek kitab likhni chahiye. Aisa mujhe lgta hai.
Kyuki jitna maine pdha hai aapko , usse mujhe apne hindi ki kitabon ki rchna ka hi yaad dilaya hai. Mtlb suddh hindi hoti hai aapki rchna me aur aisa aajkl dekhne ko km milta hai.
Baki sir aapki jaisi mrji - anandbarun @kshatrani_words अनुश्रुति, आपके स्नेहिल अनुशंसा का कायल हूँ. मेरा भाषागत व्याकरण ज्ञान छुद्र है. हाँ, यह सच है कि दिन-प्रतिदिन सुधार करने हेतु प्रयासरत हूँ. परंतु अभी भी संतोषजनक नहीं है. मैं कभी साहित्य का छात्र नहीं रहा. मैंने स्कूल-कॉलेज के दिनों शौकिया तौर पे साहित्य अध्ययन किया है और फलतः थोड़ी-बहुत शब्द संपदा अवश्य है परंतु वर्तनी, लिंग निर्णय, इत्यदि में पंगु हूँ.
- anandbarun @kshatrani_words ज्यादातर अंधेरे में तीर छोड़ने जैसा. उप्लब्धि संग जिम्मेंदारी भी आती है जिसका निर्वहन करने में अभी असमर्थ अनुभव करता हूँ. परंतु आशावादी हूँ
-
_tajraba
बिलकुल सही हैं सर आप अपनी जगह। हम बहुत दिनों से सोच रहे थे इसलिए सोचा आज बोल दे , अपनी बात रख दें।
आशा करते हैं जल्द ही आपकी पुस्तक पढ़ें हम सभी
विरह भय
ऐ! री सखी रूठे ना मोहन,
भय से काँपे प्राण,
मुझ दासी का एक सहारा,
मेरे गोविंद श्याम।
धन वैभव तुच्छ माया वस्तु,
सब नीरस बेजान,
परम सुख परमानंद स्वामी,
मेरे प्रभु घनश्याम।
उनका बिछोह विरह अति भारी,
भय लागे दिन रात,
सदा रहूँ सहचरी बन उनकी,
इतनी है मन आस।
भक्त हृदय फल की ना चिंता,
उसके दाता श्याम,
भक्त हृदय विरह की चिंता,
कि दूर ना हो घनश्याम।
©loveneetm23 6 6- mamtapoet Bahut sundar, bhakti purn
- mamtapoet Shri radhe
- vaish_02 Ati sundar ❤
- amar61090 Superb
- alkatripathi79 अद्भुत
#डर ✍️
डर जाता हूँ मैं अक्सर "तन्हाई में रहने से
लिखूँ क्या दिल के ज़ज़्बात
सोचकर ख़ामोश कर लेता हूँ कलम को
कहीं किसी को मेरे शब्दो के फूल
काँटे बनकर चुभ ना जाए
यही सोचकर डरता हूँ ,,, |
©goldenwrites_jakir39 11 13-
goldenwrites_jakir
@vipin_bahar
शुक्रिया गुरु G okay - anusugandh सुंदर लिखा भाई आपने
- anandbarun वाह, क्या बात
- _tajraba आहा भाई जी , बहुत खूब लिखा आपने
- dinner Meri rachna bhi aisi hi kuch hai 👏🏻👏🏻
#डर
डर ही तो है ज़िन्दगी में
तभी तो आज भी लाचार बेवस हूँ
©goldenwrites_jakirPhoto By Dollar Gill on Unsplash25 4 7निडर
ना जाने
कब,
कौन,
कैसे,
कर जाता है
मुझे पतित
क्यूँ हूँ मै ऐसा
कहाँ करता हूँ
भूल,
क्या है
ये जहाँ
क्यूँ आया मैं यहाँ
और क्यूँ
भटक रहा हूँ
टटोलते
ठोकरों को सहते-बचते
क्या है पाना
जहाँ खत्म होगा सारा
ताना-बाना
कहीं तो होगा
वो दरवाजा
जहाँ से दिखता होगा
होगा सारा
कैसे लाऊँ
मैं खुद को बाहर
काश! मैं समझ पाता
कोई पता होता
एक झरोखा
जहाँ से सारा
आकाश होता खुला
आगोश में भरने
बेकरार मन मेरा
और सर्वत्र
मैं जाता समा
समय से परे
नीलवर्ण सरीखा
निडर, प्रेम में तेरा..
©anandbarun21 9 7- mamtapoet Apratim lakhen, khud ko kabhi samajhne kabhi n samajh pane ka dar ya hoon nidar......
-
_tajraba
Sir
निःशब्द -
anandbarun
@alkatripathi79 @anusugandh @psprem @mamtapoet @kshatrani_words
अनेकानेक आभार - anandbarun @vipin_bahar आभार सर
- devanshi0 Bhot hi sundr
"डर"
जिन्दगी की ये रीत है।
डर के आगे जीत है।
डर से डर क्यूं लगता है।
फिर डर से क्यूं भयभीत है।
डर से डरा हुआ कोई भी,
सफल नहीं हो सकता है।
जब खुद पर नहीं भरोसा,
तभी तो डर लगता है।
जिसको खुद पर रहा भरोसा,
उसने ही इतिहास रचा है।
और जो भी डर कर बैठ गया,
वो कभी जिंदा नहीं बचा है।
डर बैठ गया जिसके मन में।
नहीं सफल होता जीवन में।
जबकि डर कुछ भी ना होता,
पर आदत पड़ चुकी बचपन में।
जिनकी सोच निराशावादी।
वो ही अधिक डरा करते हैं।
आशावादी अपने जीवन में।
सारे काम खरा करते हैं।
"प्रेम"तुम्हें शिक्षा देता है।
जीवन में कभी डरना मत।
जीवन तो आधीन है रब के।
बे मतलब डरकर मरना मत।
©psprem38 22 8- psprem @aryaaverma12. Welcome.☘️️
-
_tajraba
दिए गए शब्द के साथ न्याय।
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने , बहुत खूब - psprem @kshatrani_words. Thanku so much. ☘️️
- purnika Behtreen ✌
- psprem @purnika. aapka bahut bahut shukriya.️
anusugandh 30w
डर
ये डर ये खलिश ये उलझन सी क्यों है
जाने यह जिंदगी अब बेज़ार सी क्यों है
तुझे पाने से ज्यादा खोने का डर लगता है
ये डर हर वक्त,मेरे ज़हन में जाने क्यों है
जिंदगी की राह में चलते दूर निकल आए
आखिरी सफर तेरे साथ ही दरकार क्यों है
सदा रहना साथ,ना छोड़ना कभी मेरा हाथ
तेरे हाथ की गर्माहट की जाने आदत क्यों है
क्यों बार-बार जाने की आहट देते रहते हो
यह डर दिलो-दिमाग में हर वक्त क्यों है
वादा करो अपनी परछाई बना कर रखोगे
देखो, साथ ले जाना वादा देते क्यों नहीं हो
ये डर जो ज़हन में हमेशा घर कर गया है
इसको मेरे ज़हन से निकालते क्यों नहीं हो
©anusugandh26 23 7- suresh_28 @anusugandh u r warm welcome
- psprem आप जो भी लिखती हैं,अच्छा लिखती हैं।वो सबको अच्छा लगता है।✍️✍️
- anusugandh @suresh_28
- anusugandh @psprem bahut bahut shukriya aapka
- _tajraba आहा ma'am, bahut बेहतरीन लिखा है आपने गहराई के साथ
mamtapoet 30w
#rachanaprati125
@_do_lafj_, @anusugandh, @alkatripathi79
@_do_lafj_जी का हार्दिक धन्यवाद,देरी से विषय चुनने के लिए क्षमा, आज का विषय है" डर ", डर जो हर मन में समाया रहता है, परसों दोपहर 3 बजे तक आपकी रचनाओं का इंतजार रहेगा।पानी को छू लू और पिघल न जाऊँ
तपिश भरी भीतर पर कहीं जम न जाऊँ।
फूलों से भरा दामन ,
काँटों का क्यों अहसास करायें
पाया भी नहीं सब कुछ
फ़िर क्या खोने का भाव जगाये।
उलझन कह लू तो
सुलझ भी जाऊं
पीड़ा हो तन की तो
गरल भी पी जाऊँ।
न चाहूँ हर रग में बसेरा
कँटीले झाड़ सी क्यों हर पथ पे समाई
मेरा रूप वहीं जो रंग है तेरा
रक्त न नस में पर,रक्तिम क्यों हर परछाई।
चलूँ सीधी उल्टी चाल नजर आये
मेमने की खाल में भेड़िये कहर बरपाए,
डर को कितना दूर भगाउँ,
डर का डर, पल पल फ़िर भी सताये।
©mamtapoet60 51 22- greenpeace767 Bht hi khub Surat rachana waah dear ❤❤
- pradeep_ Waah ji
- mamtapoet @pradeep_ shukriya
- mamtapoet @greenpeace767 bahut bahut shukriya ❤❤ @kshatrani_words
- ranii0022
_do_lafj_ 30w
Aap sabne bhi bahut acchaa likha hai...
@alkatripathi79 dii
@goldenwrites_jakir sir
@gannudairy_
@psprem
@jigna_a dii
Pihu_writes dii
Kashatrani_words
Anandbarun sir
Thank you so much for giving me this chace....
If i did any mistake please forgive me...
#rachanaprati124 #rachanaprati125
@anusugandh dii Apka bahut bahut shukriya mujhe ye mauka dene k liye...
#rachanaprati124 ke liye mai @mamtapoet di aur @loveneetm ko vijeta batati hu...
Aur #rachanaprati125 ki jimmedari @mamtapoet di ko deti hu❣️....
©_do_lafj_23 17 6-
goldenwrites_jakir
@mamtapoet दी "
संचालन की लख लख हार्दिक बधाइयाँ शुभकामनायें
- anusugandh बहुत सुंदर संचालन किया आपने इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई
- anusugandh @mamtapoet congratulations dear
- tejasmita_tjjt @_do_lafj_ @mamtapoet congratulations both of you
- psprem संचालन के लिए दोनों को बधाई के साथ साथ नई रचनाओं को आगे बढ़ाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
और आपका बहुत आभर ये कार्य सौंपने लिए
Aapka bahut bahut aabhar