शब्द सीढ़ी के अंतर्गत उत्साह से भाग लेने हेतु सबका हृदयपूर्वक धन्यवाद सबकी रचनाएँ उत्कृष्ट थी। विपीन जी की ग़ज़ल बहुत करीब थी तो अनु दी, आनंद जी, ममता, राखी, ज़ाकिर भाई, आर्या जी, वैश्नवी, सौरभ भाई सबकी रचनाएँ अत्युत्तम थी।
मगर लगभग हर विधा में माहिर कलम के धनी, हर रस में लिखने वाले लवनीत भाई को मैं विजेता घोषित करती हूँ। @loveneetm
मैं एक निवेदन अवश्य करूँगी, मात्राएँ, व्याकरण लेखन की आवश्यकता है। भाव बहुत अच्छे होते हुए भी मैं कुछ कृतियों को नहीं छाँट पाई। सीखे, सीखे और सीखे।
©jigna_a
#rachanaprati93
31 posts-
jigna_a 44w
#rachanaprati93
#rachanaprati94
@loveneetm भाई जी अगली कड़ी की ज़िम्मेदारी मैं आपको सौंपती हूँ।31 19 15बादल
मैं इक आवारा बादल हूं।
प्यास बुझाता हूं धरती की,
और खुद में ही घायल हूं।
बंजर धरती पर फूल ,,,,
खिलाना काम है मेरा।
और प्यासो की प्यास,,,,
बुझाना काम है मेरा।
आकाश में उड़ता फिरता हूं।
ना तूफानों से कभी डरता हूं।
माता मेरी समंदर है।
जल धारा मेरे अन्दर है।
मैं तूफानों का पाला हूं।
पर बहुत बड़ा मतवाला हूं।
बारिश मैं रिमझिम करता हूं।
धरती पर जीवन भरता हूं।
बस एक मुसाफिर हूं मैं तो,
जो मारा मारा फिरता हूं।
साथ नहीं देता कोई ,,,,
मैं तन्हा ही घिरता हूं।
पर मुझको संतोष बहुत है।
फिर भी मुझमें जोश बहुत है।
मैं सबको जीवन देता हूं।
ना बदले में कुछ लेता हूं।
परोपकार है काम मेरा।
मैं सब जीवों का कायल हूं।
क्योंकि मैं इक आवारा बादल हूं।
तन्हा ही रहता हूं , और घायल हूं।
©psprem17 10 6- prakhu_13 Kya baat h...
- kumarrrmanoj Nice
- psprem @kamini_bhardwaj1.aapka bahut bahut shukriya avm svagat hai.️☘️
- psprem @prakhu_13.aapka bahut bahut Dhanyvad avm svagat hai.️
- psprem @kumarrrmanoj.aapka bahut shukriya avm svagat hai.☘️
ये बादल,,,,
ये बारिश,,,,,,
ये चाय,,,,,,
और,,,,
साथ,,,,
तुम्हारी,,,,
यादें,,,,
अक्सर,,,,
तन्हां कर जाती हैं,,,मुझे,,,,,,,
©aryaaverma12Photo By Henrik Dnnestad on Unsplash53 23 16- anusugandh Vah vah kam shabdon mein bahut Pyara likha✍️✍️
- amateur_skm ❤️❤️
- amateur_skm @anandbarun
- akhileshsikhapuri Bahut khub
-
__anjalijha
Hey well penned!!
Would you like to work as a co-author in our new book.... If you're interested then you can contact us... but this offer is only for Indians..
Details: Instagram I'd: miss._little._poet
I hope you'll not lose this great opportunity!!
Have a great day !!
Thank you !!
देखो!चाय भी है मेरे हाथ में
और तुम्हारी यादें भी है साथ में,
बरस रहे है दोनों,
बादल भी और ये आँखे भी।47 21 16- aryaaverma12 Bhut sundar bnaya h sister' ne,
- aryaaverma12 Good night tc
- mamtapoet Hmm, same here @aryaaverma12 good morning
- aryaaverma12 Good morning
- guftgu Good Morning ❤️ @mamtapoet
दोस्ती
बादल कुछ छट रहे है,
बारिश भी थम रही,
तुम आना आज मिलने,
चाय पे दोस्तो।
बहुत समय गँवाया,
बेफिज़ूल इश्क में,
है हाल ए दिल सुनाना,
चाय पे दोस्तो।
यादो का है खजाना,
दिल में दबा हुआ सा,
तुम खोल देना उसको,
चाय पे दोस्तो।
हर वक्त आई मुश्किल,
टूटा भी कई दफा मैं,
हर बार सब संभाला,
चाय पे दोस्तो।
है चाय तो बहाना,
मिलने का मेरे यारो,
मिलके गले लगाना,
चाय पे दोस्तो।
@लवनीत14 5 4- alkatripathi79 वाह बहुत सुन्दर ☕️☕️
- loveneetm त्रुटी सुधार के लिए धन्यवाद आपका @alkatripathi ji
- alkatripathi79 @loveneetm
- anusugandh बहुत सुंदर लिखा है✍️✍️☕
- psprem वाह बहुत खूब।♥️
vipin_bahar 45w
विधा-गजल(हिंदी)
शीर्षक-चाय पर
वज्न-2122,2122,212
#rachanaprati93
आ० @jigna_a जी मैंम आपकी आज्ञा का पालन किया,गर कोई त्रुटि हो तो जरूर अवगत करवाये
सादर समीक्षा हेतुचाय पर..
बारिशो में तुम मिली थी चाय पर ।
बादलों में तुम खिली थी चाय पर ।।
वक्त का मानो पता ही ना चला...
बात यारो यूँ चली थी चाय पर ।।
हम अकेले ही अकेले रह गए ।
याद तेरी मखमली थी चाय पर ।।
प्यार का दीपक बुझा तुम चल दिए..
आरजू की लौ जली थी चाय पर ।।
दो नयन मिलते रहे यूँ मिल गए ।
मनचला था ,मनचली थी चाय पर ।।
भीड़ सब तुमको निहारे दिलरुबा ।
यार कितनी खलबली थी चाय पर ।।
विपिन"बहार"
©
©vipin_bahar31 10 12-
goldenwrites_jakir
आपकी तरह
मिली थी
जली थी
अभी इस तरह नही आया पर आप सिखाओगे तो जरूर सीख जाऊंगा गुरु G - jigna_a वाह विपिन जी, पहले तो निमंत्रण स्वीकार हेतु धन्यवाद और हम आपकी त्रुटि क्या बताए। आप हमारी बताते रहिएगा। बेहतरीन।
- mamtapoet Bahut shandaar abhivyakti
- gazal_e_vishal बेहद शानदार लिखा है
- anusugandh बहुत खूबसूरत शब्दों में अपने सारे शब्दों को ढाला है बहुत खूब लिखा है✍️✍️
#two liner
बादल☁️, बारिश️,चाय☕,याद ।
बादलों को देखकर बारिश का अंदाज़ा हो जाता है ।
अक्सर चाय पीते वक्त कुछ हसीन याद ताज़ा हो जाता है ।
©sadhana_the_poetess38 10 11- sadhana_the_poetess @anusugandh तहे दिल से शुक्रिया ❤️
- sadhana_the_poetess @anandbarun बहुत बहुत धन्यवाद और आभार
- sadhana_the_poetess @gauravs thank u boss
- ammy21 Waah
- sadhana_the_poetess @ammy21 Thank u
वो कहते है,
मेरे हाथ की चाय बहुत स्वादिष्ट होती हैं।
मेरी आँखें रोती है तो बारिश होती हैं।
उन्हें हमारा जन्मदिन भी याद नहीं होता ।
हमें मिलाना तो उन बादलों की साजिश होती है।
©sadhana_the_poetess41 60 11- rudramm Mashallah...
- rudramm Rab khair kare aapka yu hi hasti muskurate rahiye
- sadhana_the_poetess @rudramm aur khuda yeh bhi kare ki aapse phir guftagu ka mauka mile
- sadhana_the_poetess @rudramm ji shukriya ada karna aapka bahut chhota hoga aapki duaon ka tahe dil se shukriya aur swagat
- rudramm Ji wo to aap jab chahe tab mauke milte rahenge
दादी माँ ✍️
बादलों के पीछे कहीं " सितारों के आँगन में
इक तारा बनकर रौशन " मेरी दादी माँ
याद आती आज भी उनकी इतनी
आँखों से बरसती बारिश इतनी प्यारी मेरी दादी माँ ,,,
मिल जाता राह में ज़ब भी कोई बुजुर्ग
दे देता उनको चाय पीने के पैसे
लेकर नाम मेरी दादी माँ का
दिल में होती ख़ुशी सोचकर खुश है मुझसे मेरी दादी माँ
......... !¡!
©goldenwrites_jakir22 20 9- mamtapoet @goldenwrites_jakir bahut achhi koshish
- aryaaverma12 Bhut pyara
-
goldenwrites_jakir
@aryaaverma12
Sorry गलति से delet हो गया
Goodnight - psprem Shandar .
- monadeep ❤❤
चाय के नाम पर, झट से चल पड़ते हैं
कंजूस हैं पर्स भूलने के बहाने करते हैं
बारिस में भींगने का मिजाज रखते हैं
बस बादल सा गुम होने में रत रहते हैं
©anandbarunPhoto By nazri marjuki on Unsplash29 20 10- anusugandh बहुत खूब लिखा आनंद जी आपने
- anandbarun @anusugandh हृदयातल से आभार
- psprem वाह बहुत ही खूबसूरत लिखा है।♥️♥️
- anandbarun @psprem शुक्रिया
- anandbarun @beleza_ आभार
tejasmita_tjjt 45w
#rachanaprati93
@jigna_a
बस कुछ यूं ही.....
याद है तुम्हें वो पहली मुलाकात
वो गर्मी की पहली सी बरसात
जब हम मिले थे बिन मौसम अचानक
बादल बहुत तेज गरजे थे
जरा जरा सा भीगे थे हम तुम
साथ बैठ एक दूजे के
हाथों से चाय पीए थे हम तुम
याद है तुम्हें......
तुम्हारे हाथों की बनी हुई वो चाय
अदरक इलायची गजब का स्वाद
तारीफ करते नहीं थकता था मैं
आदत हो गई है कहता था मैं
अब ना तुम हो ना है वो चाय
अब तो बस संग है वो याद
अब ना वो बादल गरजते हैं
ना ही वो बरसात होती है.
तुम तो नहीं हो पर
ये बादल
ये बरसात
ये चाय
और
तुम्हारी याद
हर पल तुम्हारे होने का
एहसास दिलाती है
©tejasmita_tjjtPhoto By Irina Iriser on Unsplash35 20 10- psprem Waah bahut hi sundar likha hai aapne.
- rim_gor Waah!
- i_am_an_unprofessional_writer कमाल का लिखते हो
- tejasmita_tjjt @i_am_an_unprofessional_writer Thanku so much
vaish_02 45w
I'm back ✋
Kch bda ho gya
@jigna_a #rachanaprati93
Yha se padhiyega
● अनेक रसिक एक कलाकार
उस पल जब तुम
अपने हाथों से मेरे केश सवाँर रहे थे
आसमाँ ने भी शर्माकर
खुदको बादलों के आड़ कर लिया
चाँदनी कुछ कह रही थी शायद
मुझे पूर्णरूप से सुनायी नहीं दिया था
शायद बिजली के कडाड़ने की आवाज से
खैर ! फिर जो बारीश हुयी
मेरे केश शायद बिखेरनें के लिये ही
सवाँरे थे तुमने
दोनों ने एक ही चाय की चुस्की लियी
चाय की मिठा़स के साथ ही साथ
मेरी लाली भी तुम्हारे होटों पें आ उतरी
और ऐसे उतरी के शायद आज तक ऊसे
कोई बरसात नहीं मिटा पायी
साँझ में जैसे सारे रंग आपस में घुल जाते हैं
हमारे सारे रस एकदुजें में मिल गये
और एक कला का आविष्कार हुआ ऊस पल
हाँ ! एक कलाजो कला मैं आज समझ पायी
जब मैंने ऊस पल से लेकर
अभी इस पल तक का सफ़र किया
इस पल जब मैंने अपने केश बिखेरे हैं
और उन्हे सवाँरने तुम मेरे पास नहीं हो
इस पल जब मुझे चाँदनी की आवाज
बिलकुल साफ और साफ सुनायी दे पां रही हैं
मैं तुम्हे बताना चाहती हूँ
चाँदनी मुझ से कुछ युँ कह रही हैं ,
" मैं युगों युगों से देख रही हूँ , इस कला के रसिकों को
हाँ जिन्हे मैं देखती हूँ , जो मुझे भी देखते हैं
वे केवल इस कला को ऊपभोगने वाले रसिक हैं
पर जो मुझे सुन पाते हैं , जो मुझे सुनाते हैं
वे असली कलाकार हैं "
मैंने भी चाँदनी से सवाल किया ,
" वो कैसे ? "
ऊसने मुस्काते हुये जवाब दिया ,
" तुम अपनी नजर से देखती हो,
चाँद और चाँदनी एक ही आसमाँ के रहगुज़र हैं,
ऊस तरह मैं भी देखती हूँ तुम और तुम्हारा
प्रियकर भी एक ही धरा के रहगुज़र हो
जिस तरह हम दोनों एक ही रात के हमसफर हैं
तुम दोनों भी एक ही मंझील की डगर हो
ये वक्त ये जिदंगी तो महज़ एक साधन हैं
तुम अपनी कला की साधना में मस्त मग़न हो
कला वो नहीं जो तुमने ऊस पल रचायी
कला वो हैं, जो इस पल भी तुमने ऊस पल से
खुब़ वफा हैं निभायी, हाँ तुमने वफा हैं निभायी
तब ही तो एक आधे बरस की याद को
तुम अपने अाखिरी साँस तक जीना चाहती हो
प्रेम की इस दुर्लभ कला को , तुम पाना नहीं,
हर एक नये रंगरुप से सजाना चाहती हो
अब देखो न ! मैं चाँदनी हूँ , मैं मिथ्या हूँ
फिर भी अपनी कला से तुम मुझे सुन रही हो
मुझे अपनी सुना रही हो, हाँ तुम रसिक नहीं
तुम कलाकार हो ! "
©Vaishnavi ♥️52 23 18- vaish_02 @standbyme thank god
- avaneeshrajput बहुत सुंदर जी
- suresh_28 Better! And much more better,
- mamtapoet Beautiful, beautiful and beautiful❤❤❤
- zues_was_a_jerk
चाय पे चर्चे फिर याद आ गए
बारिस के बादल से लुभा गए
©anandbarunPhoto By Shubham Dhage on Unsplash26 16 8- anandbarun @kumarrrmanoj Thanks a lot
- anusugandh कुछ ही शब्दों में सभी कुछ लिख दिया आपने✍️✍️☕
- psprem वाह क्या बात है।♥️♥️
- anandbarun @anusugandh शुक्रिया
- anandbarun @psprem धन्यवाद
हास्य कविता
सास बहू है बादल बारिश,
गरजे बरसे साथ,
किसको बोलूँ चाय बनाए,
किसके जोडूँ हाथ।
याद नही की आखिर दोनो,
कब बैठी थी साथ,
गलती से वो दिन आए तो,
झट बदले हालात।
सास बहू यह बाते सुनकर,
सोचे मिलकर साथ,
गलत धारणा लोगो की यह,
समझ ना आए बात।
नोकझोंक हो मां-बेटी की,
तो समझे उसको खास,
और वही बहस हो थोड़ी हम मे,
तो बुरी बहु और सास।
इस कारण झट सासू बोली,
मत हो पुत्र उदास,
खुद ही जाकर चाय बना ले,
हम भी पी लेंगी साथ।
@लवनीत20 10 11अनुभव
कवि महोदय व्यथित चकित,
शब्द ना दे कुछ साथ,
पत्नी जी देख के सूरत,
समझ गई हालात।
संगत का कुछ असर हुआ था,
झट छलके अल्फाज,
सुनो कवि जी बात पत्ते की,
करती हूँ मै आज।
बादल बारिश प्रेम प्रकृति,
सब पर लिखते आप,
घर गृहस्थी की आम कहानी,
करते क्यूँ ना याद।
चाय की भांति महके जीवन,
खुशियो का लिए उबाल,
भाप बनकर कष्ट उड़े सब,
स्वाद भी हो खुशहाल।
चाय की चुस्की मीठा अनुभव,
सुखद सरल एहसास,
सही माप का सीधा मिश्रण,
कलम भरे अल्फाज।
@लवनीत21 11 9-
raaj_kalam_ka
gazzaaaabbbbb
jindgi chai k ubaal jesi - anandbarun अप्रतिम, क्या बात है, कमाल का
- alkatripathi79 अद्भुत... अद्भुत.... अद्भुत ❤❤❤
- anusugandh बहुत खूबसूरत रचना बेहद उम्दा वाह वाह वाह✍️✍️
- shriradhey_apt Waaah
वो आवारा बादल सा,
घुमना ही तो फ़ितरत उसकी,
तेज़ हवा संग भागना और,
सूरज-चाँद संग छुपनछुपाई खेलता।
और मैं थी सूखी धरा सी,
अतृप्त, बंजर,
जाने क्या मोह लगा बादल को मेरा,
गति हुई उसकी मंथर।
बरबस मुझपे बरस पड़ा वो,
यूँ तो था जल से भरा-भरा,
लगा था जैसे तरस रहा वो,
अद्वितीय था हमारा मिलन।
बादल था बात से मुकर गया,
उस मीठी रात से गुज़र गया,
मैं प्यासी बारिश बरसाती नैनों से,
उसको यह सबकुछ अखर गया।
अब भी रोती हूँ सुबह सवेरे,
पर बात को संभाल लेती हूँ,
कोई पूछे आँखें नम क्यों है,
दोष चाय की भाँप पे धर देती हूँ।
©jigna_a31 19 15- jigna_a @mamtapoet rat ko 12 bje
- shayarana_girl Waahhh di bhtt hi sundar likhaa aapne..,
- anusugandh बहुत खूबसूरत अंदाज में आपने अपनी रचना को लिखा चाय की भांप से अपने एहसास छुपाना कोई आपसे सीखे कमाल का लिखा , vah vah vah✍️✍️❤️❤️❤️
- psprem वाह बहुत ही खूबसूरत लिखा है।♥️♥️
- aryaaverma12 Wow bhut behatrin or khubsurat rachna
gauravs 45w
@jigna_a #rachanaprati93
टूटा फुटा लिखने की कोशिश है माफ कर दीजिये
अब ये कोई कविता तो नहीं अंदाजा आप लगा लीजियेखुशनुमा मौसम में बादलों
के कितने पहरे
बाहर बारिश अंदर तूफ़ान
राज इनमें गहरे
हाथों में चाय की प्याली दिल
में तेरी याद
बेचैन ख़यालों में भी अरमान
मेरे है ठहरे
©gauravsPhoto By Janko Ferli on Unsplash28 22 13- greenpeace767 Bht sundar aandaz
-
gauravs
@riya_bakshi Thank you
@kumarrrmanoj Thank you -
gauravs
@anusugandh जी धन्यवाद
@psprem धन्यवाद -
gauravs
@anusugandh जी धन्यवाद
@psprem धन्यवाद -
gauravs
@parle_g ji Shukriya
@greenpeace767 Thank you so much
Collab ✍️
#raaj_kalam_ka_
हाय ....... वो
चाय की चूस्कियां बरसते बादलों संग
बारिश की मीठी फुहारों में गुदगुदाते
ना जाने कितने लम्हें याद आते हैं ,,,,,
भीग जाते अकसर पलकों पर वो आशियाने
जहां अकसर हम तुम साथ थे कभी
वो आईना मोहब्बत का कागज़ पर इक अधूरी तस्वीर में सिमट जाता
ज़िन्दगी किस तरह करवट बदलती है - चाहकर भी हम मिल ना सके
रख कर तस्वीर दिल में मोहब्बत की हम रु ब रु हो ना सके
इक नदी के दो किनारे की तरह बहती हमारी ज़िन्दगी की सांसे
हम मुसाफिर हमसफ़र होकर " अजनबी ही रहे
लिखा क्या है तक़दीर की लकीरों में
वो लिखावट खुदा की हम पढ़ ना सके
होकर मजबूर दुनियां से - हम दीवाने तन्हा ही भटकते रहे
भीगती पलकों की छाँव में कोरे कागज़ पर शब्दो में ही ज़िंदा रहे
क्या है ज़िन्दगी बरसता बादल प्यासी जमीं
फलक पर चाँद सितारे - जमीं पर हमें जुगनू भी ना मिले .....
©goldenwrites_jakir32 17 12- vipin_bahar उम्दा भाई जी
- vipin_bahar करवट*
-
goldenwrites_jakir
@vipin_bahar
गुरु G मेरी थोड़ी सी तोतली जुबान है
जिससे मैं स श ष में और ब व जैसे और भी शब्द है जिसमे में अकसर कन्फयूज रहता हूँ इसी लिए लिखने गलतियां होती है
आओ मुझे ऐसे ही ज्ञान देते रहे और बहर क्या है इसे कैसे लिखें वो बताइए -
goldenwrites_jakir
@raaj_kalam_ka
आपकी रचना का इंतज़ार है दी " - mamtapoet Bahut shandaar
#rachanaprati93
ज़िन्दगी पर इश्क़ की बदलीयाँ छाई है
यादों की बारिशो में चाय की तलब तुम्हे बुला रही है
हर तरफ रिमझिम बारिश का शोर है
इक तू इक मैं तन्हा यहां इश्क़ तन्हाई के जुगनू गिन रहे हैं
आकर थामलो फिर हाथ मोहब्बत का ज़िन्दगी की ये आरजू - खुदा से तुम्हे मांग रही है ,,,,,
सजाएं फिर वही महफ़िल इक मैं इक तू और तुम्हारे हाथों की चाय साथ हो
लिखें फिर दिल की जमीं पर
" रूह - ए - इश्क़ - इबादत "
तुम और मैं " हम हो जाएं
गबाह ये काले बादल - बरसती बारिश - यादों की वो शाम
इक नई कहानी हमारी फिर लिखें
पीकर संग तुम्हारे वो अधूरी चाय
......... ............. !¡!
©goldenwrites_jakir23 21 8-
goldenwrites_jakir
@vipin_bahar
आपका प्यार - आशीर्वाद बना रहे
यही दिल की आरजू है गुरु G - mamtapoet Bahut umda
- anusugandh बहुत खूब लिखा भाई आपने कमाल
- i_am_an_unprofessional_writer वाह....वाह.....वाह.....
- monadeep Umdaa
.
तेरे साथ के भी क्या कहने
जिसके साथ को तरसे निगाहें
हरी हरी दूब में बादलों के नीचे
चाय पीने के बहाने थोड़ी सी गुफ्तगू करने
सर्द मौसम चाय की प्याली हाथ में
मद्धम मद्धम सा अंधियारा और
सवेरे की लालिमा सूरज की किरणें
उफ्फ क्या नजारा होगा वो
हम तुम साथ में होगें जहां
उसके सिवा सब कुछ यहां
बस वो ही है जाने कहां
©tejasmita_tjjt24 7 4- tejasmita_tjjt @anusugandh @kamini_bhardwaj1
- mamtapoet Waaaaah, bahut khoobsurat najara hoga wo...... ❤❤
-
goldenwrites_jakir
वाह बेहतरीन खूबसूरत अभिव्यक्ति
✍️✍️✍️✍️❤ - anusugandh वाह वाह बहुत खूबसूरत लिखा आपने मेरी स्वीट सिस्टर✍️✍️❤️❤️❤️❤️
सफल संचालन की लख लख बधाइयाँ दी "
संचालन की लख लख बधाइयाँ भाई G