तुमसे ही
लिखना तुम ही से सीखा है
लिखता तुम्ही पे आया हूँ
जो तुम पे न लिखु तो मैं भी जाया हूँ
मैं सिर्फ कोरा कागज़ हूँ
जिसकी तुम स्याही हो
तुम मेरी मंज़िल हो
और मैं एक राही हूँ
बस याद रखना तुम से दूरी है दो जिस्मो की
मेरी रूह ने तो तुमहे कबका अपना लिया है
अंजान बेखबर तुम कब तक रहोगी
तुमहे जल्द ही अलफ़ाज़ मेरे आवाम से सुनने को मिलेगा
मैंने अपनी कहानी का पन्ना पन्ना सबको सुना दिया है
©mi_aryaa
#tumhise
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