Soulmate
वह जो दावा करते हैं ,
मुझे अच्छे से जानने का ,
कोई जाकर उनसे पूछो ,
मेरी रातों को जागने का सबब ।
30.04.2022
01.53 a.m.
©jassi17217
jassi17217
I,me,myself love you
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Soulmate
ईश्वर सब कुछ ,
देने को तैयार बैठा है ,
हमें मांगना ही नहीं आ रहा ,
तो वह क्या कर सकता है ?
08.19 pm
23.04.2022
©jassi17217 -
Soulmate
ख्वाब आंखों में लिए ,
गुजर रही है ,
उसके इंतजार में ,
तमन्ना - ए - जिंदगी ,।
11.07 pm
18.04.2022
©jassi17217 -
Soulmate
सुनो ,
लोग कहते है बेहतर सोचो तो बेहतर होगा,
मैंने आपको सोचा,,,
और...
आपसे बेहतर क्या होगा...‼️
©jassi17217 -
Soulmate
हम सोना नहीं चाहते ,
सोते हैं तो ख्वाब है आते ,
जो कि पूरे नहीं हो पाते ,
इसलिए हम सोना नहीं चाहते ।
©jassi17217 -
Soulmate
यह इश्क नहीं आसान ,
बस इतना समझ लीजिए ।
एक जहर का प्याला है ,
और पीते ही चले जाना है ।
Jassi17217
10.35 am
23.02.2022
©jassi17217 -
Soulmate
आपका ख्याल मेरे मन से जाए भी तो कैसे ,
आप मेरे ख्याल के ख्यालों में भी रहते हो ।
©jassi17217 -
Soulmate
सुबह होती थी ,
और शाम होती थी ,
यूं ही जिंदगी ,
आपकी बाहों में गुजार होती थी ।
अब ना वह सुबह है ,
ना शाम है ,
ना आप हो ,
ना हीं आपका निशा कोई ।
पर ,
मैं जिंदा हूं ,
और चल रही है मेरी सांसे ,
इस बात से है हैरान हर कोई ।
नहीं जानता ,
कोई भी ईश्वर की करनी ,
मुझे जिंदा रखने के पीछे होगा कारण कोई ।
©jassi17217 -
Soulmate
मुझे कौन जानता था ,
आपको जानने से पहले ।
(मैं खुद को नहीं जानती थी , आपको जानने से पहले )
©jassi17217 -
Soulmate
मेरे ना हो सके .....
तो क्या हुआ .....
जिसके साथ हो .....
हमेशा खुश रहो ।
19.01.2022
10.35 pm
©jassi17217
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gannudairy_ 16w
संविधान आजादी वाला,
बच्चो ! इस दिन आया
इसने दुनिया में भारत को,
नव गणतंत्र बनाया!
#rachanaprati144
@loveneetm @anusugandh @mamtapoet @_do_lafj_ @alkatripathi79क्या तुम्हें पता है 26 जनवरी, भारत में पहली बार कब मना था।
क्या तुम्हें ज्ञात है इसका इतिहास, कितना गौरवशाली था।
क्या जानते हो अपने पूर्वजों को, जिन्होंने आजादी के लिए जंग लड़े।
क्या तुम्हें पता है अपना संविधान, जिसमें तुम्हारे अधिकार लिखे हैं।
आओ बताता हूं मैं सब को, क्यों गणतंत्र दिवस हम मनाते हैं।
क्यों 26 जनवरी को हर वर्ष, हम तिरंगा लहराते हैं।
बहुत पुराना है इसका इतिहास, जब 1930 में नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
फिर उन्होंने 26 जनवरी को आजादी, के उत्सव का ऐलान किया।
ब्रिटिश सरकार की तानाशाही ने, इसको न स्वीकार किया।
अधूरा रह गया वह ख्वाब, जिसका नेहरू जी को बहुत अफसोस हुआ।
फिर कुछ वर्ष बीत गये, जब 1947 में हमें आजादी मिली।
फिर जरूरत पड़ी अपने संविधान की, जिसे बनाने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे।
26 नवंबर का वह शुभ दिन था, जब संविधान बन कर तैयार हुआ।
और लोगों में इसे पाने के लिए, उत्सव का माहौल भी था।
26 जनवरी 1950 को हमने, पहला गणतंत्र दिवस मनाने का ऐलान किया।
और नेहरू जी के अधूरे स्वप्न को, सब ने मिलकर साकार किया।
आजादी तो पहले ही मिल चुकी थी, पर हमारे पास न कोई अधिकार थे।
संविधान का उपहार हमें मिला था, इसी वजह से ये दिन खास हुआ।
इसी लिये हम हर वर्ष, अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
तिरंगे को लहराकर हम सब, अपनी खुशी दर्शाते हैं।
और देश प्रेम की भावना से हम भारतवासी भर जाते हैं।
©gannudairy_ -
narendranayak 79w
अहसास
बुझे चराग़ जल उठे तेरे आने के बाद!
कितना इश़्क है तुमसे अहसास हुआ तेरे जाने के बाद!!
मुझे तुमसे कितना इश़्क है ये ना पुछ!
हुज़ूम मे रहकर भी अकेला रहता हूं, तेरे जाने के बाद!!
तुम्हारी यादो की रोशनाई के चमक मे खो कर रह गया!
अकेला ही खड़ा था एक अर्से से, अहसास हुआ ख़ाब के टूट जाने के बाद!!
शब-ए-हिज्र कितनी काली होती है मान लिया मैंने!
हर रंग काला नज़र आता है, उस रात के बाद!!
जाने किस लम्हे मे तुमसे इश़्क हुआ जो जाने का नाम नही लेता!
कोसता हूं आयने को और वो भी टूट जाता है, ईल के टुकड़े बिनता हूं जी भर रो लेने के बाद!!
लाख दिल को समझाने के बाद तुम्हे भुलाने का फैसला कर लिया!
तुम्हारी तस्वीर फिर भी बच गयी, घर फूंके जाने के बाद!!
कब्र मे जाने से पहले तुमसे कुछ सवालात करना चाहूँगा!
क्या तुम्हे हमसे कभी इश़्क था ही नही?, या इंतजार ना कर पाये?, जवाब जरूर देना दो मुठ्ठी माटी डालकर मेरी कब्र मे, मिरे मर जाने के बाद!!
©narendranayak -
sachinkr_ 168w
Mausam
Yeh Mausam ,yeh Badal ,yeh warsha ka pani
Yeh bundon ki tap-tap sunati kahani
Ek yaadon ka bhvandarr jo lati h
Meri sapno ki Rani
Tu to mujhe bhul gyi shyad par main aaj bhi teri baatein yaad karta hun
Tere hi khayalon m khoya sa ek raaz rehta hu
Is mausam se kehta yeh alfaz rehta hu
Ki m isi mausam m teri yaadon k jaal bunta hu
©soyan007 -
adwaitvats 140w
Once again.
Let's fall in love
Once again.
Let's be the reason of each others smile
Once again.
Let's be each other Santa
Once again.
From me and you
Let's make it us
Once again.
Adwait vats
©adwaitvats -
deeptimishra 109w
❤️
प्यार इजहार और
एतबार तो ठीक हैं,,
पर कभी इज्जत
और यकीन का तौफा भी दिया करो..!
©deeptimishra -
chahat_samrat 49w
प्रेम _____❣️
एक बिंदु से शुरू होता है स्याही और कोरे कागज का रिश्ता,
रिश्ता जिसे प्रेम कहना बिलकुल गलत नहीं होगा।
अपने रंगो की गहराई में समेटे जाने कितनी बातें भीतर दबा कर रखती है,
और करती है इंतजार अपने सच्चे प्रेमी कोरे कागज का ,
जब मिलती है उससे तो रह नही पाती,
जताना चाहती है अपनत्व ,
रंग देना चाहती है अपने रंगो से उस कागज को,
भर देती है अपने भावो की हर बूंद से एक कोरे शांत समंदर को,
होता है उस बूंद भर स्याही का रिश्ता कागज से इतना गहरा,
कि फिर कोई रंग उसपर चढ़ता नहीं,
ना कोई और कलम किसी के प्रेयसी के छोड़े भावो को फीका कर पाती है।
होती है भीतर झूठी सच्ची भावनाएं वो सब आंसुओं सा उतार देती है कागज के कंधे पर अपना सर रख कर,
कागज भी उसे जिंदगी भर का सहारा देकर उसके साथ खुद को हमेशा जोड़े रहने की कोशिश करता है।
एक प्रेयसी कलम के बाद वो नही सोंचता किसी और प्रेयसी के बारे में, वो कदर करता है अपनी प्रेयसी के भावो की इतनी की राख होने तक स्याही के एहसासों का वजूद खुद में समेटे रखता है,
बांधे रखता है उसके जानें के बाद भी खुद से,
तन्हा हो जाता है स्याही के जाने के बाद मगर उसके एहसासो में खुद को हमेशा वफादार रखता है, जिंदा रखता है।
कर लेना कभी कोशिश,
एक स्याही की बूंद को कागज से अलग करने की,
फाड़ देना कागज,
या जला देना ,
बाद राख होने के भी ,
कागज पर स्याही के अक्षर भाव जमे रहेंगे जस के तस,
कागज कर देगा खुद को आग के हवाले भी ,
स्याही से अपने रूह का रिश्ता निभाने के लिए,
पर नही छोड़ेगा कभी साथ स्याही का,
जिसने खुद को सौंपा है
एक सच्चा साथी समझकर जिंदगी भर की खातिर.....
कलम से कागज तक का सफर ही मेरे एहसासों में एक प्रेम है,
जितना मैंने समझने की कोशिश की इस बंधनमुक्त, अनंत भाव को
शायद ऐसा ही रिश्ता ,ऐसा ही भाव प्रेम है.....❣️
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प्रेम का अस्तित्व है दर्पण,
प्रेम भाव है एक सहज समर्पण,
प्रेम है पुष्प उन्मुक्त जगत का,
तुम्हारे लिए मेरे सब भाव अर्पण!
©चाहत ❤️तुम रास्ता ,मैं राही हो जाऊंगी,
हमारे प्रेम में,
तुम कागज, मैं स्याही हो जाऊंगी
©chahat_samrat -
dipsisri 90w
बारिश..!
अगस्त के महीने की बात है,
और बड़ी ही प्यारी-सी सौगात है ।
वो जब आसमान से कुछ ठंडी-ठंडी सी बूंदे गिरती है ,मानो ऐसा लगता है जैसे आज धरती पे फूलों की बौछारें आ गई ।
बरामदे में बैठ हाथों में अदरक वाली चाय की प्याली लिए मैं उस काले बादल की गहराई में एक सोच में डूब जाती हूं ।☕❣
हल्की सी ठंडी हवा और वो सुगन्धित मिट्टी की सौंधी खुशबू बस हर बारिश में दिल को छू जाती हैं ।
और बारिश की बूंदे जब गिरती है उसकी धुन सुन कर बस थिरकने को जी करता है ।
मोरनी का मनमोहक नृत्य देखना भी नसीब हो ही जाता हैं,
और अगर उसने पंख फैला दिए फिर तो जैसे दिन ही बन गया ।
इस बारिश से शायद कुछ रिश्ता-सा है ☔
क्यूंकि हर बार ही ये एक नई सी उमंग संचारित कर देता हैं ।
©dipsisri -
lafzonkikahani 79w
मेरी दास्ताँ सुन के मुर्शिद , वो ताली बजा रही है
भरी महफिल में मेरे इशक का तमाशा बना रही है।।
©lafzonkikahani -
guftgu 59w
Hii Frndz and My Senior's , I hope holi sabki acchi rahi hogi . Lockdown mein bhi kahi naa kahi khushiyaan dhoondh li jaati hai waise hi jaise abhi gujra hua ye colourfull festival . Hope kaafi njoy aap sabne kiya hoga .
Ek baar fir apni shayari ke saath aap sabhi ke beech mein Haazir hoon ...
@hindinama @writersnetwork @mirakee @mirakeeworld @hindiwriters #podcast #love #writeawayउसके होंठ सागर से गहरे थे ,
मैं एक घूंट पीने को उम्र भर तरस गया ।
©guftgu -
gulzar_sahb 73w
बहुत कुछ लिखा है
तुम पर,
कभी ना कभी
तो जरूर पढ़ोगे...!!
©gulzar_poetry
