उड़ान ऊँची ओर ऊँची कर लूंगा मैं,
ऐ आसमाँ तुझे एक रोज मुट्ठी में भर लूंगा मै,
अभी तू जानता कहा है मेरे हौसलो का हौसला,
हु शान्त अगर मैं तो कमजोर ना समझ मुझे,
आया अगर औक़ात पे तो चाँद को जमी कर लूंगा मैं,
©kumarrrmanoj
kumarrrmanoj
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kumarrrmanoj 11w
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kumarrrmanoj 14w
बस उस रोज मर जाएंगे हम,
जिस रोज वो फिर मेरा हाल पूछेगा।।।।
©kumarrrmanoj -
kumarrrmanoj 14w
अधूरा पन्ना....
गुलाब लाये हो,
लगता हैं पुराना ख्वाब लाये हो,
जख्म सब ताजा होने को हैं,
ओर तुम सोचते हो प्यार लाये हैं,
उत्तर आयी हैं जहन में याद पुरानी,
लगकर के गले शर्दी की रात बितानी,
देखते ही रहना उसका मासूम चहेरा
और रखना बटवे में एक तस्वीर पुरानी,
आया नजर एक रोज वो रकीब संग,
सोचा मिटा देना अच्छा है उसके रंग,
लगाई आग फिर मैंने अपने बटवे को, -
kumarrrmanoj 17w
सुनो तुम इस तरफ भी ध्यान दो
अंगूठी की निशान को मिटा दो,
बुला रहे हो रकीब को कमरे में
चादर की सब सलवटे मिटा दो,
कही तकिया ना कुछ कह दे,
हटा दो वहा से सामान सब तुम,
जलाओगे खत मेरे कब तलक,
दफना दो यादों को कही तुम,
सुनो तुम इस तरफ भी ध्यान दो,
दीवारों से सब तस्वीरे हटा दो,
दरवाजा खोलना तुम बाद में,
पहले मेरी निशानिया मिटा दो,
आमदा मुझे मिटाने पर हो आये,
कल तलक जो सवारते थे मुझको,
पहले जो अपना मानते थे मुझको,
अब वो कहा पहचानते है मुझको,
©kumarrrmanoj -
सम्राट अशोक
दरख्तों से दिल लगा बैठा है लकड़हारा,
काम से अपने ही वो जाएगा अब बेचारा,
बनाता है हाथो से अब वो घर परिन्दों के,
घर से अपने ही निकाला जाएगा बेचारा,
©kumarrrmanoj -
हमारी प्यास को लग जाये दाग पानी का
ठिकाने आयेगा तब ही दिमाग पानी का
तुम्हारे जाते ही आँखो को ऐसा दश्त किया
किसी को मिलता नही है सुराग पानी का
दिखा के आखिरे शब एक आन मे तुफान
हवा की हो के रही लौ चिराग पानी का
Ammar Iqbal जी द्वार लिखी गयी बेहतरीन लाइन -
kumarrrmanoj 21w
जरा सा शोर करके फिर खामोशी से बैठ गया,
मेरी गली तक आया इश्क मोड़ पर ठहर गया,
कोई मुस्कुराता रहा मारकर ठिठकारी गली में,
किसी का आवाजे दे देकर गला ही बैठ गया,
दूर था जाने कितने रोज अपने ही बिस्तर से,
बिस्तर पर लेटा तो मेरा तकिया सहम गया,
©kumarrrmanoj -
kumarrrmanoj 22w
जिन लम्हो में संभलने की कोशिश कर रहा हूँ,
समझो के उन लम्हो में मै साजिशन मर रहा हु,
©kumarrrmanoj -
kumarrrmanoj 22w
कल आईना भी देखकर मुझको रोने लगा था,
कोई समझाओ,गैरो के दर्द पर यू रोते नही है,
झाँक कर रख रहा हो जैसे निगाहे मुझ ही पर,
सोचा पुछु ये आईने रातो में क्यो सोते नही है??।।1।।
मेरे घर के हर कोने की बाहे निकल आती थी,
जब भी कमरे से रोने की मेरे आवाजें आती थी,
सिसकियों से ही गूंजता रहता था मेरा कमरा,
बाकी ओर कोई आवाज कमरे से नही आती थी।।2।।
©kumarrrmanoj -
kumarrrmanoj 23w
कातिब
निकाल कर जहन से सब बात रख दी,
देखो कातिब ने कागज में जान भर दी,
कलम का साथ बखूब दे रही थी स्याही,
धड़कने दिल की दे रही थी सब गवाही,
कपकपाहट भी हाथो की बढ़ने लगी थी,
साँसे भी उसकी आग उगलने लगी थी,
रखकर जब कातिब दिल पर हाथ बैठा,
बेशर्म आंखों ने इतने में बरसात कर दी,
कागज,कलम,हाथ अब सब भीग रहे थे,
मुसलसल जख्म- मरहमो से जीत रहे थे,
जाने कितनी राते जागकर बिता दी गईं,
लोग थे के ख्वाबो के बारे में पूछ रहे थे,
कब तक न जाने कजा से लड़ता रहेगा,
कब तक न जाने नुमाइश जख्मो की करता रहेगा,
कब तक न जाने बदलेगा वो खुदको,
कब तक न जाने मुलाकातो से डरता रहेगा,
कब तक न जाने वो देगा साथ खुद का,
कब तक न जाने आईने से झगड़ता रहेगा,
कब तक न जाने रखेगा वो नाशाद खुदको,
कब तक न जाने परछाईयों से डरता रहेगा,
कब तक न जाने रखेगा निशानिया उसकी,
कब तक न जाने राहो को तकता ही रहेगा,
कब तक न जाने रखेगा पासबान खुदको,
कब तक न जाने बाते तस्वीरों से करता रहेगा,
कब तक न जाने समझेगा वो खुदा उसको,
कब तक न जाने वो यू ही भटकता रहेगा,
कब तक न जाने बदलेगा रहने का सलीका,
कब तक न जाने इश्क की बेड़ियों में जकड़ा रहेगा,
©kumarrrmanoj
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chahat_samrat 11w
मशकत्तें बेकार हैं सब
बात जख्मी दिल की हो जब,
यकीन की खूंटी पर टिकाया नही जाता बार बार
©chahat_samrat -
हज़ार बार गिर कर भी संभाला है खुद को....
बचपन से ही बनाया है खुद को...
लोगो को लग रहा आसानी से मिली है ये सफ़लता हमे,,
अरे नहीं वर्षो खुद को तपाया है हमने!!
©dixitpriya22 -
zazbaat_ 14w
तकलीफें कुछ कम सी हो रही है
मेरे दिल की दरअसल....,
उम्मीदें ख़तम हो रही है अब तुझसे
©zazbaat_ -
aryaaverma12 14w
कुछ भी
तुम्हारा प्यार मेरा सुकून हैं,
जब तुम मेरे आस पास रहते हो,
तो लगता है कुछ बुरा नहीं होगा,
सब अच्छा है,सब अच्छा होगा,
तुम्हारी मौजूदगी मेरी हिम्मत हैं,
तुम्हारा प्यार,,,तुम्हारा अहसास,
मेरी खुशियों की वजह है,
जब तुम अपने दोनों हाथों से मेरे,
चेहरे को कवर कर मेरे माथे को
चूम कर मुझे गले लगाते हो,
वो पल लिए जन्नत सा हैं,
इससे खूबसूरत दुनिया में,
कोई चीज़ नही हो सकती ,
इसके बाद सब कुछ फीका सा हैं,
बेवजह सा हैं,बेमतलब सा हैं,,,,,,,,,,,,,,
©aryaaverma12 -
zazbaat_ 14w
क्यों.....?
ना नाज़ करू इन अश्कों पर मैं....,
तेरे दिए हुए हर तोहफ़े को संभाल कर रक्खा है मैने।
©zazbaat_ -
यादों के गर नाखून होते
तो हर ज़ख़्म नासूर होते
©anusugandh -
lazybongness 14w
I will be a little busy these days but will try to read as much as possible to all of you.
Take care of yourself :)
Keep writing and reading ❤️❤️
#anaphora @mirakeeworld @writersnetwork
Thank you so much @miraquill I'm glad you like this poemHomecoming
My love has come home with awestruck thought and tearful eyes ,
fire twisted my soul
My love has come home where stars with brightness and days to darkness
does not feel all alone
My love has come home,
amazed with whistling wind and silent sea
his footprints hastening my way
to heavenly dome
My love has come home
a beamish zephyr smirks at boarded frills, thread of understanding has secretly grown
My love has come home
like falling leaves in a windy day
my waiting turns crimson
while the comfort i have been yearning is
now filled with vibrant and colourful poems
My love has come home.
©lazybongness -
देखो ना इस कदर ....आँखें तेरी साक़ी हैं,
दरख़्त बूढ़ा हूँ फिर भी मुझमें.... नमी अभीं बाकी है!
लहराओ ना जुल्फें घनें बादलों सी......घनी काफी हैं,
एहसासों के फूल अरमाँ की टहनियों से झड़ गये कुछ... तो बचे काफी हैं!
©prakriti_iipsaa -
फिर दिल-ऐ-बेकरार हो ••••••••जरुरी तो नहीं
फिर किसी से प्यार हो••••••••••जरुरी तो नहीं
अभी फूलों में रंगत है•••••चलो इसका लुत्फ उठायें
फिर बागों में बहार हो••••••जरुरी तो नहीं
©mai_shayar_to_nahi_ -
ankitarani_ 14w
Whenever I try to make everything okay
Or whenever I thought everything is fine
Suddenly something happens and
Ruin everything..
Sometimes I want to shout but I can't
Sometimes I feel like I am buried inside
Or sometimes it make me feel empty..
It make me helpless and alone like I can't reverse it
©ankitarani_AR
