ख़ामोशी
अंद्रे रोशन है आँखों में इस क़दर,
कि उजाले भी मूँह चिढ़ाने लगे है!
वसल की बात क्या कही थी हमने,
हिज्रँ भी आँसू बहाने लगे है!
दूर कही से आवाज़े आई थी किसी रोज़,
कानों में फिर सिवा ख़ामोशी के कुछ नहीं है
नि:शब्द
©lafze_aatish
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lafze_aatish 35w
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हजूम ए खास
वो जो आवाज़े वो जो शोर था कुछ ही वक़्त के लिए था ,
हजूम ए खास तो कब का गुज़र गया क़ब्र पर मिटी डाल के!
नि:शब्द
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lafze_aatish 37w
अजब ज़िन्दगी
चूले को फूँकती फुकनी धुँवा उड़ाती नीर बहती,
कभी सुखी रोटी तो कभी कोयले के स्वाद सी है ज़िन्दगी!
खारे पानी का समंदर प्यासे की प्यास बढ़ाती,
मीठे तालाब की झील सूखे गले को दवाग देती है ज़िन्दगी!
नि:शब्द
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lafze_aatish 37w
नूर´ए चश्म-अम :- मेरी आँखों की रौशनी
इशग़म :- मेरा प्यार
अज़ीज़म :- प्रिय
बोर-ऑनन-मोहब्बत :- प्यार की बारिश
रोया:- ख़ाब
अरेज़ू-ए-फिरदौस :- जन्नत की चाहत
ज़ीबा-ए-मेहताब :- खूबसूरत चाँदनी
जोन - अम :- मेरी ज़िन्दगी
आसान लफ़्ज़ों मे अर्थ
मेरी आँखों की रौशनी मेरा प्यार प्रिये पहली पहली बरसात,
जन्नत की चाहत का ख़्वाब जन्नत का रास्ता हो दिलनशीं!
नि:शब्द
#nishabd #vishuजोन - अम
नूर'ए चश्म -अम इशग़म अज़ीज़म बोर-ऑनन-मोहब्बत,
रोया-ए-अरेज़ू-ए-फिरदौस ज़ीबा-ए-मेहताब जोन-अम!
नि:शब्द
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lafze_aatish 37w
अज़बर हुवा इश्क़ इम्तिहान में फ़ैल हुवा,
वो पहली सफ़ा में बैठना मेरा बेकार हुवा!
अरमानों का संन्दुक आज भी है हुजरे में मेरे,
यादों को मेहफ़ूज़ रखना क्यों अज़ाब हुवा !
नि:शब्द
©lafze_aatish -
इतहला
आओगे तो आ ही जाना सोचना बिलकुल नहीं,
में रास्ता बदल लूंगा तुम इतलहा पहले कर देना!
नि:शब्द
©lafze_aatish -
ज़िन्दगी
बार बार एक ही गली को ताकता हूँ,
ज़िन्दगी अब आएगी बस ये सोचता हूँ!
मेहरम मेरे नियत पर मेरी शक करते है,
में आईने से जब जब सवालत करता हूँ!
नि:शब्द
©lafze_aatish -
lafze_aatish 38w
में
शून्य सहस्र पदम नाभ हूँ मैं,
मति हीन शक्ति हीन जीव मैं ही हूँ!
मैं ही आदि हूँ अनंत भी मैं ही हूँ,
सृस्टि की अविरल धारा का केवल एक अणु हूँ!
पुरूषार्थ की ज्वाला कीर्ति पताका हूँ,
शक्ति स्वरूपा नारीत्व भी मैं ही हूँ!
दुरा चारी कपटी संवेदना हीन हूँ,
मैं ही स्वेदानु की अविरल धार भी हूँ!
रावण हूँ मैं पोंडरूक हूँ रक्त बीज हूँ,
राम का आधार रावण का अंत हूँ!
मैं महिषासुर हूँ चंड मुंड़ भी मैं हूँ,
दुर्गा का त्रिशूल महिषासुर मर्दिनी मैं ही हूँ!
मैं जन्म हूँ मृत्यु हूँ मैं महाकाल हूँ,
प्रलय हूँ अंधकार हूँ मैं महाविनाश हूँ!
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग हूँ,
सृष्टि के विनाश का मैं कारण हूँ!
नि:शब्द
©lafze_aatish -
lafze_aatish 39w
खतशा :- डर
दस्त ए माहि:- पाँव का तला
काकुल :- उलझे हुवे बाल
अनामिका :- अंगूठी वाली ऊँगलीखतशा
शबनमी चाँदनी में शबनम जैसे पाँव शबनम पर इतिहात से रखा,
खतशा है मुझे कही तुम्हारे दस्त ए माहि में सिल्वट न पड़ जाए!
उलझती है तो उलझने दे, काकुल को तुम सुलझाना नहीं,
नागिनी की अमानत अनामिका कही नाराज़ न हो जाए!
नि:शब्द
©lafze_aatish -
lafze_aatish 39w
इरादा
आज घर न जाने का इरादा कर के बैठा हूँ,
ख़ुद से जंग ख़ुद को तबहा कर के बैठा हूँ!
दस्त पर ज़हर का इंतज़ाम रखना मेरे दोस्त,
में ख़त में ख़ुद पर इल्जाम लिख के बैठा हूँ!
नि:शब्द
lafze_aatish
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parle_g 13w
मैं उतार लूँ उसे अपनी छत पर अनवर,
कोई सितारा मेरे खा'तिर टूटे तो सही।
©parle_g -
parle_g 36w
@vipin_bahar @bal_ram_pandey @prashant_gazal @iamfirebird @dipps_
इक़ ग़ज़ल... टूट जायगा..
मय-खाना - शराब पीने की जगह
गालिबन - शायद
काशाना - घर , मकान
बातिल - झूठा , बेकार
शुकराना - शुक्रिया
जराहत - सर्जरी , शल्य क्रिया
आप सभी की समाअत के ज़ानिब कुछ
जहनी ख्यालात पेश है....
तवज्जोह दीजियेगाग़ज़ल ( टूट जायगा )
वज़्न - 1222 2122 2222 1212
सुनो तो जाँ क्या हुआ फिर अफ'साना टूट जायगा
मिरी आंखे देख लो कल मय-खाना टूट जायगा
पुराने कुछ दिन तिरी यादों में रहते है गालि'बन
मैं मर जाऊंगा मियाँ गर ये काशाना टूट जायगा
जुबाने सिल दी गयी थी कोई बातिल नही यहां
बता-ओ क्या हो अगर ये वी'राना टूट जायगा
दुआ इस हालात में क़ामिल होगी नही जफ़र
यहां हम कुछ का'फिरों का शुकराना टूट जायगा
शिकारी आदम है कोई जंगल याँ दूर तक नही
अ'भी कुछ ही देर में हर मर्दाना टूट जायगा
बता देंगे हम जराहत भी कुछ जुर्रत है इन दिनों
मुहब्बत में कब तिरा इक़ पर'वाना टूट जायगा
हमें इल्म-ए-शहर भी दे दो, अच्छा मुझमें कुछ नही
मियाँ हमसे तो याँ जाना पह'चाना टूट जायगा
उदासी में हर ग़ज़ल का क़ातिल हो'कर जला हूँ मैं
मुझे कोई तो जहर दो, हर्जाना टूट जायगा
©parle_g -
parle_g 37w
@gunjit_jain @iamfirebird @anas_saifi @vipin_bahar @prashant_gazal @lafze_aatish @ajit___ @dipps_
दिल को दिल बना दे साकी ❤️ग़ज़ल (साकी)
मीटर - 2122 2122 2212 222
डरते क्यूं हो जाम कोई आखिर पिला दे साकी
जंग अपनो से पड़ी है, कुछ हौंसला दे साकी
कल मलाल-ए-यार आये, तो जहर पिला मुझको
आग लगने से भला है, दीपक बुझा दे साकी
इक़ मुहासिब पूछता है दिल की तलाफ़ी हर रोज
कम्बख्त कोई तो तर्क-ए-दिल-ओ-फ़ना दे साकी
आज इल्ज़ाम-ए-मुहब्बत आने को है पलभर में
आज तो इस दाग़ को इक़ अच्छी बला दे साकी
उन चिरागों से हवा की बातें नही करता घर
जिन चिरागों को हवा अंदर तक जला दे साकी
आजमाइश,ज़र्फ़ का सर फोड़े तो अच्छा होगा
दिल-फ़िगारों को जरा सी हरकत दिला दे साकी
मौत अपनी है, कभी भी दिल से लगा लेंगे हम
बस करो, प्यालें में इक़ दो पत्थर मिला दे साकी
सोचती हूँ की ग़ज़ल का मातम कहां तक है साथ
आज, छोटा ही सही पर इक घर बना दे साकी
©parle_g -
aleesha786 40w
Aib mere dekh kr muh mod liya usne
Mai bhi farishto se rishta rakha nhi kartaऐब मेरे देखकर मुंह मोड़ लिया उसने...
मैं भी फरिश्तों से रिश्ता रखा नहीं करता...
©aleesha786 -
aleesha786 40w
Kitna kuch tha tumse keh dene ke liye..
Magar tumhari jaane ki zidd ne mujhe khamosh kr diya...कितना कुछ था तुमसे कह देने के लिए
मगर तुम्हारी जाने की जिद ने मुझे खामोश कर दिया
©aleesha786 -
जुनून था कि उसको पा लेंगे हम
मगर खुद को खो देने का इल्म ना था
©aleesha786 -
aleesha786 40w
Mayus nhi hu, bs zindagi se kuch sawalat h mere
Ki kya mujh pr rehem krna gawara nhi useमायूस नहीं हूं, बस जिंदगी से कुछ सवालात है मेरे
कि क्या मुझ पर रहम करना गवारा नहीं उसे
©aleesha786 -
aleesha786 40w
Manti hu aehsasat bahut hai tumhare
Magar tumhe kho dene ka gamm hume bhi haiमानती हूं एहसासात बहुत है तुम्हारे
मगर तुम्हें खो देने का गम हमें भी है
©aleesha786 -
एक बात कहनी है तुमसे ....
"जरा देर से बेशक आना ,मगर उम्र भर का साथ लेकर आना "
©meghu34 -
"जाहिर ना करने से बेशक प्यार कम नहीं होता"........
मगर हां.....
" ज़ाहिर कर देने से उसकी अहमियत जरूर बढ़ जाती है "
©meghu34
