हम जिसे अपना बताते थें मियां गद्दार हीं निकला
और मतलबी गिरोह का सरग़ना हमारा यार हीं निकला
खैर चोरी गई चीज़ों का तो कोई मलाल ना था
लेकिन भरोसा फट गया जब चोर चौकीदार हीं निकला
©mohittilak
mohittilak
kadwa hamen sach pasand hai ji mithi chaplusi ki goli se..!!
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mohittilak 1w
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mohittilak 1w
जी हम से दोस्ती सभी के बस की नहीं साहिब
आप ऐसा कीजिए कहीं और इंतजाम कीजिए
हम सोच-समझकर नहीं मिलते अपने यारों से
और हां आपको भी हक है जाइए अपना काम कीजिए
©mohittilak -
mohittilak 1w
लो आज फिर मैंने ख़ुद को हीं बर्बाद कर लिया
अच्छा भला तो था फिर उसी को याद कर लिया
इक तो मुझें वो मिल ना सका फिर कभी साकी
उस पर बचा-खुचा यह वक्त भी बर्बाद कर लिया
©mohittilak -
mohittilak 1w
अरे छोड़ो साहब हमसे दोस्ती भी सबके बस की नहीं
जिन्हें हम अपना समझते हैं उन्हें भी समझाना पड़े तो रहने दो..!
©mohittilak -
mohittilak 2w
अच्छा जाने दो सब छोड़ो यह बताओ कि कैसे हों
खुदा का वास्ता है तुम्हें मत कहना कि मेरे जैसे हों..!!
©mohittilak -
mohittilak 2w
गुलाब जितने भी हैं कायम यहाँ इस रह-ए-मंज़िल में
उजड़ना सब को हैं एक दिन फिर गुरुर किसका हैं.!?
©mohittilak -
mohittilak 2w
बिन कुछ कहे,बिना कुछ सुने,हाथों में हाथ लिए
चार कदम,बस चार कदम,चल दोना साथ मेरे..!भला जिंदगी भर का साथ तुमसे मांगा किसने था
तुम्हारे साथ महज़ चार कदम की आरजू थी मेरी.!!
©mohittilak -
mohittilak 2w
हमने देखा हैं नरम बैलों को शुष्क पेड़ों से लिपटते हुऐ
लोग मतलब से यहां किसी को भी बाप बना लेते हैं..!!
©mohittilak -
mohittilak 2w
मिलाऊं किस तरह मैं दोनों आखें
वो अब जो चस्मा लगाने लगें हैं..!! -
mohittilak 3w
के कोई पूछें अगर कि क्या हुआ हैं
तो बताना मेरे साथ बहुत बुरा हुआ हैं..!
सब घाव भर गए वक्त रहते-रहते
बस एक ज़ख्म बाकी हैं जो उनका दिया हुआ हैं..!!
©mohittilak
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shabd_rati 1w
तुम्हारी याद
करती क्या हूँ?- तुमको याद,
आती क्या है?- तुम्हारी याद,
अच्छा क्या है?- तुम्हारी याद,
यानी सबकुछ? - तुम्हारी याद,
कपोलों की चमक? - तुम्हारी याद,
होंठो की झिझक? - तुम्हारी याद,
आँखों की नमी? - तुम्हारी याद,
चेहरे की रोनक? - तुम्हारी याद, ।
वियोग क्या है? - तुमसे दूरी,
और सुकून? - तुम्हारी याद,
झूठ क्या है?- नही आती याद,
और सच? - तुम्हारी याद,
मेरी दुनिया? - तुम्हारी हँसी,
मेरा ठिकाना? - तुम्हारी याद,
बुरी क्या है? - हमारी बात,
और जन्नत? - तुम्हारी याद,
तुम कौन हो? - एक मुसाफिर,
करते क्या हो? - अपनी बात,
मै कौन हूँ? - तुम्हारी दीवानी,
मेरा दौलत? - तुम्हारी याद,
अच्छा क्या है? - तुम्हारी याद,
यानी सब कुछ? - तुम्हारी याद,
तुम्हारी याद... तुम्हारी याद...
तुम्हारी याद,...
©shabd_rati -
शिकायत
जी भर करती शिकायत,
तुम ग़र पास होते.........
कभी मुझको मनाते,
कभी ख़ुद नाराज़ होते
कभी भरते बाँहो में
कभी अपनी दास्तां कहते
कभी चुम कर मेरे माथे को,,
मेरे आंसुओं को अपना कहते
जी भर करती शिकायत,
तुम ग़र पास होते.........
कभी शिकायतें गौर से सुनते
कभी हँस कर टाल देते
कभी झूठी कसमें खाते
कभी सच्चे वादे करते
फिर मुझसे दूर ना जाने की
तुम पक्के इरादे करते
जी भर करती शिकायत,
तुम ग़र पास होते.........
©alkatripathi79 -
tabassum786 1w
जज्बात लिखे तो मालूम हुआ
पढ़े लिखे लोग भी पढना नही जानते......
Tabassum khan @# -
tabassum786 1w
आपका तो गिला ही नही बनता जनाब
आपने तो खुद गंवाया है हमे.....
Tabassum khan @# -
अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको अच्छा कहें तो,,,
आप अपना नाम 'अच्छा' रख लीजिए,,,
©yashodagavel -
alkatripathi79 2w
मैं मज़दूर हूँ
ना लगता हूर हूँ, ना रहता मगरूर हूँ...
क्यूंकि, मैं इक़ मज़दूर हूँ
बचपना मैंने देखा नहीं
जवानी को कभी समझा नहीं
बुढ़ापा से क्या रिश्ता मेरा
मैं बस मज़बूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
कितनी ईटे ढोए मैंने,
घर ख़ुद का ना बना पाया
कितने अनाज उगाए मैंने,
पेट ख़ुद का ना भर पाया
मेरे सपने ना उड़ान भरे
मैं चाहतों से रहता दूर हूँ
मैं इक़ मज़दूर हूँमैं मज़दूर हूँ
ना लगता हूर हूँ, ना रहता मगरूर हूँ...
क्यूंकि, मैं इक़ मज़दूर हूँ
बचपना मैंने देखा नहीं
जवानी को कभी समझा नहीं
बुढ़ापा से क्या रिश्ता मेरा
मैं रहता मज़बूर हूँ
मैं इक़ मज़दूर हूँ
कितनी ईटे ढोए मैंने,
घर ख़ुद का ना बना पाया
कितने अनाज उगाए मैंने,
पेट ख़ुद का ना भर पाया
मेरे सपने ना उड़ान भरे
मैं चाहतों से रहता दूर हूँ
मैं इक़ मज़दूर हूँ
©alkatripathi79 -
जो छूट गया उसका मलाल न कर
जो है सामने उससे सवाल न कर
मिलेगा सुःख भी, तू सब्र तो रख
जो आए दुःख तो बवाल न कर
©alkatripathi79 -
alkatripathi79 3w
#rachanaprati168
@mamtapoet
कौन कहता है की दर्द सिर्फ दुःख में होता है....प्यार का दर्द
दर्द शब्द सुनते वो गाना याद आता है...
प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा...
सच में ये दर्द कमाल का होता है,
वो ना कहेगा या हाँ
जब इस दर्द से दिल गुज़रता है
किसी को बता भी नहीं पाते
और इससे दूर जाना भी नहीं चाहते,,
मिलने की बेचैनी, बिछड़ने का दर्द
सब दिल सहता है बड़े ख़ुशी ख़ुशी से
दर्द के वो आँसू शायद खारे नहीं लगते
दिल की वो कसक, तड़प भी सुकून देते है
सच में काफ़ी हसीन होता है ये दर्द
जब होता है प्यार का दर्द...
©alkatripathi79 -
tabassum786 4w
दुश्मन अगर पहचाना जाए,
तो वो रुतबे मे दोस्त से बड़ा होता है
क्योकि दोस्त का उस वक़्त पता चलता है,
जब वह पीठ पर वार करता है ,
कि ये तो दुश्मन है....
Tabassum khan @# -
kirti3 3w
छूना इश्क है या बिन छुए तरसना।
देखना इश्क है या बिन देखे महसूस करना।
कुछ कर गुजरना इश्क है या तेरा बगल से गुजरना।
तुझे छुपकर देखना इश्क है या तेरे वापस देखने पर अनजान बनना।
©kirti3
