Jo rishte andhiyo ki tarah chaate hai
Nishaaniya bhi ujdi hi chod jaate hai
©mrig_trishna_
mrig_trishna_
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mrig_trishna_ 17h
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mrig_trishna_ 17h
Sabkuch theek ho jaayega ek din
Har ek din mai ye hi sochta raha
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 18h
Hus to leta hu mai aaj bhi..
Pr apne hi pr aksar hota hai
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 18h
Zid ke dhaage thy Haqiqat ki dori me
Jeewan ki gurdan ka ghutna to bnta tha
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 19h
Hum dono shadi ke baad baanjh ho gye
Yun bhi darmayaa ab kuch nahi paida hota
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 19h
Pyar sirf khwaabo ki diwaali hai
Haqiqat me to moharram kaali hai
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 20h
Tumne khamoshi se dafan kiya tha naa
Hum bhi bin cheekhe hi mar jaayenge
©mrig_trishna_ -
mrig_trishna_ 20h
Ek pyar aur dusra dhoka
Combination hai na kitna anokha
©mrig_trishna_ -
Song
वो बातें तुम्हारी हमेशा रहेंगी
हमें तुम हो झूठे हमेशा कहेंगी
निग़ाहों तलक तुमकों सुनते रहे हम
ख़यालों तलक तुमकों बुनते रहे हम
यूँ बुनने यूँ सुनने में उधड़े पड़े हम
फटेहाल चुभती हमेशा कहेंगी
वो बातें तुम्हारी हमेशा रहेंगी
हमें तुम हो झूठे हमेशा कहेंगी
बहुतों कोशिशें से तुम्हें चाहा हमनें
सराहा भी हमनें निभाया भी हमनें
कहाँ कोशिशों को यूँ दफ़ना के आये
ख़ामोशी हमारी हमेशा कहेंगी
वो बातें तुम्हारी हमेशा रहेंगी
हमें तुम हो झूठे हमेशा कहेंगी
अभी कल तलक जो ज़ुबानें भली थी
लबों की वो लार्ज़ीश कुँआरी कली थी
वो ख़ार ओ चमन आज कहने को आये
तो ख़्वाबों की आँखें हमेशा बहेंगी
वो बातें तुम्हारी हमेशा रहेंगी
हमें तुम हो झूठे हमेशा कहेंगी
मृगतृष्णा
©mrig_trishna_ -
ग़ज़ल
एक याद तेरी और बाक़ी मैं
सुन शर्म आ हयां गुस्ताख़ी मैं
दो लब तेरे उल्फ़त के प्याले
ग़म घोल दिया सब साक़ी ने
नैनों से जो बूँदें दो छलकी
पैरों में पड़ा सर...माफ़ी मैं
तुम कहने लगी दुनिया है खड़ी
हमनें भी कहा......हूँ काफ़ी मैं
आख़िर में उल्फ़त बोल पड़ी
तुम आ जाओ...हूँ प्यासी मैं
एक याद तेरी और बाक़ी मैं
सुन शर्म आ हयां गुस्ताख़ी मैं
मृगतृष्णा
©mrig_trishna_
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adibaa 2w
❤️
प्रेम और भविष्य में से
स्त्री ने सदा भविष्य चुना।। -
mrigtrishna 187w
Ghazal
ज़िंदग़ी तेरा सफ़र....इक ख़्वाब सा रह जायेगा,
देखा था बनके मुसाफ़िर अलविदा कह जायेगा.!
रोज़ तेरी आस में जलते नयन.....चलते कदम
हम न होंगे जब यहाँ बस.....रास्ता रह जायेगा.!
अपने से है राह में सब......अपना सा कोई दिल नहीं
दिल ही जब अपना नहीं क्या अपना सा कह जायेगा.!
ढूँढने निकले सुकूँ थे...........रात सारी जल गई
नींद बंजर ख़्वाब बंजर सब बंजर ही रह जायेगा.!
कौन सी मंज़िल दिखाकर....मुझको भटकाया कहाँ,
"मृगतृष्णा" सा मन ये तुझको मरीचिका कह जायेगा.!
©mrigtrishna -
mrigtrishna 186w
याद शहर के परिंदे भी.......कमाल करते है
घुट घुट के मरते है उड़ने पर सवाल करते है.!
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mrigtrishna 186w
Mirakee पर मेरे द्वारा लिखे गए मेरे प्रथम दो शेर.!
#hindiwriters @panchdoot @hindii @panchdoot @classii_mashmallow @sumit_astor @ekta__ @dil_ke_bol_alfaaz @poempoetess @anuradha_saxena @naajnaajउन्हें फरिश्तों से प्यार था
अफ़सोस..मैं बन न सका.!
©mrigtrishna
टूट कर चाहा था मैंने
मेरा बिखरना भी लाज़मी था.! -
mrigtrishna 186w
इतना तवज्जों न दे "मृगतृष्णा"
ज़िंदग़ी बेवफ़ा है सबको मार देती है.!
©mrigtrishna -
mrigtrishna 186w
ईश्वर
बिक रहा था मैं सच्चे दो आने में
जीवन गुज़र गया तेरा कमाने में.!
©mrigtrishna -
mrigtrishna 186w
छोड़ तो आया है इश्क़ को पीछे
तन्हाइयों में फिर से लौटना होगा
माज़ी की तलाश में आँखे मींचे
रेत के दरिया सा दौड़ना होगा.!
©mrigtrishna -
mrigtrishna 186w
Ghazal
ये मोहब्बत की गर्मजोशी की हरारतो के रिश्तें
गुलाबी लबों की शबनमी सी शरारतों के किस्से.!
दिल मिलते है किस्मत से दिल आते है किस्मत से
दो प्यार भरे दिल जहाँ में मिल पाते है क़िस्मत से.!
ये आब ओ हयात समेटे हुए नूर ए हुस्न के चश्में
काफ़िरो की बस्ती के ख़ुदा के ये बुत ये मुजसम्मे.!
हर शख्स यहाँ गुम है ख़्वाबों ख्यालों के दिल में
एक शोर सा मचा है बस हर दिल की महफ़िल में
एक दिन यादें ही रह जाएंगी हर दिल के हिस्से में
भूल जा अब "मृगतृष्णा" क्या रखा है तेरे किस्से में.!
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man_ki_pati 34w
शब्द....
ये शब्द बड़े ही कीमती होते हैं...
कभी किसी का आशियाँ सजा देते हैं शब्द...
तो कभी किसी का आशियाँ उजाड़ देते हैं शब्द...
कभी प्यार से दिल को सराबोर करते हैं शब्द...
तो कभी तेज़ धार से मन छलनी करते हैं शब्द..
कभी मन के चमन में बाहर ले आते हैं शब्द...
तो कभी उसी दिल को तार तार करते हैं शब्द...
कभी शत्रु को भी अपना मित्र बना लेते हैं शब्द..
तो कभी मित्र को भी शत्रु बना देते हैं शब्द...
इन शब्दों कि महिमा बड़ी निराली हैं दोस्तों...
कभी मीठी मीठी धुन सुनाकर लुभा लेते हैं शब्द...
कभी इंसान को किसी चक्रव्यूह में फसा देते हैं शब्द...
कभी "प्यार"....
कभी "धोका"....
कभी "गुस्सा"..दिलाते हैं शब्द...
कभी दिल पर लगी चोट पर "मरहम" लगाते हैं शब्द..
कभी किसी को सम्मान के सिंघासन पर बैठा देते हैं शब्द...
तो कभी किसी के सम्मान कि धज्जिया उड़ा देते हैं शब्द...
इन शब्दों का इस्तेमाल संभाल कर करो दोस्तों...
इनसे सदा जोड़ो किसी का दिल ना तोड़ो दोस्तों..
शब्दों में बड़ी ताकत इनका सदुपयोग करो तुम.
दिलो को ठेस पंहुचा कर इनका दुरूपयोग ना करो तुम..
इन शब्दों कि महिमा से ऊंचाइयों पर पहुंचते हो तुम..
ऊंचाइयों को प्राप्त कर फिर अपने स्थान से ना गिरो तुम..
डरना सीखो उस ईश्वर के न्याय से तुम..
किसी को आंशू दे अन्याय ना करो तुम..
किसी कि आह बनकर न उसके मन में बसों तुम..
जो कहते हो वही करो.. अपने शब्दों पर डटो तुम..
विश्वास टूटे किसी का ऐसे शब्द न कहो तुम..
किसी को विश्वास दिलाकर.. विश्वास को न तोड़ो तुम..
बनोगे सच्चे तो दिल में सबके.. बस जाओगे..
इंसानियत रखोगे दिल में तभी तो इंसान कहलाओगे..शब्द.....
"शब्दो"..का "वजन".. तो बोलने के भाव से पता चलता हैं..
बाकि "वेलकम"... तो... "पायदान" पर भी लिखा होता हैं..
शब्द से "ख़ुशी"..
शब्द से ही "ग़म"..
शब्द ही "पीड़ा"..
शब्द ही "मरहम"..
©man_ki_pati -
mrigtrishna 205w
आप प्रेम के खेत में बरसों
प्यार की फसल उगाते है।
विश्वास की मिट्टी में
बड़ी शिद्दत से उम्मीद का बीज बोते है,
उसे सब्र के पानी से सींचते है
कि प्रेम का अंकुर फूट निकले।
किंतु नफरत का एक बीज गलती से
अपने आप उग जाता है।
उसे रोपा भी नहीं जाता है
सींचा भी नहीं जाता है,
वो प्रेम के हिस्से की सारी
खुराक प्रेम से छीन लेता है,
उसके बढ़ने की तादात
प्रेम से सौ गुना तेज होती है,
देखते देखते आपके प्रेम की फसल
नफ़रत के कांटो में तब्दील हो जाती है।
©mrigtrishna
