दुनियाँ की एक उम्र है जरा खौफ खाइये
अपना खुदा यहां पर खुद ही बनाइये
अतिरेक
parana_de_rio
न हन्यते हन्यमाने शरीरे
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पानी कितना है? मत पूंछ
कम है तू, मैं जितना भी हूँ
अतिरेक -
खुद से बचूंगा थोड़ा भी जिंदगी
तुझे, जी भर के फिर जियूँगा
अतिरेक -
इक दीन के बंदे ने जब हिज्र किया अाखिर
दुनियाँ को हिजरी में तब वक्त समझ आया
अतिरेक -
जवानी खराब कर लो
इक दिन हो जानी है
अतिरेक -
तन्हाईयों से बड़ी
कोई भीड़ होती ही नहीं
ये लश्कर ऐसा के यहां
कुछ भी कहा जाता नही
कुछ भी सुना जाता नही
अतिरेक -
parana_de_rio 16w
जिस रात की कोई सुबहा न हो
फ्रिक के जुगनू न हों
गमज़दा तारे न हों
चांद से हारे न हों
उस रात तुम जीना मुझे
उस रात तुम पीना मुझे
अश्क हूं नमकीन हूं
औसतन गमगीन हूं
पर, तुम पीना मुझे
जिस रोज हो इक आईना
बेदाग हो देखे तुझे
तुम गौर से तस्दीक़ देना
होना मेरा खोना मुझे
बंद कर आंखे जरा फिर
दाग वो महसूस करना
क्या कुछ दिखा पाया तुम्हे
कोई अाईना तुमसा तुम्हे?
मशरूफ जां आजाद हो
कुछ इस कदर जीना मुझे
अश्क हूं नमकीन हूं
औसतन गमगीन हूं
पर, तुम पीना मुझे
यह जान लेना सब्र भी
हारेगा ही उस रात को
कोई सूरज न आयेगा
खत लिये मिरी बात को
और तुमको भी उठाने
नींद गहरी से जगाने
जिंदगी की शय बताने
शाम के मातम मनाने
फिर न कोई अायेगा
कोई ख्वाब जो भाये तुझे
बस उसे ही कैद कर
आजाद तुम करना मुझे
अश्क हूं, नमकीन हूं
औसतन गमगीन हूं
पर, तुम पीना मुझे
अतिरेक -
parana_de_rio 16w
Tu Kareemi Man Kamina Barda Um
Laikin Az Lutf E Shuma Parwarda Um
Zindagi Aamad Bara’ay Bandagi
Zindagi Be Bandagi Sharmindagi
Yaad E Oo Sarmaya E Eeman Bo’ad
Har Gada Az Yaad E Oo Sultan Bo’ad
Sayyad O Sarwar Mohammad Noor E Jaan
Mehtar O Behtar Shafi E Mujrimaan
Choon Muhammad Pak E Shud Az Nar O Dood
Her Kaja Roo Karad Wajhullah Bood
Shahbaaz Lamakani Jaan E Oo
Rehmatal Lil Aalameen Dar Shaan E Oo
Mehtareen O Behtareen E Ambiyaah
Juz Muhammad Naist Dar Arz O Samaa
Aan Mohammad Hamid O Mahmoud Shud
Shakal E Abid, Sorat E Ma’bood Shud
Auliyah Allah O Allah Auliyah
Yani Deed E Peer Deed E Kibriyah
Her Ka Peer O Zaat Haqra Aik Na Deed
Nai Mureed O Nai Mureed O Nai Mureed
Maulvi Hargiz Na Shud Maula E Rum
Ta Ghulaam E Shams Tabraizi Na Shud
Rumi -
parana_de_rio 16w
मन के तूफान को मोड़ना सीख लो
जिंदगी रोज़ तुमको यूं तूफ़ान देगी
आसमां चीरने कोई जाता नही
सब्र रब, ये मौका, कोई विहान देगी
जब लगे, के तुम कुछ भी न हो
हो क्या तुम, खबर ये,तिरी जान देगी
सुनना बडा़ सब्र रखकर उसे
संगीत जब कोई शमशान देगी
इरादों को पत्थर, बना कर चलो
ठोकरों देख तुमको भी ज्ञान देगी
मंजिलो का कहूं क्या बेवफा हैं बहुत
पहले जो पहुंचे उसे मान देंगी
अतिरेक -
सफर का मुस्कुराना भी
सुहानी शय के बस नही
रख लो बांध होंठो पर, यूं
बह जाना भी, बस नही
अतिरेक
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_siddiqui__ana_ 16w
तकिए के नीचे दबाकर रखे है तुम्हारे खयाल,
एक तस्वीर , बेपनाह इश्क और बहुत सारे साल।
©_siddiqui__ana_ -
_siddiqui__ana_ 16w
मोहब्बत कैसी भी हो कसम से,
सज्दा करना सिखा ही देती है।
©_siddiqui__ana_ -
_siddiqui__ana_ 16w
न पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहते हैं
वो बे-क़रार रहे जिस ने बे-क़रार किया!!
©_siddiqui__ana_ -
kp_singh 16w
In winter I met you, In spring I tried to forget you!
If you were not meant to be mine forever, then why in my life God sent you! -Kps©2022
#kpspoetry #kpsquotes #lovequotes #lovepoems #destiny #love #heartbreakIn winter I met you, In spring I tried to forget you!
If you were not meant to be mine forever, then why in my life God sent you!
©kp_singh -
messedups 16w
People just use you to get out of their pain and sufferings and when they are finally out of it, they push you into one.
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kp_singh 16w
आज गया था खुद को दिखाने एक तजुर्बेकार हकीम पर,
आते आते उनसे पूछा, अच्छी सेहत के लिए कोई परहेज़
बताइए!
वो बोले याद रखिए: किसी बेवफ़ा से ना कभी दिल लगाइए!
जिसे आदत हो अंधेरे की, उसके लिए कभी ना खुद को जलाइए!
अगर फिर भी कर बैठो ये गुनाह इश्क का,
तो चुप चाप दर्द सहिए और मुकुराइए!
किसी बेवफ़ा से ना कभी दिल लगाइए!
Today I went to show myself to an experienced Hakeem,
While coming back, I asked him, tell me any secret for good health! He said, remember: Never fall in love with any unfaithful person!
Never burn yourself for the one who is used to darkness!
Even if you still do this crime of love,
So silently bear the pain and smile!
Never fall in love with someone unfaithful! -Kps©2022
#unfaithful #betrayal #kpspoetry #kpsquotes #kpsshayariआज गया था खुद को दिखाने एक तजुर्बेकार हकीम पर,
आते आते उनसे पूछा, अच्छी सेहत के लिए कोई परहेज़
बताइए!
वो बोले याद रखिए: किसी बेवफ़ा से ना कभी दिल लगाइए!
जिसे आदत हो अंधेरे की, उसके लिए कभी ना खुद को जलाइए!
अगर फिर भी कर बैठो ये गुनाह इश्क का,
तो चुप चाप दर्द सहिए और मुकुराइए!
किसी बेवफ़ा से ना कभी दिल लगाइए!
Today I went to show myself to an experienced Hakeem,
While coming back, I asked him, tell me any secret for good health! He said, remember: Never fall in love with any unfaithful person!
Never burn yourself for the one who is used to darkness!
Even if you still do this crime of love,
So silently bear the pain and smile!
Never fall in love with someone unfaithful!
©kp_singh -
बेचैनी
यूं तो पहले ही दीवाना था आपकी प्यार में
आपकी अदाओं ने दिल को और बेचैन कर दिया ।
©go4sandeep -
Romantic
ज़हन में तेरा एक ख़्याल जो मुझे खूबसूरत होने का एहसास दिलाती है .....
©go4sandeep -
✍️सहलेखन✍️
तवज्जो न दी तब, चलो माना वक़्त की कमी थी,
बाद दरकार जब न की, जाने नीयत ही नहीं थी।
©jigna_a
चलो अब भी देर नहीं है, वजह है तो अंधेर नहीं,
कसक ग़र कुरेद रही है, वक्त बड़ी है दिलेर जबीं।
©anandbarun -
rahat_samrat 17w
गीत- आखेट
***********चाल छद्मी, द्वेश तापस, अग्नि रूपी शीत पाने।
अति विषम आखेट को जाता मनुज क्यों जीत पाने,
न्यून होती कल्पना को दे रहा आधार नश्वर,
मैँ बड़ा, मैँ ही अधम, है आत्मा का द्वार नश्वर।
क्यों विरोधाभास में तपकर चला, दिनकर नही तू,
रिक्त मन मानस हृदय की ताप है, मनहर नही तू।
छद्मवेशी, हिय प्रमादों से सरलतम मीत पाने,
अति विषम आखेट को जाता मनुज क्यों जीत पाने।
हो रहा आभास यदि मैँ ही तुहिन कण, त्राण है तू,
पोखरों में मग्न कुम्भी सा निखरता, प्राण है तू।
भान तुझको क्यों नही तू ज्योत है प्रारब्ध मन का,
ना क्षणिक विस्मृत प्रशंसक ओज रविकर आगमन का।
हिय पिपासा त्याग चल प्रारब्ध पथ संगीत पाने,
अति विषम आखेट को जाता मनुज क्यों जीत पाने।
ज्यों क्षितिज मेँ धार गंगा सी प्रवाहित अनवरत है,
ओस अम्बर अरु क्षितिज का सम्मिलित विस्तार खत है।
क्षण वहीं लावण्य सागर मृदु नदी से भेंट करता,
पल निहित है, बाध्य मनु क्यों खोल मुट्ठी रेत भरता।
जब प्रकृति आबंध में संग झूमती रणजीत पाने,
अति विषम आखेट को जाता मनुज क्यों जीत पाने।
©rahat_samrat
