तो क्या हुआ जो तू मेरे पास नहीं,
तेरे बिना भी दिल मेरा धड़कता है!
तो क्या हुआ जो ये शाम अब हमारी नहीं,
तेरे बिना भी ये सूरज यूं ही ढल जाता है!
तो क्या हुआ जो तुझे मेरी परवाह नहीं,
तेरे बिना भी खुद का ख्याल रखना आता है!
तो क्या हुआ जो तुझे अब मुझसे इश़्क नहीं,
तेरे बिना भी खुद से इश़्क करना सीख लिया है!
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