ज़िन्दगी .....
©man_ki_pati
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man_ki_pati 28w
यूँ बिन मौसम बरसात..
सीहरती हवाएं...
और बिखरे जर्द पत्ते..
जैसे अकारण ज़िन्दगी से अल्हदगी..
बेसुध हालत..
और टूटी हुई मैं.....
यूँ कुछ अल्फाजो के दायरे में...
मैंने लिख दिया हाल ए ज़िन्दगी को..
Hashin log Hashin baten hashin pal hashin yadein e jindgi tujhse in sab ke baad hamhe hashin maot bhi chahiye..!