हाथ जोड़ कर आज मान ली,मैंने रति से हार
बताओ क्या करते हम?
सादा जीवन जो भी कुछ है,वही मुझे स्वीकार
बताओ क्या करते हम?
प्रिय के भैया बड़े लड़ैया पापा थानेदार
बात-बात पर झगड़ा करते ले उठते तलवार
हो जाती है बात-बात पे,गोली की बौछार
देख उन्हें झट प्रेम के सपने,हो जाते बेकार
बताओ क्या करते हम?
हाथ जोड़ कर आज मान ली,मैंने रति से हार
बताओ क्या करते हम?
प्रिय के घर में पैसा खुब है,और नही दरकार
चाचा मंत्री,ताऊ सांसद,घर में ही सरकार
बड़े-बड़ों में गिनती उनकी,तगड़े रुतबेदार
अपनी साइकल भी टूटी है,उनकी कइयों कार
बताओ क्या करते हम?
हाथ जोड़ कर आज मान ली मैंने रति से हार
बताओ क्या करते हम?
प्रिय के घर में चार द्वार,औ सब पे चौकीदार
सब पे मोटे तगड़े कुत्ते,सब-के-सब खूँखार
कभी देखते यदि दिख जाते,पड़ती भीषण मार
चार-चार कंधों पर पड़ता बे-मतलब का भार
बताओ क्या करते हम?
हाथ जोड़ कर आज मान ली मैंने रति से हार
बताओ क्या करते हम?
©Suryam Mishra