आंगन में जल ,राख हो गई थीं,
मेरी राख तलक बची नही थी,
सजी उस दिन बहुत दुल्हन तेरी,
मेरे जैसी मगर सजी नहीं थी!
-शायरा
आंगन में जल ,राख हो गई थीं,
मेरी राख तलक बची नही थी,
सजी उस दिन बहुत दुल्हन तेरी,
मेरे जैसी मगर सजी नहीं थी!
-शायरा