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आंसुओं को हँस के कोई हँसी में बदले..
बदलता होगा... पर यकीन सा नहीं होता,
कोई फूलों की मरने के बाद भी तारीफ करे..
करता है करता भी होगा बस यकीन सा नहीं होता,
तेरे साथ दिल तो मिल गया पर तू सम्भाल रखेगा..
सम्भाल के रखेगा हो सकता पर यकीन सा नहीं होता,
जितना इश्क़ फरेबी मेरे साथ हुआ किसी के साथ सच्चा भी होता है..
होता होगा.. पर यकीन सा नहीं होता,
कहता तो है तू आंसू आँखों में आने नहीं देगा..
हो सकता है तू इतना खुश रखे तू रख भी लेगा.. पर यकीन सा नहीं होता,
दुनिया तो फिर भी दुनिया है Gannu..
मुझे तो आजकल शीशे पर भी यकीन नहीं होता..!!!
©gannudairy_
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gannudairy_ 8w
सुबह गले लगाया शाम ठुकराया ऐसी हुई रिवाज-ए-मुहब्बत,
रोज दिखते दिल रूलते पैरों में कि अब यकीन सा नहीं होता..!!
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