देखा होगा आपने भी पीपल वृक्ष के नीचे मुझे,
मैं वहीं माटी की मूरत हूं जो शोभा थी कभी आपके घर की,
हुई थोड़ी सी खंडित तो बाहर का रास्ता दिखा दिया,
ये भूल गए मेरे आकर्षण का मोल कितना अच्छा अदा दिया,
शिल्पकार ने मन चाहा वैसा आकार बना दिया,
उस पर रंग चढ़ा कर माटी की कीमत को बढ़ा दिया,
आज पड़ी हूं उसी खुले आसमान के नीचे,
जैसी पहले थी आंधी-पानी ने मिल कर मुझे फिर से माटी में मिला दिया।
©palbhagya
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palbhagya 108w
कई बार हम लोगों ने देखा होगा किसी पीपल वृक्ष के नीचे खंडित मूर्तियों को, बस मैं उन्हीं खंडित मूर्तियों की मनोदशा का वर्णन करने की कोशिश कर रही हूं आशा हैं आप सभी को पसंद आए।।
अगर कुछ कमी रह गई हो तो आप सभी से विन्रम निवेदन हैं कि अपने सुझाव दे।
#devotional #life #thought #diary @mirakee
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देखा होगा आपने भी पीपल वृक्ष के नीचे मुझे,
मैं वहीं माटी की मूरत हूं जो शोभा थी कभी आपके घर की,
हुई थोड़ी सी खंडित तो बाहर का रास्ता दिखा दिया,
ये भूल गए मेरे आकर्षण का मोल कितना अच्छा अदा दिया,
शिल्पकार ने मन चाहा वैसा आकार बना दिया,
उस पर रंग चढ़ा कर माटी की कीमत को बढ़ा दिया,
आज पड़ी हूं उसी खुले आसमान के नीचे,
जैसी पहले थी आंधी-पानी ने मिल कर मुझे फिर से माटी में मिला दिया।