खुश है खुश नहीं भी है तो क्या है
कुछ है कुछ नहीं भी है तो क्या है।
आरज़ू है ना खोऊं तुझे मैं कभी
तू है और नहीं भी है तो क्या है।
बातें और हो सकती थी कहने को
चुप है और नहीं भी है तो क्या है।
ना मैं वो ना तू वो ना वक़्त वो अब
पर्दा है और नहीं भी है तो क्या है।
अब कोई माजरा तो नहीं दरमियाँ
इश्क़ है और नहीं भी है तो क्या है।
©nikkutiwari_
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