20-07-21(8:05AM)
माँग लेतीं हंस कर तो जान भी दे देते.....पर तुमने तो पीछा छुड़ाना वाज़िब समझा....जान से ज़्यादा माना था तुमको हमने...पर तुमने तो राह चलता मुसाफ़िर समझा ©tanish_ji
मुसाफिर समझा ............
लगाकर दिल से दिल कुछ लम्हो में ही अजनबी करदिया
काश दो बातें अपने दिल की पूछ लेती
पर तुम ख़ामोशी से मेरी ज़िन्दगी से दूर चलिगई
तबाही की गबाह बनकर ख़ामोशी ही साथ रही
तन्हाई में चीख चीख कर ख़ामोशी
आँखों के रास्ते से कतरा लहू का बहाते nnचली
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