मुखातिब हूँ इस बात से भी,
कि कोई आने वाला नहीं है,
हाथो की लकीरों को छुपाने
इसलिए आस लिए बैठा रहता हूँ,
हथेली की लकीरों के सहारे।
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मुखातिब हूँ इस बात से भी,
कि कोई आने वाला नहीं है,
हाथो की लकीरों को छुपाने
इसलिए आस लिए बैठा रहता हूँ,
हथेली की लकीरों के सहारे।
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