जीवन वृक्ष
स्त्री
जड़ है, नीँव भी,
संसार में जीवन वृक्ष को
जकड़कर रखती।
स्वभाव है उसका
नेह पोषण को संजोकर रखती,
समय समय पे
पर्ण,पुष्प,शाखाओं को
सिंचित करती।
पुरूष तना है
क्या इसीलिए तना है?!
ना, सही नहीं यह
वृक्ष का आधार बना रहे
वो फलता-फूलता रहे
तभी तो वो अकड़ा हुआ है।
दोनों पूरक है
मानते हैं हम,
अपितु याद रहे,
जड़ें कमज़ोर हो गई
तो कुछ ना बचेगा,
प्रेम नीर देना उसको
वर्षो तक तरु यूँ ही खड़ा रहेगा।
©jigna_a
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jigna_a 36w