संग-ए-दिल हूँ, फिर भी दिल में उसका सय्याल रखता हूँ,
वो मेरा ख्याल रखती है, मैं उसका ख्याल रखता हूँ!
वो मुझको मासूम कहती है, गुनहगार हूँ जबकी,
वो दिल में इश्क रखती है, मैं दिल में दाग रखता हूँ!
वो अमीर हैं दिल की, मैं फकीर हूँ दिल का,
वो रोज़ देती है ,मैं रोज़ नयी मांग रखता हूँ!
©shayरा