"प्रेमातिरेक"
भाग - ६
मैं पाद-चिन्ह सा कुचला हूँ,
तुम आभा हो मुख-मंडल की।
मैं पानी सा बेस्वाद हुआ,
तुम खुशबू जैसे संदल की।
प्रखर कुशवाहा 'Dear'
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prakhar_kushwaha_dear 56w
#prematirek
जल्द ला रहे हैं आपके लिए,,
"प्रेमातिरेक भाग - ६"
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