सभी ख्वाहिशो को कहीं दफ्न करके ,जीना ही क्या जिंदगी है बतादो।
सबसे छुपाकर ये घूंट आंसुओ के,पीना ही क्या जिंदगी है बतादो।
©kanchanjha
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kanchanjha 16w
सभी ख्वाहिशो को कहीं दफ्न करके ,जीना ही क्या जिंदगी है बतादो।
सबसे छुपाकर ये घूंट आंसुओ के,पीना ही क्या जिंदगी है बतादो।
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