सुकूं हैं तेरे दिल की धड़कनों में जो सनम
क्यूँ बदलू वो रास्ता जहा आ पड़े हैं मेरे कदम
तू ही है जो सपने भर गया है
तू ही है जो रोना सिखा गया है
अहसासों का मंजर तू ही है
ज़िन्दगी का मतलब भी तू ही है
तू है तो मैं हूँ तू नही तो मैं नहीं
फिर क्यूं बदलू वो रास्ता
जो तेरे करीब मुझे ले जाता
क्यूं डरू उस इंतजार से
जिसके अंत में तुम खड़े हों....!!
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monadeep 57w