जब टूट रहा था राहों में,
एक ठोकर सब ने मारी है।
मेरी हस्ती यादों में तक,
कांटो की भरमारी है।
मैं दुआ करूं की रातों को,
बस नींद चैन से आजाए।
तस्वीरें अक्सर दिखती है,
दूर कहीं वो खो जाए।
तकलीफ तो होगी ख्वाबों में,
यादें जो इतनी सारी है।
बस जो चाहा वो पाऊं मैं,
वो कोशिश अब भी जारी है।
©shailesh_pathak07