अजीब इश्क़ ❤️
जिंदगी यूं हर मोड़ पर ख़फा नहीं होती
बेवफ़ा से चाहकर भी वफ़ा नहीं होती
यूं तो मोहब्बत जमाना करता है
मगर मोहब्बत मुकम्मल हर दफा नहीं होती
मैं चाहकर भी ढक नहीं सकता इश्क़ को अपने
छिपाना तो फिर भी अच्छी आदत नहीं होती
मशगूल रहकर तेरी यादों में रात - दिन
मगर तेरी यादें मुझे तेरा होने नहीं देती
गुनाह नहीं है इश्क जो सजा हो इसकी
मेरी जान इश्क़ में कोई धारा या दफा नहीं होती
जिंदगी यूं हर मोड़ पर ख़फा नहीं होती
बेवफा से चाहकर भी वफ़ा नहीं होती
©Dev ✍
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devdiwan 53w