शहीद भगत सिंह
लोरी सुनने कि उम्र थी,
पर तुने तिरंगा उठा लिया।
चैन से सोने का समय था,
पर तुने औरो कि नींद को ही उडा दिया।
जिस उम्र में बच्चे,
माँ का आँचल पकड कर चलना सिखते हैं,
तुने भारत माँ का हाथ थाम लिया।
परिचय तो तुझे खुद का भी मालूम ना था,
पर इनकलाब का नारा तुने लगा दिया।
आँखें भले हि छोटी हो,
पर सपने बहुत बड़े थे तेरे।
उम्र भले हि कच्ची हो,
पर इरादे बहुत पक्के थे तेरे।
बिना थके, बिना रूके चलता गया तु अपनी राह पर,
न कभी पिछे मुड कर देखा, न डरा तु किसी मुकाम पर।
तभी तो आज ये देश आजाद है,
और हर भारतीय जबान पर तेरा नाम है।
न तेरी कुरबानी खाली गई, न ही तुझे कोई मार पाया,
अमर है तु, अमर ही रहेगा,
हर भारतीय की सोच में है तेरा साया।
शहीद भगत सिंह कहते है तुझे,
और तेरी शहादत को आज तक कोई भूल नहीं पाया।
- प्रेरणा राठी
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Psychotherapist (trainee) http://www.pinterest.com/koraakagazzz https://www.instagram.com/invites/contact/?i=6c51iz6rwf7e&utm_content=lc0e3qf
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माना कि अकेले हैं हम,
मगर अकेले ही काफी हैं हम।
माना इस समय थोड़ा डगमगाएँ हैं,
पर खुद को संभालना भी जानते हैं हम।
माना वक्त की उस लहर में,
रेत की तरह बह गए हम,
मगर अपनी कश्ती को,
पार लगाना भी जानते हैं हम।
माना इस आँधी में बहुत कुछ खो गया हमारा,
पर खुद को खोजना भी जानते हैं हम।
माना कि अकेले हैं हम,
मगर अकेले ही काफी हैं हम।
- प्रेरणा राठी
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सवाल
बिखर गए हैं हम जिंदगी के एक सवाल से,
कैसे कांटेगें हम इसे तेरे जाने के बाद में।
- प्रेरणा राठी
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मौत का बहाना
तू तो चला गया इस दुनिया से मुँह मोड कर,
मुझे अकेला ही यहाँ छोड़ कर।
जाते-जाते ये तो बता जाता,
नहीं आएगा तू फिर कभी इस जहां में लौटकर।
बहोत मनहूस था वो सवेरा, जब तू जागा ही नहीं,
ऐसा लगा जिंदगी का सूरज निकला ही नहीं।
तुम तो बड़े बेवफा निकले जनाब,
वादे किए उम्र भर के,
और आज अधूरा ही छोड़ गए हमें आप।
तुझसे मोहब्बत की है, तो तेरी जुदाई भी सह लेंगे,
काटँ लेंगे तेरे बिना जिंदगी, पर बस काटँ ही लेंगे।
और कोई उम्मीद तू हमसे मत रखना,
मेरे मुसकुराने कि न कोई दुआ करना।
न निकले मेरी आँखों से दरिया,
ऐसी न ही तू कोई फ़रियाद करना।
तेरी यादो से जुदा हम हो नहीं पाएँगे,
वो क्या है न की,
तेरे वाला ईश्क हम किसी और से कर नहीं पाएँगे।
पता है, मुमकिन नहीं है तेरा लौटकर आना,
पर उतना ही मुश्किल है, सिड का नाज से अलग हो पाना।
रोज याद करेंगे तुझे सौ दफा अपनी दुआओ में,
तू भले ही भूल जाना,
पर हम पास होंगे अपने मोहब्बत के सारे इमतीहानो में।
तुझसे बहोत कुछ सीखा हैं हमने,
जिंदगी का हर पाठ पढ़ा है हमने तुमसे।
तुमने हमें हमारे पैरों पर खड़ा होना सिखाया,
पर परीक्षा लोगे हमारी, ये तो कभी न बताया।
तुझे लगता हैं अब हमें तुम्हारी जरूरत ही नहीं,
आकर देख तो एक दफा,
तेरे बिना जिंदगी का कोई मतलब ही नहीं।
कोई आहट हुई तो लगा के तू आ गया,
मगर ख्वाब था मेरा,
जो फिर एक बार तेरी याद दिला गया ।
मेरी गोद में ली हुई वो तुम्हारी आखरी साँसे,
आज भी याद हैं मुझे,
जब तुम मेरे पुकारने पर भी नहीं जागे।
जिंदगी मेरी पूरी पलट ही गई,
जब तेरे दिल की धडकने रूक ही गई।
तेरे हाथों ने फिर हाथ मेरा कभी ना थामा,
और फिर चला गया तू, करके मौत का बहाना।
- प्रेरणा राठी
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आज फिर
आज फिर आँखो से पानी बरसा है,
आज फिर हमारा दिल तड़पा है,
आज फिर उजाले में ही अंधेरा हो गया,
गैरो से क्याँ शिकायत करू,
आज फिर कोई अपना ही हमें तनहा छोड़ गया।
- प्रेरणा राठी
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हाल
हाल ना पूछना हमसे हमारा,
कुछ कह न पाएँगे हम।
न पूछा तुमने ये तो,
आगे न बढ पाएँगे हम।
और फिर भी अगर पूछ लिया,
तो सहम जाएंगे हम।
- प्रेरणा राठी
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कैसे हो तुम?
बात करने का मन तो करता है तुमसे,
लेकिन हिम्मत नहीं होती।
तुम पुछोगे कि "कैसे हो तुम"?
हर दर्द कि सुबह नहीं होती।
तुम्हारे इस सवाल से,
हमारे अंदर तूफान आ जाता है,
क्याँ कहे, क्याँ न कहे,
दिल कुछ समझ नहीं पाता है।
तुम्हें अपना हाल समझाएँ कैसे,
एक बार ये ख्याल आता है।
"हम ठीक है ", कह कर
हमारे होंठों से मुस्कुराहट का,
साया भी चला जाता है।
ये सवाल हम तुमसे,
पूछने से भी डरते हैं,
न जाने क्याँ - क्याँ कहोगे तुम,
इस ख्याल से ही सहम जाते हैं।
पर फिर तुम्हारे चहरे से भी,
खुशी का नाम चला जाता है।
"हम ठीक है ", कह कर,
तुम्हारा ध्यान कही और चला जाता है।
इस सवाल को छोड़कर,
फिर हम आगे बढ़ जाते है,
तूफान को रहने के लिए,
घर हम ही दे जाते हैं।
- प्रेरणा राठी
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उम्मीद
आज फिर एक बार दिल में उम्मीद जगी हैं,
आज फिर एक बार हमारे होंठों पर हंसी खिली है।
पर उसकी वजह तुम नहीं हो जनाब,
हमारी कामयाबी कि एक और सीढी है।
- प्रेरणा राठी
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ख्वाबो कि दुनिया
देखनी है मुझे भी वो दुनिया जहाँ परिया रहती हैं,
सुना है वहाँ हर खवाईश पुरी होती हैं।
बहती नदी का पानी चमकता हैं,
और जहाँ हर फूल खिलता है।
मछली थोड़ा सा इतराती हैं,
सबको उछल कर दिखलाती हैं।
उगता सूरज सबके लिए खुशीयाँ लेकर आता है,
रात को चंदा सुकून की नींद सुलाता हैं।
निले आसमान में तारे अपनी रोशनी फैलाते हैं,
और जुगनू टिम टिमाते हैं।
बादल सफ़ेद सी रूई कि रजाई बन जाते हैं,
और पेड लहरा-लहरा कर गाते है।
जहाँ का आसमान गुलाबी होता है,
और साथ में ईदंरधनुष भी दिखता है।
- प्रेरणा राठी
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प्यार
असी जिंदगी साडी तेरे पिछे रोलया,
पर तु न मेरे तो कदी भी बोलया।
जिंदगी कड दी सारी तेरे इंतजार च,
लोको बहोत दर्द है इस प्यार च।
आज फेर पुछ लो अपने यार नु एक वारी,
कदी हो ना जावे धोखेबाज़ी।
जे कसमा खावे, ते ऐतबार न करयो,
जे दगा दे जावे, ते फेर किसे नाल प्यार ना करयो।
- प्रेरणा राठी
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