उनके एक ही मेसेज को बार बार पढ़ते रहना,
जैसे एक्ज़ाम में वही सवाल आनेवाला हो ।।
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In search of truth ...
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ख़ामोश दरिया
बड़ी ख़ामोशी से बहने लगा हूँ अब,
त्सुनामी बनके पूरे शहेर को नहीं उजाड़ना चाहता ।।
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Pain
Describe the pain.
“Live volcano in heart”
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एक डिबिया में बंध कर आया हूँ इस इश्क़ को,
धागा जो उसका पहना था, और वो चेन, सूरज की निशानी वाली
उसमें संभालके रख आया हूँ ।।
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जीने का अन्दाज़ सिखाती हे मूजे
‘मेरे बिना जब दिल खोल के हस्ती हे तब’
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मन
क्या बात हे मन मेरे?
वँहा क्यूँ नहीं रहता जँहा जिस्म का पड़ाव होता हे ।।
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कहते हे की इश्क़ सबसे ख़ूबसूरत एहसास होता हे,
फिर हमेशा सज़ा सा क्यूँ लगता हे।।
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ख़ौफ़
कितना बेख़ौफ़ था में,
एक तू क्या मिला,
ख़ौफ़ से जिना आ गया मूँजे ।।
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ख़ामोश सदाए
क्यूँ ख़ामोश कर जाता हे
जब भी दूर चला जाता हे,
मेरे हलक की आवाज़ हे क्या तू?
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Burned bridge
I have burned the bridge after tiresome waiting of her ‘Yes’
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