चेहरा झूठ बोलता है
तुम मेरी आँखो को पढ़ा करो ।।
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rj_nandy 25w
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ए चाँद तेरा मजहब तो बता..
आज ईद भी तेरी
और कोजागिरी भी तेरी !! -
बेचैन कर रहे हो तुम
तलाश मुझे सुकून की है ।। -
पैसा हाथ का मैल है
और
पिछले १२ महीनो से हाथ साफ है ।।
©rj_nandy -
rj_nandy 53w
हम जिंदगी भर
जमीनों की कीमत
पर इतराते रहे
हवा ने अपनी
कीमत मांगी
तो खरीदी हुई
जमीनें बिक गई ।। -
1️⃣
एक सांवली सी लडकी
एक बावली सी लडकी
कच्ची है उम्र जिसकी
कुछ दिन से जाने किसकी
चाहत मे खो गई है
दीवानी हो गई है
एक सांवली सी लडकी
एक बावली सी लडकी
क्या जाने ख्वाब किसका
आँखों में है संभाले
कुछ सोचती है शब भर
मुँह पर लीहाफ डाले
घर वाले सोचते हैं
जल्दी से सो गई है
एक सांवली सी लडकी
एक बावली सी लडकी -
ना दौलत , ना शोहरत , ना कोई बल मांगे
मन का मंगता उस दाता से इतना केवल मांगे
मंगल को बजरंगी से मै तेरा शुक्र मनाऊं
शुक्र को तू अल्लाह से मेरा मंगल मांगे ।। -
अपना वतन बेहाल दिखाई देता है
पांव पसारे काल दिखाई देता है
हम रोते है जान बचाने की खातिर
उनको बस बंगाल दिखाई देता है।। -
rj_nandy 61w
हजारों फेरें लगाए थे मैंने
उसके मोहल्ले के
कोई किस्मत वाला उसे
सात फेरों में ले गया ।। -
rj_nandy 63w
लोग कहते है
गुमराह कर रहा है कोई
जिसकी राहें गुम हो गई हो
उसे क्या गुमराह करेंगा कोई ।।
©rj_nandy
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rasiika 17w
ना सहा जायेगा मुझसे, और रहा भी जायेगा नहीं
ऐ बेवफा याद कर तूने कहा था तू जायेगा नहीं
ऐ खुदा कुछ कर कमाल, कह दे के वो जायेगा नहीं
नहीं नहीं ये बेचैनी, तू भी समझ पायेगा नहीं
डर ये भी है मुझको के तू अब लौट कर आयेगा नहीं
डर है आ भी गया तो तू, मुझकॊ मिलने बुलायेगा नहीं
सिहर उठती है रूह मेरी पर आंसू पलकों पर आयेगा नहीं
अफसोस के इस कदर तू कभी मुझे चाहेगा नहीं
काश तेरा भी दिल हो के गले लगा ले तू मुझको
एक तरफ दिल जानता है तू हाथ से हाथ भी मिलायेगा नहीं
रात मेरी बीतनी है यही इसी सडक पर
है अंदर मेरे कुछ ऐसा जो घर तक चल पायेगा नहीं
याद आया वादा तेरा मै जानती थी तू निभायेगा नहीं
याद है तूने कहा था कि तू मुझे कभी रुलायेगा नहीं
देख ले मुड़कर एक बार, तेरा कुछ जायेगा नहीं
हाल मेरा फिर आज के बाद कोई आकर तुझे बतायेगा नहीं
अरे ये क्या मुड़कर देख लिया, पर क्यूं ये वो बताएगा नहीं
वो चला भी जाए शायद लेकिन, ये पल मेरे ज़हन से जायेगा नहीं
अब अगर वो रुक भी जाये, मुझको संभाल पायेगा नहीं
हाथ थरथराते है मेरे, मुझसे और लिखा जायेगा नहीं
©rasiika -
बदलती यादें...!!
हम सब किसी ना किसी की यादों का एहम हिस्सा होते हैं...,
पर ये यादें बनती कैसे हैं , हमारा हर एक फैसला इन यादों को सझौता है , पर कब कोनसा फैसला ज़िंदगी को कौनसा नया मोड़ दे और उन पलों को यादों में बदल दे ये कोई नहीं जानता...!!
©vanshika__pareta0102 -
roshni_thelove 18w
विस्मय की बात
एक ख्याल भटकता है अंतर में
दिन रात बीतते है विचरण में
लेकिन हूं अब तो कुछ कुंठित सी
और एक सीमा के बाद स्तब्ध हुई ।।
तन्हा हूं कुछ ऐसी अब तो
एक सदी पहले जो छोड़ चली थी
उन खतों के शब्द लिबास में
हूं छिपी कहीं या घुली हुई ।।
थामू हाथ में कोरा कागज
कोरा ही ले लौट आती हूं
आकार न बनता अब कोई
ये कुछ विस्मय की ही तो बात हुई ।।
साफ साफ अब कुछ नहीं
मानों सबकुछ है धुंधला सा
दूर से सब उजला क्यों दिखता
अब मैला मिला तो क्यों राख हुई ।।
जीवन भरा था एक समय
तब था जीवन रस से दूर कही
अब-भी तो सब नीरस सा लगता है
या मैं वो हूं जो अब अज्ञात हुई ।।
बाहर जितनी उलझी सी हूं
उलझन उतनी ही भीतर भी
मैं खुद से खुद को बचाती हूं
ये कुछ विस्मय की ही तो बात हुई ।।
©roshni_thelove -
ehsaas86 18w
मैं खुद से नाराज़ हूँ
वजह तुम भी हो और मैं भी हूँ,
गलत जो है उसे रोक नही पा रही हूँ
सही जो है वो भी कर नही पा रही हूँ,
वजह तुम भी हो और मैं भी हूँ..
©ehsaas86 -
roshni_thelove 21w
संग तेरे
एक दिन तेरे संग में मैं ऐसी सजना चाहूं
तेरे साथ में साजन मैं भी महकना चाहूं
हाथों में रची हो मेंहदी की लाली
हो वही निशानी तेरे प्रीत की
कुछ जगह छोड़ फिर हो लाल रंग
कुछ चूड़ा कुछ चूड़ी मेरे मनमीत की
पीले से जोड़े में सजी मैं जो आऊ
हो हल्दी की रस्म, धानी मैं बन जाऊं
सखी लिए आए फिर तेरे नाम की महावर
संग पायल के उसको मैं पैरों में सजाऊँ
शहनाई बजे मेरे बाबा के द्वारे
तू आए जो सज धज के मुझको ले जाने
सजी मैं लाल जोड़े में सामने तेरे आऊं
तू हाथ थामे मेरा और मैं तेरी हो जाऊं
संग फेरे ले तू बांधे सात जन्मों की डोरी
मांग में भरे फिर वो लाल सिंदूरी
काले मोती में हो गुथी वो सूत्र तू पहनाए
नाजुक सी एक डोरी जन्मों की बंध जाए
डोली में बैठ फिर संग तेरे आऊं
बाबा का घर छोड़ तेरे संग में बसाऊं
इसी तरह एक दिन में भी सजना चाहूं
तेरे साथ में साजन मैं भी महकना चाहूं
©roshni_thelove -
roshni_thelove 22w
तोहफ़े में घड़ी नहीं
घड़ी भर वक्त दे देना
शिकायतें कुछ कम
तो कुछ खत्म कर देना
©roshni_thelove -
roshni_thelove 23w
हिस्से का किस्सा
अगर तुमसे कर दूं मैं यूं ही इजहार मोहब्ब्त का
कहीं तुम इसे जल्दी समझ नकार तो ना जाओगे?
हाँ अभी भी हुई नहीं हैं मुलाकात कोई
लेकिन बीन मुलाकात के ही बिछड़ तो ना जाओगे?
बंद करके राखी थी जिन डरों को मैं एकदम
तुम्हारे आते ही अब तो खुले हैं सभी ही ।।
लोग कहने को तो कहते हैं किस्से कई
गर मैं हकीकत का किस्सा कहूं
तो क्या तुम समझ भी पाओगे?
कुछ मुलाकात मुमकिन सी होती दिखी है
बादल और पानी की, कहीं सागर के आखिरी छोर पर
उस सावन की बदरी बन कहीं उड़ तो ना जाओगे?
कुछ हल्की-हल्की पुरवाई अभी-अभी चली है
समेट लो ये बातें जो बस मुठ्ठी भर ही हुई हैं
कुछ बातों में बाकी तुम भी रहे हो
कुछ आधी अधुरी सी मैं भी खो गई हूँ
इन किस्सों के बीच में एक किस्सा वही है
जिसका डर था हमेशा से क्या वो हिस्सा यही है?
पता शायद इतना है की तुम साथ हो कहीं तो
लेकिन ख्यालों ने मानों दूरी ही साध ली है
उलझ गई हूंँ मैं तबसे ही वहीं पर
जबसे तुमने मुझसे दूरी मांग ली है
समझ में ना आती हूँ समझ भी ना पाती हूँ
मैं ये कैसी विचीत्र सी कहानी मांग ली हूँ ।।
©roshni_thelove -
roshni_thelove 23w
अबकी सर्दी
अबकी सर्दी जो आना तो थोड़ा वक्त लेते आना
कई मेहमान आते हैं जाड़ों में सबसे मुलाकात करते जाना
सुबह सबेरे घने जंगलों सा कुहरा सजा मिलेगा
वो चबूतरे के पास वाले नलके में तुमको पानी भी गरम मिलेगा
फिर हल्की सी जाड़े की धूप भी खिलेगी
पहन रखना तुम वो माँ की बनाई ऊनी स्वेटर ठंड तब भी लगेगी
टहल आना वो घर से दूर का खेत पूरे रस्ते ओस ही होगी
मत भूलना तुम पास वाला खेत वहीं तो सरसों खिली होगी
फिर आके बैठ जाना उस अलाव के पास जहां बड़े बच्चे साथ ही मिलेंगे
हाथ पैर को सेकते उस अलाव में कहीं नीचे आलू भी दबे होंगे
फिर बटवारा भी होगा सब लोगों में संग धनिया मिर्ची की चटनी के
और मिलेंगे कुछ पकवान बने कुछ सरसों,चने तो कुछ लाए मटर की खेती से
बैठ जाना उन लोगों संग भी जो तुमसा कभी ना जी पाएं
तुमको कुछ सिखलाने ही तुमसे पहले वो हैं आए
फिर मस्तिष्क पटल को पोछ अपने मफलर-दस्ताने कस लेना
छोटी सी तो है जिंदगी इसको भी एक दिन जी लेना
और सुनो यहां दिन का पता नहीं चलता अपनी शहरी घड़ी लेते आना
अबकी सर्दी जो आना तो थोड़ा वक्त लेते आना
©roshni_thelove -
ना वो हमे समझ रहे है
ना हम उन्हें
ना वो हमे समझ रहे है
ना हम उन्हें......
समझ ही,... समझ के बाहर हो चुकी है
तो क्या ही समझेंगे वो हमे।
©stone_heart_anjali2996 -
roshni_thelove 23w
एक हकदार
शुरू हुआ कुछ हफ़्तों पहले
खत्म आज पर होता है
साथ लगा था जन्मों तक का
साथ यही तक चलता है
कोशिश कुछ बेकार थी
या सबकुछ इतना कच्चा था
खत्म हुआ है जो कुछ भी
वो बस इतना ही क्या रिश्ता था?
यकीन हुआ था अभी-अभी
सायद टिके ये कुछ जन्मों या सदी
पर खत्म हुआ बस एक सवाल पर
क्या साथ वही था बस साथी नहीं?
क्या सवाल करु जब कुछ भी जवाब नहीं
या यूं कहूं जो हुआ उसका जवाब नहीं
वो था कुछ जो भी, अभी भी लगा नहीं
या सफर को साथ था बस हमसफर नहीं
कलम उठाऊं उसे लिखने में
तो पन्ने भी उसके कर्जदार हैं
लिखूं उसे तो सब बेकार है
वो सौ कोशिश का एक हकदार है
©roshni_thelove
