तू ही मेरी जिन्द ,मेरी जान, रूह सोनिये ,
तेरे बिना मेरा कोई वजूद नहीं सोनिये ,
मेरे सपने भी तेरी राह देखते हैं ।।
तुझे कभी आंखो से दूर नहीं जानें दूंगा,
क्योकि, तेरे बिना गुज़रा एक पल भी नहीं होगा ,
तुझे देख देख कर जीने की तमन्ना है मेरी ।।
©rk_raju
rk_raju
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rk_raju 31w
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rk_raju 58w
इतना बुरा भी ना समझो हमें ।।
दर्द लिखने की आदत है !! देने की नहीं !!
©rk_raju -
rk_raju 72w
सुना था वफा के बदले वफा मिलती हैं ...
तब कहा थें वो लोग ।। जब भरे प्यार के बाजार में कत्ल हो हम ...
लोग कहते हैं तेरी कातिल वो नहीं ...
©rk_raju -
rk_raju 75w
माना प्यार के खातिर, कपड़े उतार के तेरे साथ सौ गई वो
तुने क्यू जिस्म को नोचा , तु भी जिस्म को ढक सकता था ।।
इतना सरीफ था तो ।।।
©rk_raju -
rk_raju 75w
माना हर बात समझाइ नहीं जा सकती ।।
पर लोगों से सुना था ।। समझने वाले को इशारा काफी है ।।
©rk_raju -
बेरंग शामे, धुंधला सा सवेरा, दिन में ही सूरज भुजा सा लगता है ...
रातों से नींदे, नींदों से आँखे, आँखों से सपने जुदा हैं
बरसों से चलता है , एक ही रास्ता फिर भी मंजिल क्यू नहीं ...
हम भी तन्हा, दिल भी तन्हा,, महफिल भी महफिल नहीं,,
©rk_raju -
rk_raju 76w
तेरे पीछे चल चल में सब कुछ खौ बैठा ..
दिल मेरा तोडा तुने तरस भी नहीं खाया ...
तुने तकलिफ दी FEEL सी
आँखे दोनों ठीक है ,, पर जब पछताया आँखे चार करके ...
©rk_raju -
rk_raju 76w
दिल भी लगाया," इश्क " भी किया तुझसे ..
चाँदनी रातों में " तारें " भी गिनें तेरे लिए
ख्वाब जैसा कोई ख्वाब नहीं था , जिन्दगी में ...
की निद् " टूटे " तो समझ आ जाये मुझे...
©rk_raju -
मैं बेवफा हूँ, में बेवफा हूँ ..
ये " इलजाम " दिया तुने मुझे
क्या खत्ता हो गई थीं, मुझसे ....
क्या गुनाह किया था ...
एक बार भी सोचा नहीं ! मर जाऊंगा, बिखर जाऊंगा तुम्हारे बगैर ।।।।।
©rk_raju -
वो कहते हैं कि हम तुमसे जी भर " प्यार " करना चाहते हैं ...
हम सोचते हैं , वो " प्यार " ही क्या जिससे जी भर जाएँ...
©rk_raju
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बैठे हैं अब तल्क़ इल्ज़ामों के ढ़ेर पर,
तुम आओ तो ज़रा जला कर ख़ाक करें !!
©shriradhey_apt -
sajank 74w
25.12.2020. 7:28pm
People who can't or don't want to choose between love and friendship, they will always choose love over friendship.
#Sj #heart #broken #alone #shayari #Hindi #hindiwriters #love #shej #dishu
@anjali_chopra @cutie123456 @rani_shri @piaa_choudhary @meenuaggप्यार और दोस्ती में
लोग प्यार को चुन लेते हैं,
जिस्म और रूह के कारोबार में
लोग जिस्म के व्यापार को चुन लेते हैं!!
©sajank -
rani_shri 74w
हमारे मोहब्बत की इंतेहा ना पूछना मुर्शिद!
हमें पता है कि तुम हमें नहीं मिलोगे
फ़िर भी हमने किसी और से मोहब्बत की सोची तक नहीं।
~R.S.हमारे मोहब्बत की इंतेहा न पूछना मुर्शिद!
बेवफ़ाओं से भरे ज़माने में भी हमने
सच्ची मोहब्बत की ओर कदम बढ़ा कर
तुमसे बस सच्ची मोहब्बतें की हैं।
©rani_shri -
बातें
ये बातें ही तो हैं,कि बातों-बातों में कुछ यूं हो जाता है
बातों से ही बनते हैं ये रिश्तें,तो कभी बिखर भी जाता है
चलती है ये बातें कहीं से,और आके लग जाती हैं इस दिल पे कुछ इस तरह
कभी फूलों सी खिल उठती हैं इस दिल में,तो कभी चुभ जाती हैं कांटों की तरह
बातें हैं बातों का क्या; कब,किसपे,कैसा असर कर जाए
न जाने किस पल;कोई अनजाना अपना तो कोई अपना पराया हो जाए
©uttamky -
rudramm 74w
थोड़ी देर मैं चुप क्या बैठ गया
उसने सोचा मेरा गला बैठ गया
मैं इस ताक में रहा कि उससे बात हो जाये
उसने इशारा किया तो उसके पास जा के बैठ गया
©__rudram__ -
तितलियाँ पुछ रहीं है हमसे
क्यों तोडे थे फूल
तुम्हारे मोहब्बत के लिए
हम भी मोहब्बत करते
थे फूलों से
©radhawrites -
हलक़ तक आकर रुकें है अल्फ़ाज़ मेरे,
ज़िस्म छू कर ही निकले है एहसास तेरे !!
©shriradhey_apt -
shriradhey_apt 74w
अच्छे दिन ...
बहुत प्यार दिया न उन्होनें, हाँ दिया न तो फ़िर शिकायत कैसी। अरे!! शिकायत नहीं है ये बस ख़ुद से ही सवाल है कि वो ऐसा कर कैसे सकते है मेरे साथ। कभी अजनबी हुआ करते थे हम एक दूसरे से आज देखिए तो ख़ुद से भी अजनबी हुए रहते है। हमारे रिश्ते को देखकर लोग अकसर कहा करते थे कि दोनों एक दूसरे के पूरक लगते है, किसी एक के बारे में कुछ पूछना हो तो किसी से भी पूछ सकते थे, ऐसा रिश्ता था हमारा। शायद उसे हमारी अपनी ही नज़र लग गयी। अच्छे दिन तो कट जाते है आने वाले दिन की इन्तज़ार में पर मुसीबत वाले दिनों का क्या करे। पहले जब वो साथ हुआ करता था तो राज़दार हुआ करता था। किसी भी परेशानी को मुझ तक आने से पहले उससे हो कर गुज़रना पड़ता था। आज ढूढ़ने पर भी वो कहा दिखता है। पता नहीं कब क्या बदलेगा, बदलेगा भी या नहीं, पर इन्तज़ार उन अच्छे दिनों का हमेशा रहेगा।
तुम ही बताओं आयेंगे ना अच्छे दिन ...
©shriradhey_apt -
known_stranger__ 74w
गुनाह
ऐसा कोई गुनाह नहीं,
जिसकी सजा माफी हो,
पर ऐसी कोई सजा नहीं,
जो माफी से बड़ी हो।
©known_stranger__ -
shriradhey_apt 74w
तेरा "हम" ...
तुम तो याद करोगें नहीं मुझे, भूलने का रास्ता मुझे भी बता दो। हो जाओगे न तुम फ़िर से अपनी ही दुनिया में मशगूल, थोड़ा सा किनारा हमें भी थमा दो। माना ज़रूरी है सब तुम्हारे लिए, क्या उन सब में "मैं" नहीं, माना अपने ही हैं सब तुम्हारे, क्या उन अपनों में "मैं" नहीं। गर ऐसा ही है तो क्यूँ ढूढ़ा करते थे तुम मेरी ही "मैं" को अपने "हम" में, क्यूँ रहा करती थी परवाह तुम्हें इतनी, क्यूँ सुना करते थे न तुम मेरी ही "मैं" की बातें तब, क्या तब और अब में सब बदल गया। तुम बदल गए या वक़्त बदल गए। मेरी "मैं" तो आज भी वैसी ही रही बस तेरा "हम" बदल गया।
©shriradhey_apt
