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हमने जो की थी मोहब्बत , आज भी है
तेरी ज़ुल्फो के साये की चाहत आज भी है ,
रात काट टी है आज भी खयालो में तेरे ,
दीवानो सी वोह मेरी हालत आज भी है ,
किसी और के तसव्वुर को उठती नहीं ,
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफत आज भी है ,
चाह के एक बार चाहे फिर छोड़ देना तू ,
दिल तोड़ तुझे जाने की इजाज़त , आज भी है …
rohitsrivastva
इतनी सकती हमे देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना
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अजी जवाना भी राजी हो और तू भी
ऐसी कोई हेरा फेरी हो जाये
मैं कमाल कर दुगा तुझे चाहने में
अगर तू पूरी तरेह मेरी हो जाये -
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मेरी मुहब्बत को कुछ इस तरह हा कहा उसने
जब मेरी माँ को अपनी माँ कहा उसने -
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दुनिया की हर किताब पढ़ डाली माँ के प्यार के सामने सब फीका था
वो मुझे तब से प्यार करती है जब मैं 𝕩𝕣𝕒𝕪 मशीन पे बस लकीर बन के दिखा था
हिसाब लगा के देख लो दुनिया के हर रिश्ते में कुछ काम कुछ आधा निकलेगा एक माँ का प्यार है जो औरों से नौ महीने ज्यादा निकलेगा -
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दुनिया की हर किताब पढ़ डाली माँ के प्यार के सामने सब फीका था
वो मुझे तब से प्यार करती है जब मैं 𝕩𝕣𝕒𝕪 मशीन पे बस लकीर बन के दिखा था
हिसाब लगा के देख लो दुनिया के हर रिश्ते में कुछ काम कुछ आधा निकलेगा एक माँ का प्यार है जो औरों से नौ महीने ज्यादा निकलेगा
मेरी कलम
Rohit srivastava -
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अपनी शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा जरूर।
एक ही निवाला सही पर खाऊंगा जरूर।।
आखिर कब तक आंसूओं से पेट भरता रहूंगा।।
ऐसे कब तक तुझे याद करता रहूंगा।।
उस दिन सबके सर पर शेहरे देखूगां,
पूरी रात रुक कर सातों फेरे देखूंगा।।
वो सात वचन जब लोगी तुम,
ईश्वर की कमस जब लोगीं तुम,
तुम्हारी आंखों में शरम देखनी है।।
उस आग की लफटे भी चीख उठे
अग्नी इतनी गरम देखनी है।।
उस दिन के बाद हर रात मैं नाचूंगा
जिस दिन तुम्हारी बारात में नाचूंगा।।
कोई पुछेगा रुख़सती के वक्त आंखों में
आंसू क्यों नहीं।।
तों मैं कह दूगां...
मेरी महबूब की शादी है मैं नाचूं भी नहीं।। -
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मुझसे इश्क़ करते हुए घबराए पहले तुम्हीं थे
हमारी मोहब्बत में शर्माए पहले तुम्हीं थे
और ये माना कि तुझे बाहों में पहले मैने भरा था
पर मेरे होठों के पास आए पहले तुम्हीं थे -
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मैंने इश्क़ के नाम पे जिस्म की भूख देखि है
मुहब्बत में मैंने बड़ी बेनाम मौत देखि है
के बस बिस्तर तलक लेजाने का नाम प्यार है आज कल
मैंने साबित करने के नाम पे कितनो की इज्जत लुटते देखि है
प्यार को खेल समझ के खेलने वालो मैंने कितनो की जिन्दगिया लुटते देखि है
वादा कसमे तो मानो पतंग की डोर हो मुहब्बत में
न छोड़ने का वादा करने वालो को मैंने मेरी कई कसम तोड़ते देखि है
मुहब्बत में अब वो पहले वाली बात नहीं रेह गयी
हा मैंने मुहब्बत टूट के किया था सायद इसलिये लिखता हु आज कल
मेरे आखो में बस्ती है आज भी कहि वो मैं जब भी पलके झुकता हु हर बार उसकी सकल आसुओ में देखि है -
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ये मैंने कब कहा कि मेरे हक़ में फ़ैसला करे
अगर वो मुझ से ख़ुश नहीं है तो मुझे जुदा करे
मैं उसके साथ जिस तरह गुज़ारता हूँ ज़िंदगी
उसे तो चाहिए कि मेरा शुक्रिया अदा करे
मेरी दुआ है और इक तरह से बद्दुआ भी है
ख़ुदा तुम्हें तुम्हारे जैसी बेटियाँ अदा करे
बना चुका हूँ मैं मोहब्बतों के दर्द की दवा
अगर किसी को चाहिए तो मुझको इत्तिला करे -
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एक चोट दिल पर गहरी लगा गए
मानो मौत की सजा सुना गए..
ये सच है कि ये जख्म अब कभी भरेगा नही
दिल चाह कर भी अब किसी से प्यार करेगा नही..!!
हाँ तेरे जाने से ये दुनियाँ बेगानी लगती है
मेरी दास्ताँ सुनने वालों को..
ये फकत एक कहानी लगती है
जख्म अब भी गहरा है ताजा है और रहेगा हमेशा
देखने वालों को तो मेरी चोट भी पुरानी लगती है..!!
ऐसा कोई दिन कोई बक्त कोई पल नही जाता
जिसमें मुझे तेरा ख्याल नही आता..
नींद से जैसे कोई दुश्मनी सी हो गई है
सीने में साँसो की कमी सी हो गई है..!!
अब कोई और छुएगा तुझे
ये सोच कर पल-पल मरता रहता हूँ..
नज्में लिखता हूँ और उसे रात भर पढ़ता रहता हूँ..!!
अगर कभी मेरी यादो से तेरी आजादी हो जाये
अगर किसी और के साथ तेरी शादी हो जाये
तो हो सके तो मेरे इश्क़ का मुझे दाम देना
अपने बेटे को मेरा ही नाम देना
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आप कहते हैं कि मुझे तुमसे प्यार है
फिर हमें महसूस होता क्यों नहीं?
आप जानते हैं हमारी दुनिया एहसासातों की है
फिर उसमें कुछ खूबसूरत एहसास जोड़ते क्यों नहीं?
जिंदगी भर हाथ थामने का वादा किया था कभी
अब हमारा साथ देते क्यों नहीं?
कितना खेलेंगे मेरे अजीज़ दोस्त
किसी बेहतरीन की तलाश में हैं तो साफ-साफ कहते क्यों नहीं?
©nishtha_rai -
nishtha_rai 40w
I still prefer writing letters with glitter pens,
Even though I don't have your address anymore,
I still prefer reading books made of paper,
Although I am out of roses
you would buy me on our dates,
White roses that I used to water for few days,
Then dried them up to make bookmarks,
And held them close everytime
I fell asleep while reading a book,
I still prefer going out for dinner
than ordering at home,
Even though you aren't around anymore
to look at me with those sharp eyes,
Eyes that used to talk to me
even when you weren't,
I still wear my best dress
and my longest smile,
In memory of the best days of my life,
The ones when I realized that
if I can have you,
I could have the world!
©nishtha_rai -
nishtha_rai 39w
चलो फिर से अजनबी बन जाते है क्योंकि मुझे लगता है दो अजनबियों के बीच का बेमतलब का रिश्ता शायद बेहद खूबसूरत रिश्तों में से एक होता है❣️
जब एक दिन हमको फिर से
अजनबी बन जाना ही था
तो तारीफ़ पूछने की
ज़हमत उठानी क्यों थी
जब जाते वक़्त
नज़रें चुराना ही था
तो घंटों बैठकर
आँखें मिलानी क्यों थीं
जब सब बातों का मतलब
भूल जाना ही था
तो बेमतलब की बातों में
रातें जलानी क्यों थीं
जब बीच रास्ते में
हाथ छोड़ जाना ही था
तो मंज़िल तक पहुँचने की
आस जगानी क्यों थी..
©nishtha_rai -
tanviraj 44w
काश तुमने दिल से कहा होता,
काश तुमने दिल से किया होता,
तो आज तुम्हारे जाने पर,
थोड़ा ग़म भी हो रहा होता।
©tanviraj -
एक नशा , शुरू आँखो से
हम फना, निगाहों पे -
ख्वहिशों का पिंजरा था
मै मानव आदतों का गुलाम
दोनों मे द्वंद, बराबरी का।।
©dil_ne_kuch_to_kha -
चंद मुलाकातें, उम्र भर की बेचैनी।
कुछ यादे, उम्र भर की झूठी हंसी। ।
©dil_ne_kuch_to_kha -
dil_ne_kuch_to_kha 60w
credit by....#Anuj
#nobook #mirakee #dil_ne_kuch_to_kaha
#love #loveislove #mirakeeworldइश्क इक तरफा मे यूँ मशरूर हो जाऊँगा मै।
तू होगी समां काफूर हो जाऊँगा मै ।।
मै अगर मांगू जो तुमसे कुछ देना न तुम।
बरना आशिक नही मजदूर हो जाऊँगा मै।।
मै गर चाहूँ तो चाहूँ तुम न मुझको चाहना।
तुमने चाहा तो मगरूर हो जाऊँगा मै।। -
गम का समंदर है
ये जिंदगी..
दो घूंट हमने भी पिये है।
मेरी जिंदगी का हमनवा न तू सही
तेरे तसव्वुर मे इक उम्र हम भी जिये है।। -
ये मौत बनट्टा हुआ नक्श-ए-कहर सा क्या है,
हर तरफ हवाओं में जहर-जहर सा क्या है,
दिनों को न वो हलचल, शाम को न वो रौनक
इसको शहर क्यूँ कहिये,इसमे शहर सा क्या है।
