वो गली, वो खिड़की
याद है मुझको
वो शहर, वो सड़क
याद है मुझको
वो साथ, वो याराना
याद है मुझको
वो ख्वाब, वो वादा
याद है मुझको
कुछ ऐसा था उनसे नाता हमारा
कि उनकी मोहब्बत
अब तक
याद है मुझको
©saurabh_yadav
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तकलीफ़ तुम्हारे चले जाने का नहीं है
तकलीफ़ तुम्हारे जाने के बाद
अंदर उठते उस दर्द से है
जो हर रात मेरी तन्हाईयों में वापस चला आता है
©saurabh_yadav -
सुनो, लौटना मुनासिब हुआ
तो भी नहीं लौटेंगे
पहली मुहब्बत तकलीफ़ बहुत देती है
©saurabh_yadav
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neha_netra 6w
सफ़र इश्क़ का बस इतना आसान हो ;
कदम थक भी जाए मगर दिल ना थके .!
©neha_netra -
neha_netra 6w
प्रेम का पलड़ा उस क्षण
भारी होता है ;
जब मात्र स्नेह नहीं
दु:ख भी बांटा जाता है .!
©neha_netra -
neha_netra 6w
अच्छा हुआ किसी को तूने
अपने ज़ख़्म नहीं दिखाए ;
तेरे शहर वाले तो जाना सब
नमक के ख़रीदार निकले .!
©neha_netra -
neha_netra 4w
सबने छोड़ दिया था मुझको
एक तकिए के भरोसे पे ;
तुमने देके कंधा अपना ,
मेरी आंखें हल्की कर दी .!
©neha_netra -
neha_netra 2w
इश्क़ बेइंतेहा होकर ;
सच , इंतेहा ही कर देता है .!
©neha_netra -
neha_netra 1w
इश्क़ उम्रें नहीं देखता जनाब ;
सुकून हर उम्र का ज़रूरी मसला है .!
©neha_netra -
थोड़ा रुक जाना था ना करीब उनके
किसको खबर थी यह आखिरी मुलाकात होगी..... -
loveneetm 6d
नींद
नींद क्या विरह रूपी मरूस्थल मे,
भ्रम रूपी ख्वाब और मिलन की बेला,
प्रेम सरोवर के भीतर हृदय की,
करूण व्यथा,
जीवन क्या बिन आत्मा और परमात्मा के,
अधूरा अकेला तन्हा,
और प्रेम रूपी कल्पना और प्रेयसी का साथ,
सूर्य की सुंदर तेजस्वी किरणे,
जिससे प्रकाशित हृदय रूपी गगन,
चहूँ और प्रकाश अनुराग माधुर्य,
ममत्व करूणा का भाव,
साथ क्या किसका,
साथ परमानन्द का,
और उस प्रियतम का,जिसका हाथ,
थामकर बृहद कल्पना से परे,
जीवन की यात्रा करना,
वचन क्या और उसकी वास्तविकता,
उसकी प्रामाणिकता,
उसका सत्य क्या,
वचन हृदय रूपी तरंग सारिणी का सुर,
धड़कन रूपी राग और संगीत का,
माधुर्य गान और अपार आनंद की अनुभूति।
@लवनीत -
बसा बसाया घर छोड़कर
अपनी जमीन से अलग होना पड़ा...
जो मर गया वह मर गया ,
जो बच गया उसे भी सब खोना पड़ा...
कुछ साथ है तो कुछ अपनों से जुदा हुआ...
न जाने क्यों इस कदर खफा खुदा हुआ...
जिंदगी और मौत के बीच,
एक इंसान देखो किस कदर गुमशुदा हुआ...
संबंध कोई दूर-दूर तक ना हो बेशक,
नाता इंसानियत का पर तुम भूलना नहीं...
और कुछ ना कर पाओ तो भी,
करनी पर तुम दुआ भूलना नहीं...
©arzoo_machra -
रासते भर धूप.. ना कोई शजर होगा,
बिन तुम्हारे साथ के, कुछ यूं सफर होगा!
धूप का भी गम नहीं, ना शाम की चाहत,
तुम नहीं हो! यह गिला बस उम्र भर होगा!
इस तरफ देखो, यहां पर खंडहर इक है,
कुछ बरस पहले तो ये भी एक घर होगा!
_अंशुमान__
