खामखाँ
ये जो वफ़ा है हया है
जो भी है बेवजह है
इश्क़ है इश्क़ की सज़ा है
ये मोहब्बत खामखाँ है
©stardust112
stardust112
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stardust112 22w
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stardust112 22w
नही
मुझको ये मुझसा होने नही देती
अजीब कशमकश है
कोई तो बात है जो रात भर सोने नही देती
©stardust112 -
stardust112 22w
बदले
मैं तो ठहरा ही था
फिर भी ये हालात बदले
मैं खुद सा रहा
और वो हर रात बदले
©stardust112 -
stardust112 22w
फर्क
ख़्वाब और तुझमे में फर्क इतना सा है
उसे पाकर भी जी नही सकता।
और तुझे जी कर भी पा नही सकता
©stardust112 -
stardust112 22w
बहाने
नए शहर में भी लोग पुराने मिल गए
तेरी यादो से जुड़ने के फिर बहाने मिल गए
©stardust112 -
बदल
तेरी शख्सियत से
इस कदर बदल रहा हूँ
तू बदलती थी रोज शख़्स
मैं शहर बदल रहा हूँ
©stardust112 -
stardust112 22w
हालात
है मेरे शहर के ये हालात कैसे
कोई ठंड में आज सोया नही है
गरीबी की चादर है छोटी बहुत
हुई है ये ठंडी बरसात कैसी
चादर सड़क पर बिछी है किसी की
न तन ढक सकी है ये औकात कैसी
वो नोटो की देखो बारिश
सड़क पार उस है ये बारात कैसी
हूँ हिस्सा यहां का न है दोष मेरा
था भूखा ये दिन आई हुई है ये अब रात कैसी
गुजरेगा का दिन या गुजरेगा खुद
होगी सुबह ये बात कैसी
©stardust112 -
stardust112 27w
हो गये
कर के हमको तन्हा वो किसी के हो गए
हम जो टूटे न जुड़े वो जुड़े कुछ इस क़दर
हर किसी के हो गए -
stardust112 30w
बेपर्दा
बेपर्दा यहाँ ज़िस्म सभी, नज़रें झुका ली मैंने
फ़ितरत है कातिलो की मुस्करा के कत्ल की
न मुस्कराने की कसम खा ली मैंने
©stardust112 -
stardust112 38w
करदो
कत्ल करदो मेरा, ये किस्सा तमाम करदो
रुसवाई इश्क़ से अब, सरेआम करदो
मोहब्बत की महफ़िल में, बदनाम करदो
बुझा दो दिया, आज फिर शाम करदो
©stardust112
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vaish_02 38w
आज़ाद रूह
दो जिस्मों के मेल के लिए मजहब होता होगा जरुरी ,.
दो दिलों के मिलन के लिए महज आज़ाद रूह ही काफी है ,.
मैंने कहा आज़ाद
जो तन्हाई में भी भीड़ सी खो जाती हैं
आगे तो बैठी है और पीछे भी जोड़ जाती हैं
गम में जादा ठहरती नहीं ,खुशियो में छलांग लगाती हैं
किसी के हाथ की या सावन के बरसात की
छुअन नहीं चाहिए इसे
कोई मन ही मन भा जाये तो अपने आप ही खिल जाती हैं
बहती हवा जहां ले जाये पंखुरी उधर ही मोड़ लेती हैं
अनगिनत ख्वाबों ख्यालों में झूले झूलती है आज़ाद रूह ,
खुद में ही एक दौर छोड़ देती हैं
शाखों से टूटते पत्तो में बस्ती है शिरा जैसी
जो बिछड़ने के बाद भी अपने होने के निशान ले जाती हैं
जब मिलती है मिट्टी से , तो मिट्टी में मिल जाती है
ये कह कर ,
" के मेरे दरख्त की हिफाजत में समां रही हूँ तुझ में,
मेरे अंशो को उस तक ले जाने का फ़र्ज़ जरूर निभाना
हमारा बाहरी साथ छूट गया तो क्या हुआ ?
मेरे अंशो को उस में बसा के मुझे उसके भीतर है समाना "
खैर ! इन् वादियों में गूंजती आवाज़
तुम्हारे गुरूर के बनी ठोससे भरे कानो से परे हैं
इन् छोटे छोटे लम्हो की परवाज़ ,
तुम्हारे नजरिये के दायरे में अडी़ अँखियो से परे हैं
मेरी सस्ती सी कलम ने पिरोये ऐ महँगे से अलफ़ाज़ ,
तुम्हारे रस्मो कस्मो में बंधे घुटते जज़्बातों से परे हैं
एक आपबीती उम़र में तुम्हारा सदियो सा मिज़ाज़ ,
पल में सदियों में टहलती मेरी आज़ाद रूह से परे हैं
मेरी आज़ाद रूह से परे हैं /
©Vaishnavi ♥️ -
anuradhasharma 38w
कहां पता था ?
दूरियों – नजदीकियां ,
दोनों ही जानलेवा हो सकती हैं ।
आजमाईश , किसी की भी मत करिए !
©anuradhasharma -
_pakhi 38w
अब कोई शिकायत नहीं, किसी से भी
ना तुमसे ना खुद से।
ना लोगो से।
ना तुम्हारे दोस्तो से , ना मेरे दुश्मनों से
शुक्रिया समजने के लिए
और थोड़ा सेहने के लिए मेरी नासमझियों को।
शुक्रिया मुझे झेलने के लिए। -
Wabasta hu meh tujse
Yeh tune Jana nahi. -2
Dilse se toh dekh galib
Nighaho se nahi...
©nancy157 -
यू मनमर्जियां बनकर,
तुम रास्ते ना बदला करो, बार-बार।
यूं हर-बार बिछड़ कर,
ना हम मिल सकेंगे इस कदर।
ऐ ख्वाइश तुम समझ सको,
यही करती हूं, मैं मिन्नतें बार-बार।
©jyotsanaanand1999 -
ऑंख उठी है अश्क़ का सिला ढूँढ़कर
दर्द रो पड़े हैं ज़ख़्म का पता ढूँढ़कर
©rudramm -
annu____ 47w
यार तुम कहीं जा रहे हो पर मुझे याद रखना
हम तुम्हें याद रखेंगे
पर कभी तुम अगर मुझे भूल गई
ये मत समझना कि हम तुम्हें भूल जाएंगे।
तुम कहीं भी जाओ पर हमारे दिल में हमेशा तुम ही रहेंगे।
©annu____ -
sweta_singh99 47w
रास्ते पर है नज़रें बिछाएं
शायद यही से बहार गुज़रे
हवाओं के झोंके ने छुआ
तन मन को शायद दिवाने
का प्यार यही से गुज़रे
नदियों का पानी समंदर
से मिलने तेरे घर के पार
शायद यही से गुज़रे
मशहूर हों गए शहर में
शायद जश्न का काफिला
दिल के दरवाज़े से गुज़रे
टूटते तारों से मन्नतें मांगी
शायद आंखों ने की गुस्ताखी अब
सज़ा-ए-गम यही से गुज़रे
©sweta_singh99 -
sachi__ 59w
how would i find someone like that
that feels like you
because when you're gone
leaving me behind,
this darkness scares me
i've nightmares
i turn around to wake you up
& you aren't here.
all i do all day is think about you
miss you
making me hate myself
i close my eyes , there's all those
evenings , laughters i spent
memories hold me
not letting me sleep
my heart screams , " just one call"
just your soft voice,one more time
just pretending you're mine,one more night
i know i m breaking , into pieces
but each one craves for you
still screams
how do i stop this
i dont know
before i realise
i've already texted you 100th time ,
"Hey,can i call you
stick by my side,please stay"
coz' i'm drunk on love.
//maybe i miss you more than i loved you//
©sachidrunk on love/one more time
©sachi
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ग़ज़ल
कोई समझ गया सब कुछ फ़िर समझने की कोशिश में
किसिसे हुई गलतियां किसीको समझने की कोशिश में
ख़्वाब देखता और ख़्वाबों में जीता रहा हर कोई यहां
नींद भी ना हुई नसीब, हकीक़त बदलने की कोशिश में
लगाया दिल किसीसे, किसीको भुलाने के खातिर यहां
कि बार बार बिखरा दिल फ़िर संभलने की कोशिश में
एक उम्र बित गई फ़िर इस दिल को दिल बनाने में यहां
पत्थर हो गया था ये मोहब्ब्त में धड़कने की कोशिश में
©dipps_
