राज़ ही रहने दो
हर राज़ जो जुड़ा है तुमसे,
उसे एक राज़ ही रहने दो।
जो रिश्ते उलझ गए हैं,
उनमें जो गांठ है वो रहने दो।
बड़ी मुश्किल से संभाला है खुद को ,
अब जो रिश्ता बचा है
उसकी लाज तो रहने दो ।
Shwetasingh
©ziyasingh
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ziyasingh 76w
@mirakee @mirakeeworld @hindiwriters @poetrylovers @thoughtfulwonders
#Hindi poem's # beautiful thoughts #me and my☺
जिंदगी एक किताब हैं
एक ऐसी किताब....
जिसके हर एक पन्ने पर
एक नई दास्तां लिखीं हैं !! ✒️
Shwetasingh
©ziyasingh -
ziyasingh 84w
❣️
हजारों रंगों से रंगी-सी
महफ़िल में सजी-सी,
किसी दाद की मुरीद ना...
खुद में यूं रही-सी ।
हर पल में घुली-सी,
किसी रचना की जरूरत नहीं...
खुद में यूं रची-सी ।
बागो में फूल महकार-सी
कलीयो में बहार-सी,
किसी बारिश की मोहताज नहीं..
खुद में यूं बाहार-सी ।
बिन कहे अल्फाज़-सी
ज़हन में उठें जज़्बात-सी,
किसी इश्क की आदी नहीं..
खुद में यूं इश्कबाज़-सी ।
Shwetasingh
©ziyasingh -
वो वक़्त
वक्त की एक धुंधली तस्वीर से
हो गए हो तुम आज कल..
एक वक्त वो भी था
जब हमारी सुबह तुम पर शुरू
और शामे तेरे ख्यालों में खोई होती थी,
आज वक्त का तकाज़ा कुछ है
ना वो तुम हो, ना हम,
ना वो सुनेहरी सुबह हैं,
ना वो चमकीली सी रात .....
वो बातों में अब वो मिठास नहीं रही
जिसके रस में रूहें डूब जाया करती थी,
आज अचानक यूं ही कहीं
टकरा जाने पर भी..
ख़ामोशी से अनजान नज़रों से
गुजर जाया करते हैं...."
Shweta singh
©ziyasingh -
ziyasingh 91w
❤️❤️
Kya janna cahte ho..??
Dil ki tadap..."
Aakho ki nami.."
Hotho ki shisk.."
Roh hi becheni.."
Ya...
Ishq ka pagalpan !!
Shweta Singh
©ziyasingh -
डर से
जब एक छोटी बच्ची
खेल रही होती हैं आंगन में
किसी अंजान के आने पर
डर जाती हैं आखिर वो क्यों।
छुप जाती हैं जाकर वो
माँ के आंचल में
सुरक्षा की सारी सीमाएं जहां
होती है समाप्त बस... वहीं से शुरू होता है
वो आंचल जहां वो डर के नहीं
सुकून से सांस लेती हैं ।
डरती है वो उस साए से
जिसके कदम उसकी ओर बढ़ते हैं
उस फूल सी कोमल बच्ची पर
उसके हाथ जंजीर से तपते हैं।
हैवानियत बढ़ती जाती है
ऐसे फूल मिटते हैं
फिर अक्सर कहते हैं लोग ये
कि क्यूं ये औरों से कटती रहतीं हैं।
जो नहीं जानते बातें ये
वो बेबाकी से कहा ये करते हैं
अरे लड़की है जाने दो
ये ऐसे ही अच्छी लगती हैं।
वो सारी उम्र सोचती हैं कि
क्या गुनाह हैं मेरा लड़की होना
मैं तो सृष्टि निर्माण के लिए बनीं थी
क्या मेरी रचना है बस एक खिलौना।
मेरा अस्तित्व क्या बस
एक पुरुष तक ही सीमित है
क्या मुझे नहीं है जीने का अधिकार
क्यों एक साए के डर से
छोड़ दूं मैं ये संसार..!!
Shwetasingh
©ziyasingh -
Shwetasingh
©ziyasingh -
जो .
इश्क तुम्हारा..
वहम हमारा था...
दिल जुड़ा था मानो....
कुछ ऐसा लगा था बेचारा.....
तेरे साथ वहम भी गुजर गया......
अब ये खुश हैं अकेला ही बेसाहारा.......
Shwetasingh
©ziyasingh -
ziyasingh 101w
@mirakee @mirakeeworld @hindiwriters
#Hindi poem's #loveforever #वक्त_वक्त_की_बातवक्त वक्त की बात
वक्त वक्त ki baat h....
Kal thak ussay वक्त nhi tha...
Aaj hame वक्त nhi h...
Shwetasingh
©ziyasingh -
ziyasingh 102w
Apne रोशन-ए-आबाद़ me
Hame बर्बाद-ऐ-मोहताज na Krna..
Dekha kr चांद sii रौशनी ko
जिंदगी ko andhiyar mat karna...
Shwetasingh
©ziyasingh
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paagal 106w
हिचकी
हिचकी नहीं ये दिलासा है,
के शायद कोई याद कर रहा होगा...
©paagal -
rohitsrivastva 111w
आज के कुछ
अल्फाज़चल कुछ पने कुछ किस्से सुना के आते है
चल आज फिर से दिल दुखाके आते है
चल आ फिर उनके लिये मुस्कुराके आते है
चल आज उनको अपना बना के आते है
बारी मुश्किलों के बाद हमने दिल के दरवाजे खोले है
उनके आने का इलम ना था फिर भी दफ़्तर खोले है
उ ती हजार चिठिया आयी हमारी तबियत पूछने को
हमने बस चंचल दिल से एक दो ही लिफाफे खोले है
तू ना सही तेरा इन्तेजार कर लेगे
तुझसे ना सही तेरी यादो से प्यार कर लेगे
हाथ तू छुरा के जाएगी तेरी यादो के साथ चल लेगे
हम चले गये ये ना समझना साथ छूट गया
जब भी आँखे बंद करोगे बाहो मे तुमको भर लेगे
मेरी हाथो की लकीरो मे नहीं थी तुम
वरना हर लम्हा मै इन हाथो मे तेरे हाथ थमता
तेरे आंसू भी पी लेता दे तुझे मै खुदा का वास्ता
बेचैन मै तेरे लिये आज भी हुँ
यूं ही नहीं मै राते करवटो मे काटता
तुम केह के गलती इश्क़ को बदनाम ना कर
मुझे दे दे अपने हिस्से के सारे गम
करके दुआ मै तेरे हिस्से मे हुँ हर खुशी मांगता
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
anandrajan 111w
हर तरफ है, इश्क का बाजार सजा...
कोई जिस्म की चाह में इश्क खरीद चुका
कोई रूह में बसने वाला इश्क अभी भी ढूंढ रहा।
©आनंद रंजन -
sahildureja06 111w
Poet Ki Poetry 01
सुनिए कवि क्या कहता है??
हा.. हा, सुनिए तो सही...
कवि कहता है...✍️
मरहम की तलाश में..।
दर्द लिख रहा हूँ।।
Find your Way, Identify Life's..✍️
©sahildureja06 -
paveetra 114w
सभ्यता संस्कृति की धज्जियों से ...
विनाश का तांड़व विकराल हो गया ..
मानव के गुनाहगार हस्तक्षेप से ...
प्रकृति का ये हाल हो गया ...!!
©paveetra -
shayar_tera 116w
जिससे बात किये दिन नहीं बीतता था,
आज बिना बात किये एक महीने गुजर गए।
©shayar_tera -
deepti_prabha 115w
बर्बादियों की जीती जागती मिसाल है,
ये जो मेरी ज़िंदगी है ना!
वो बड़ी कमाल है।
©_deeptiprabha_ -
yuvraj04 159w
हर किसी के दिल में धड़कना जरूरी तो नहीं होता।
किसी की आंखों में खटकने का भी अलग ही मज़ा है। -
खौफ
पालता जो रहा वो शजर छोड़ दूँ ।।
डर के क्यूँ हादसों से सफ़र छोड़ दूँ।।
जान पर खेल कर जो बसाया जहाँ,
आज कैसे वही मैं डगर छोड़ दूँ ।।
खौफ में जी रहे मौत है सामने ,
रोटियों के लिये क्या शहर छोड़ दूँ ।।
जिंदगी ये सदा से डराती रही,
मस्त हो कर रहूँ आज डर छोड़ दूँ।।
खौफ का सिलसिला बैठता राह में,
जो हिफ़ाजत रहे तो खबर छोड़ दूँ।।
उलझनें खौफ की जो सुलझती रहें ,
गुनगुना कर वही फिर बहर छोड़ दूँ।।
©anita_sudhir -
rohitsrivastva 117w
मुस्कुरायेंगे
एक बार हम फिर से मुस्कुरायेगे
फिर से उठ जायेगे, लड़े बहोत अब जीत जायेगे
एक बार हम फिर से मुस्कुरायेंगे
थान ली है अब देश को बढ़ायेग
एक दूसरे को हाथ देके फिर से चालना सिखलायेगे
सोच मे परा है क्यों बैठ मत तुझको उठाएंगे
एक बार हम फिर से मुस्कुरायेंगे
चुनौतया गमभीड़ है घिस गए लकीर है
थक नहीं तू चाल निडर साथ मे समसीर है
फिर से हम जायेगे फिर से मुस्कुरायेंगे
देश को बचाएंगे विश्व को दिखलायेंगे
एक बार फिर से मुस्कुरायेंगे
जन्म फिर से हुआ सोच के कदम बढ़ाएंगे
तू डर नहीं तू पथरो से ये खुद हु हट जायेगे
सोच लेगा जो तू अगर तुझको ना रोक पाएंगे
एक बार फिर से मुस्कुरायेंगे
विश्व देखने लगा के हम लौट आएंगे
खुद के साथ हम उन्हें भी बचाएंगे
जिम्मेदारीया बरी है हम मिलके इसे निभाएंगे
एक बार फिर से जीत जीत जायेगे
एक बार फिर से मुस्कुरायेंगे
Fight back with corona and change the india
Be the local for vocal
मेरी कलम
©rohitsrivastva
